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बड़ी राहत : कोरोना से जान गंवाने वाले मृतक के परिजनों के लिए नियमों में ढील, ऐसे उठाएं लाभ - Chief Ashok Gehlot

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Ashok Gehlot) की घोषणा के बाद कोरोना से जान गंवाने वाले मृतकों के परिजनों को कोविड सहायता देने का काम जयपुर जिला प्रशासन की ओर से किया जा रहा है. मृतक के आश्रितों के लिए राहत की खबर है...

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अब तक 589 आश्रितों को मिली सहायता
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Published : Jul 23, 2021, 12:41 PM IST

जयपुर. जिला प्रशासन की ओर से कोविड सहायता के लिए नियमों में ढील दी गयी है. बड़ी संख्या में मृतक आश्रित सहायता लेने के लिए कलेक्ट्रेट और अन्य एसडीएम कार्यालय में पहुंच रहे हैं. जयपुर जिले की बात की जाए तो अब तक 589 मृतकों के आश्रितों को कोविड सहायता का लाभ दिया जा चुका है. योजना के तहत मृतक आश्रितों को एक लाख रुपये व अन्य योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है.

बता दें कि जिला प्रशासन की ओर से मृतक आश्रितों को सहायता देने का काम मुख्यमंत्री की घोषणा के तुरंत बाद शुरू कर दिया गया था और उसी का नतीजा है कि जयपुर जिले में यह काम तेजी से हो रहा है. अब तक 589 मृतक आश्रितों को यह लाभ दिया जा चुका है. अतिरिक्त जिला कलेक्टर दक्षिण शंकर लाल सैनी ने बताया कि कोविड सहायता देने के लिए सभी को लाभ देने के उद्देश्य से दूसरे दौर का सर्वे करवाया जा रहा है.

शंकर लाल सैनी, अतिरिक्त जिला कलेक्टर...

सर्वे के अनुसार अभी तक 322 विधवा महिलाओं, 261 विधवा महिलाओं के बच्चों और 6 अनाथ बच्चों को अब तक सहायता दी जा चुकी है. इनमें से विधवा महिलाओं को एक लाख रुपये और 1500 रुपये की पेंशन दी जा रही है. विधवा महिला के बच्चों को प्रतिमाह 1000 रुपये और साल में एक बार 2000 दिए जाएंगे. साथ ही अनाथ बच्चों को एक लाख रुपये और 2000 प्रति माह दिए जा रहे हैं. इसके अलावा 18 साल पूरा होने पर 5 लाख रुपये एक मुश्त दिए जाएंगे. अब तक जिले में 3 करोड़ से अधिक की सहायता मृतक आश्रितों को दी जा चुकी है.

पढ़ें : भीषण सड़क हादसा : जयपुर-आगरा NH 21 पर ट्रक को ट्रेलर ने मारी टक्कर, 4 लोगों की मौके पर ही मौत

कोविड सहायता के लिए नियमों में ढील : जयपुर जिला प्रशासन की ओर से कोविड सहायता के लिए नियमों को थोड़ा आसान भी बनाया गया है. एक दस्तावेज नहीं मिलने पर उसके स्थान पर दूसरे दस्तावेज को मान्य कर मृतक के आश्रितों को कोविड सहायता दी जा रही है. एडीएम शंकर लाल सैनी ने कहा कि यदि किसी के पास मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं है तो मृतक की आरटीपीसीआर या
एचआरसीटी रिपोर्ट के आधार पर भी कोविड सहायता दी जा रही है.

जिस अस्पताल में कोरोना मरीज की मौत हुई है, उस अस्पताल के दस्तावेज या मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर भी परिजनों को सहायता दी जा रही है. कोविड से मरने वाले मरीज के मृत्यु प्रमाण पत्र पर अभी भी तक कोविड से मौत लिखा हुआ नहीं आ रहा. नियमों में ढील देने से मृतक के आश्रितों को जल्द सहायता दी जा रही है. सैनी ने कहा कि एक बार सर्वे पूरा हो चुका है और दूसरी बात सर्वे के लिए नगर निगम व एसडीएम को कहा गया है, ताकि किसी भी कोरोना मृतक के परिजन सहायता से वंचित न रहे.

सीएमओ ने मांगी रिपोर्ट : जिस तरह से जयपुर जिला प्रशासन मृतक के आश्रितों को कोविड सहायता देने के लिए कर रहा है, उसकी रिपोर्ट सीएमओ की ओर से भी मांगी गई है. सीएमओ ने जिला प्रशासन की ओर से नियमों में ढील देने की तारीफ की है. शंकर लाल सैनी ने बताया कि जिस तरह से जयपुर जिला प्रशासन आश्रितों को कोविड सहायता दे रहा है, सीएमओ की तरफ से अन्य जिलों को भी उसी तर्ज पर काम करने के लिए कहा जाएगा.

जयपुर. जिला प्रशासन की ओर से कोविड सहायता के लिए नियमों में ढील दी गयी है. बड़ी संख्या में मृतक आश्रित सहायता लेने के लिए कलेक्ट्रेट और अन्य एसडीएम कार्यालय में पहुंच रहे हैं. जयपुर जिले की बात की जाए तो अब तक 589 मृतकों के आश्रितों को कोविड सहायता का लाभ दिया जा चुका है. योजना के तहत मृतक आश्रितों को एक लाख रुपये व अन्य योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है.

बता दें कि जिला प्रशासन की ओर से मृतक आश्रितों को सहायता देने का काम मुख्यमंत्री की घोषणा के तुरंत बाद शुरू कर दिया गया था और उसी का नतीजा है कि जयपुर जिले में यह काम तेजी से हो रहा है. अब तक 589 मृतक आश्रितों को यह लाभ दिया जा चुका है. अतिरिक्त जिला कलेक्टर दक्षिण शंकर लाल सैनी ने बताया कि कोविड सहायता देने के लिए सभी को लाभ देने के उद्देश्य से दूसरे दौर का सर्वे करवाया जा रहा है.

शंकर लाल सैनी, अतिरिक्त जिला कलेक्टर...

सर्वे के अनुसार अभी तक 322 विधवा महिलाओं, 261 विधवा महिलाओं के बच्चों और 6 अनाथ बच्चों को अब तक सहायता दी जा चुकी है. इनमें से विधवा महिलाओं को एक लाख रुपये और 1500 रुपये की पेंशन दी जा रही है. विधवा महिला के बच्चों को प्रतिमाह 1000 रुपये और साल में एक बार 2000 दिए जाएंगे. साथ ही अनाथ बच्चों को एक लाख रुपये और 2000 प्रति माह दिए जा रहे हैं. इसके अलावा 18 साल पूरा होने पर 5 लाख रुपये एक मुश्त दिए जाएंगे. अब तक जिले में 3 करोड़ से अधिक की सहायता मृतक आश्रितों को दी जा चुकी है.

पढ़ें : भीषण सड़क हादसा : जयपुर-आगरा NH 21 पर ट्रक को ट्रेलर ने मारी टक्कर, 4 लोगों की मौके पर ही मौत

कोविड सहायता के लिए नियमों में ढील : जयपुर जिला प्रशासन की ओर से कोविड सहायता के लिए नियमों को थोड़ा आसान भी बनाया गया है. एक दस्तावेज नहीं मिलने पर उसके स्थान पर दूसरे दस्तावेज को मान्य कर मृतक के आश्रितों को कोविड सहायता दी जा रही है. एडीएम शंकर लाल सैनी ने कहा कि यदि किसी के पास मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं है तो मृतक की आरटीपीसीआर या
एचआरसीटी रिपोर्ट के आधार पर भी कोविड सहायता दी जा रही है.

जिस अस्पताल में कोरोना मरीज की मौत हुई है, उस अस्पताल के दस्तावेज या मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर भी परिजनों को सहायता दी जा रही है. कोविड से मरने वाले मरीज के मृत्यु प्रमाण पत्र पर अभी भी तक कोविड से मौत लिखा हुआ नहीं आ रहा. नियमों में ढील देने से मृतक के आश्रितों को जल्द सहायता दी जा रही है. सैनी ने कहा कि एक बार सर्वे पूरा हो चुका है और दूसरी बात सर्वे के लिए नगर निगम व एसडीएम को कहा गया है, ताकि किसी भी कोरोना मृतक के परिजन सहायता से वंचित न रहे.

सीएमओ ने मांगी रिपोर्ट : जिस तरह से जयपुर जिला प्रशासन मृतक के आश्रितों को कोविड सहायता देने के लिए कर रहा है, उसकी रिपोर्ट सीएमओ की ओर से भी मांगी गई है. सीएमओ ने जिला प्रशासन की ओर से नियमों में ढील देने की तारीफ की है. शंकर लाल सैनी ने बताया कि जिस तरह से जयपुर जिला प्रशासन आश्रितों को कोविड सहायता दे रहा है, सीएमओ की तरफ से अन्य जिलों को भी उसी तर्ज पर काम करने के लिए कहा जाएगा.

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