जयपुर. स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से करोड़ों रुपए खर्च कर परकोटे के बाजारों के बरामदों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है. लेकिन, इसमें बरती जा रही लापरवाही व्यापारी वर्ग को रास नहीं आ रही. बरामदों की छतों पर की जा रही मरम्मत के लिए यहां कुछ खुदाई की गई, लेकिन मरम्मत से पहले बीते दिनों आई बरसात का पानी बड़ी चौपड़ पर स्थित कपड़ा दुकानों में जा घुसा. ऐसे में व्यापारियों ने प्रशासन और सरकार का ध्यान स्मार्ट सिटी के काम की ओर आकर्षित करने की मांग की है.
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कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जयपुर में लॉकडाउन लगा हुआ है. ऐसे में इमरजेंसी सेवाओं की दुकानों के अलावा बाजारों में सभी दुकानें बंद हैं. हालांकि, मंगलवार को एक कपड़ा व्यापारी बैंकिंग वर्क के लिए चेक बुक लेने दुकान आया. उसके शटर ऊंचा करने के साथ ही सामने आया कि सामान गीला हो रहा है, जिसे खराब होने के डर से कई घंटों तक बाहर धूप में भी सुखाया गया.
व्यापारी ने बताया कि बरामदों के जीर्णोद्धार का काम चल रहा है. बरामदों को रिपेयर करने के लिए इन्हें पहले खोद दिया गया और मरम्मत अब तक नहीं की गई. जिससे बीते दिनों हुई बरसात का पानी दुकान में घुस गया. उन्होंने बताया कि बड़ी चौपड़ पर स्थित खंदे में तकरीबन 20 दुकानें हैं, जिनमें से 17 कपड़ों की है और सभी में नुकसान हुआ है. व्यापारियों ने मांग की कि जल्द से जल्द बरामदों के जीर्णोद्धार का काम पूरा किया जाए क्योंकि यदि दोबारा बारिश आती है तो ज्यादा नुकसान होने की आशंका है.
स्मार्ट सिटी की ओर से किए जा रहे बरामदों के जीर्णोद्धार के काम को लेकर पहले भी चार दुकानों के बरामदे गिरने से तकनीकी नियमों की अनदेखी करने का सवाल उठ चुका है. इस बार कपड़ों की दुकानों में बरसात का पानी जाने से व्यापारी वर्ग ने सवाल खड़े किए हैं.