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जयपुर: रेस्क्यू टीमों ने 145 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला, कंट्रोल रूम में आई सैंकड़ों शिकायतें

जयपुर में आई तेज बारिश के बाद पूरा शहर जलमग्न हो गया. जिसके बाद राहत और बचाव कार्यों की कमान एसडीआरएफ ने संभाली और 145 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया. इस दौरान जयपुर कलेक्ट्रेट में बनाए गए कंट्रोल रूम में सैंकड़ों शिकायतें आई, जिनका समाधान करने की कोशिश की गई.

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रेस्क्यू टीमों ने 145 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला
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Published : Aug 15, 2020, 4:53 AM IST

जयपुर. राजधानी में शुक्रवार सुबह से ही तेज बारिश का दौर शुरू हो गया. जिसके बाद शहर में पानी ही पानी भर गया. कच्ची बस्तियों से लेकर सरकारी दफ्तरों तक सभी जगहें पानी में डूबी नजर आई. जगह-जगह सड़कों, मकानों, बाजारों में जलभराव, कई जगह मकान ढहने और रास्ते बंद होने की सूचना जिला प्रशासन को प्राप्त हुई. सभी सूचनाओं पर जल्द कार्यवाही करते हुए जिला आपदा प्रबन्धन और अन्य रेस्क्यू टीमों को सक्रिय कर दिया गया. लोगों को समय रहते जलभराव वाले स्थानों से निकालकर सुरक्षित जगह पहुंचाया गया.

184 मिमी बारिश की गई दर्ज

जिला कलक्टर अन्तर सिंह नेहरा ने बताया कि सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक कुल 184 मिमी बारिश जिला कलेक्ट्रेट के कन्ट्रोल रूम पर दर्ज की गई. सुबह 8 बजे से ही जिला कलेक्ट्रेट के कन्ट्रोल रूम पर शिकायतें आने लगीं थीं और दोपहर 2 बजे तक सैंकड़ों शिकायतें दर्ज की गई. कलेक्टर ने बताया कि भारी बारिश के कारण जामडोली से भानपुर कलां जाते समय मित्तल काॅलेज के पास एक गाड़ी बह जाने से उसमें सवार 50 वर्षीय राम प्रताप मीना, 45 वर्षीय पारी मीणा और 2 वर्ष के काना मीणा की मृत्यु हो गई. एक व्यक्ति का शव खोह नागोरियान में मिला है, जिसकी पहचान की जा रही है.

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राहत और बचाव कार्य जोरों पर

पढ़ें: जयपुर: तेज बारिश में 6 लोगों की मौत, मकान हुए ध्वस्त, कार आई पानी में तैरती नजर

एसडीआरएफ ने किए राहत और बचाव कार्य

नेहरा ने बताया कि सिविल डिफेंस की अलग-अलग टीमें गठित कर विभिन्न क्षेत्रों में बचाव कार्य सुबह से ही शुरू कर दिया गया था. एसडीआरएफ की भी 3 टीमें लगाई गई हैं. इसके अलावा नागरिक सुरक्षा के पर्याप्त संख्या में अतिरिक्त स्वयसेवकों को बचाव कार्य के लिए किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा गया है. जलमहल में अत्यधिक पानी की आवक के कारण जलमहल के गेट खोले गए. इससे मानबाग, जयसिंहपुरा खोर की काॅलोनियोें में पानी भर गया. यहां पटवारी एवं ग्राम विकास अधिकारियों द्वारा निगरानी कराई जा रही है. जवाहर नगर कच्ची बस्तियों में भी पानी भर गया जिसे मड पम्प से निकाला गया. घरों में पानी भरने से प्रभावित हुए लोगों को आदर्शनगर उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिविर लगाकर रखा गया है.

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कई जगह ढ़ह गए मकान

पढ़ें: जयपुर में कुदरत का कहर...बारिश ने मचाई तबाही, पानी में ढह गए कई मकान

इसी प्रकार गंगापोल, भट्टा बस्ती, जवाहर नगर, जालूपुरा एवं गिरधारीपुरा में कच्चे मकान ढहने की सूचना पर बचाव कार्य के लिए टीमें रवाना की गई. नेहरा ने बताया कि सराय बावड़ी आमेर में मकान गिरने पर बचाव कार्य कर 2 व्यक्तियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. तेलीपाड़ा चौडा रास्ता स्थित विद्यालय से 16 अध्यापकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. टीला नम्बर 2 से 25 एवं टीला नम्बर 6 से 25 परिवारेां के 100 व्यक्तियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया.

अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने संभाला मोर्चा

जयपुर जिला कलेक्ट्रेट के कंट्रोल रूम में अतिरिक्त जिला कलेक्टर दक्षिण शंकर लाल सैनी ने मोर्चा संभाला. वे कंट्रोल रूम में आने वाली सभी शिकायतों की मॉनिटरिंग कर रहे थे. जहां बड़े हादसे हुए वहां सिविल डिफेंस की टीम को मौके पर पहुंचने के निर्देश भी दिए. बारिश से जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में भी पानी भर गया. एसडीएम आमेर कोर्ट और एसडीएम उत्तर के दफ्तर में भी पानी पहुंच गया.

जयपुर. राजधानी में शुक्रवार सुबह से ही तेज बारिश का दौर शुरू हो गया. जिसके बाद शहर में पानी ही पानी भर गया. कच्ची बस्तियों से लेकर सरकारी दफ्तरों तक सभी जगहें पानी में डूबी नजर आई. जगह-जगह सड़कों, मकानों, बाजारों में जलभराव, कई जगह मकान ढहने और रास्ते बंद होने की सूचना जिला प्रशासन को प्राप्त हुई. सभी सूचनाओं पर जल्द कार्यवाही करते हुए जिला आपदा प्रबन्धन और अन्य रेस्क्यू टीमों को सक्रिय कर दिया गया. लोगों को समय रहते जलभराव वाले स्थानों से निकालकर सुरक्षित जगह पहुंचाया गया.

184 मिमी बारिश की गई दर्ज

जिला कलक्टर अन्तर सिंह नेहरा ने बताया कि सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक कुल 184 मिमी बारिश जिला कलेक्ट्रेट के कन्ट्रोल रूम पर दर्ज की गई. सुबह 8 बजे से ही जिला कलेक्ट्रेट के कन्ट्रोल रूम पर शिकायतें आने लगीं थीं और दोपहर 2 बजे तक सैंकड़ों शिकायतें दर्ज की गई. कलेक्टर ने बताया कि भारी बारिश के कारण जामडोली से भानपुर कलां जाते समय मित्तल काॅलेज के पास एक गाड़ी बह जाने से उसमें सवार 50 वर्षीय राम प्रताप मीना, 45 वर्षीय पारी मीणा और 2 वर्ष के काना मीणा की मृत्यु हो गई. एक व्यक्ति का शव खोह नागोरियान में मिला है, जिसकी पहचान की जा रही है.

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राहत और बचाव कार्य जोरों पर

पढ़ें: जयपुर: तेज बारिश में 6 लोगों की मौत, मकान हुए ध्वस्त, कार आई पानी में तैरती नजर

एसडीआरएफ ने किए राहत और बचाव कार्य

नेहरा ने बताया कि सिविल डिफेंस की अलग-अलग टीमें गठित कर विभिन्न क्षेत्रों में बचाव कार्य सुबह से ही शुरू कर दिया गया था. एसडीआरएफ की भी 3 टीमें लगाई गई हैं. इसके अलावा नागरिक सुरक्षा के पर्याप्त संख्या में अतिरिक्त स्वयसेवकों को बचाव कार्य के लिए किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा गया है. जलमहल में अत्यधिक पानी की आवक के कारण जलमहल के गेट खोले गए. इससे मानबाग, जयसिंहपुरा खोर की काॅलोनियोें में पानी भर गया. यहां पटवारी एवं ग्राम विकास अधिकारियों द्वारा निगरानी कराई जा रही है. जवाहर नगर कच्ची बस्तियों में भी पानी भर गया जिसे मड पम्प से निकाला गया. घरों में पानी भरने से प्रभावित हुए लोगों को आदर्शनगर उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिविर लगाकर रखा गया है.

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कई जगह ढ़ह गए मकान

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इसी प्रकार गंगापोल, भट्टा बस्ती, जवाहर नगर, जालूपुरा एवं गिरधारीपुरा में कच्चे मकान ढहने की सूचना पर बचाव कार्य के लिए टीमें रवाना की गई. नेहरा ने बताया कि सराय बावड़ी आमेर में मकान गिरने पर बचाव कार्य कर 2 व्यक्तियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. तेलीपाड़ा चौडा रास्ता स्थित विद्यालय से 16 अध्यापकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. टीला नम्बर 2 से 25 एवं टीला नम्बर 6 से 25 परिवारेां के 100 व्यक्तियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया.

अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने संभाला मोर्चा

जयपुर जिला कलेक्ट्रेट के कंट्रोल रूम में अतिरिक्त जिला कलेक्टर दक्षिण शंकर लाल सैनी ने मोर्चा संभाला. वे कंट्रोल रूम में आने वाली सभी शिकायतों की मॉनिटरिंग कर रहे थे. जहां बड़े हादसे हुए वहां सिविल डिफेंस की टीम को मौके पर पहुंचने के निर्देश भी दिए. बारिश से जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में भी पानी भर गया. एसडीएम आमेर कोर्ट और एसडीएम उत्तर के दफ्तर में भी पानी पहुंच गया.

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