जयपुर. प्रदेश के भूतपूर्व सैनिकों और उनकी पत्नियों के साथ-साथ भूतपूर्व महिला सैनिक और शहीद महिला सैनिक के पति को भी नगरीय विकास कर से राहत (Relief from UD tax to ex lady soldier) दी गई है. स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक हृदेश कुमार शर्मा ने राज्यपाल के आज्ञा से ये अधिसूचना जारी की.
राज्य सरकार ने 24 सितंबर 2021 से 31 मार्च 2022 तक गृह कर और नगरीय विकास कर जमा कराने पर छूट का प्रावधान तय कर रखा है. जिसके अनुसार पूरा बकाया गृह कर आवासीय, व्यवसायिक भूखंड, भवनों की गृह कर राशि एकमुश्त जमा कराने पर मूल गृह कर की राशि पर 50% की छूट और शास्ति पर शत-प्रतिशत छूट का प्रावधान तय किया गया है.
इसी तरह वर्ष 2021-22 तक का एकमुश्त नगरीय विकास कर की राशि जमा कराने पर ब्याज और शास्ति पर शत-प्रतिशत छूट का प्रावधान तय है. वहीं जिन प्रकरणों में वर्ष 2011-12 से पूर्व का नगरीय विकास कर बकाया है, उन प्रकरणों में एकमुश्त जमा कराने पर उस अवधि के नगरीय विकास कर में ब्याज पेनल्टी की छूट के साथ मूल बकाया में 50% की छूट दी गई है.
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राज्य सरकार ने छूट का प्रावधान 31 मार्च तक निर्धारित किया हुआ है. वहीं अब स्वायत्त शासन विभाग ने एक अधिसूचना जारी करते हुए ये स्पष्ट किया है कि भूतपूर्व सैनिकों/भूतपूर्व सैनिकों की पत्नियों के साथ की भूतपूर्व महिला सैनिक/ शहीद महिला सैनिक के पति को नगरीय विकास कर नहीं देना पड़ेगा. अधिसूचना में यूडी टैक्स में लेवी से छूट के स्पष्ट आदेश दिए गए हैं. राज्य सरकार ने राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 107 (4) के अंतर्गत नगरीय विकास कर से संबंधित विभागीय अधिसूचना में ये संशोधन किया है. इससे पहले यह व्यवस्था भूतपूर्व सैनिकों और भूतपूर्व सैनिकों की पत्नियों के लिए ही लागू की गई थी.