जयपुर. जयपुर विकास प्राधिकरण ने 10 साल बाद (Jaipur Development Authority took care) अमृत कुंज योजना के आवंटियों की सुध ली है. साल 2012 से पट्टा लेकर अपने भूखंड के लिए चक्कर काट रहे आवंटियों को अब नवसृजित योजना ग्राम भम्भौरी में अमृत कुंज द्वितीय आवासीय योजना में भूखंड आवंटित किए जाएंगे.
अमृत कुंज योजना ग्राम कालवाड़ में वर्ष 2010 में सृजित कर भूखण्डधारियों को जेडीए ने भूखण्ड आवंटित किए थे. राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश पर योजना में किसी प्रकार के निर्माण नहीं किए जाने के निर्देश दिए गए थे. ऐसे में आवंटी अपने भूखंड को लेकर लगातार जेडीए के चक्कर काटते रहे. जेडीसी गौरव गोयल ने बताया कि वर्तमान में इस योजना के भूखण्डधारियों के लिए ग्राम भम्भौरी में अमृत कुंज द्वितीय आवासीय योजना का अनुमोदन किया जा चुका है. मौके पर योजना का डिमार्केशन और विकास कार्य प्रक्रियाधीन है. योजना में विकास कार्य पूरा होने के बाद अमृत कुंज योजना ग्राम कालवाड़ के आवंटियों को लॉटरी से भूखण्ड आवंटन की कार्रवाई जल्द शुरू की जाएगी.
बता दें कि जोन 12 में कालवाड़ रोड पर 1205 भूखंडों की अमृत कुंज योजना जून 2010 में जेडीए लेकर आया था. इसके लिए 23 हज़ार 312 आवेदन आए थे. लॉटरी से 1 हज़ार 173 भूखंड आवंटित किए गए. अमृत कुंज योजना से जेडीए ने 31 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित का अनुमान लगाया था. लेकिन अमृत कुंज योजना जेडीए ने बांडी नदी के बहाव क्षेत्र में विकसित की थी. मामला हाईकोर्ट में पहुंचा तो 2014 में तीन दिन में योजना को हटाने के आदेश दिए गए. कोर्ट ने आदेश में पुरानी स्थिति बहाल करने के निर्देश भी दिए थे. हालांकि उस समय जेडीए जोन 12 उपायुक्त अवधेश सिंह ने बहाव क्षेत्र से बाहर कॉलोनी विकसित करने की बात कोर्ट में कही थी.