जयपुर. प्रदेश के बड़े शहरों में मुंबई की तर्ज पर प्राइम लोकेशन पर बनी पुरानी इमारतों का रीडेवलपमेंट किया जाएगा. इसकी शुरुआत राजधानी जयपुर से की जा रही है. जहां टोंक रोड पर स्थित नेहरू प्लेस को ध्वस्त कर, यहां आधुनिकतम कमर्शियल बिल्डिंग बनाई (Redevelopment of Nehru Place in Jaipur) जाएगी. इसे लेकर करीब 80 फीसदी स्थानीय व्यापारियों की रजामंदी भी मिल चुकी है. जल्द जयपुर विकास प्राधिकरण यहां रीडेवलपमेंट वर्क शुरू करेगा.
राजधानी के टोंक रोड पर स्थित नेहरू प्लेस में टूर एंड ट्रेवल्स, इंश्योरेंस कंपनी, बैंक, इंस्टीट्यूट, रेस्टोरेंट और कई निजी ऑफिस हैं. जबकि कई ऑफिस एरिया बंद पड़े हैं. इसका एक बड़ा कारण है यहां पार्किंग और दूसरी व्यवस्थाओं का अपर्याप्त होना. यही वजह है कि इस 40 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र की प्राइम लोकेशन का सही इस्तेमाल करने के नजरिए से नेहरू प्लेस को हटाकर एक आधुनिकतम कमर्शियल कंपलेक्स या इंस्टीट्यूशनल कंपलेक्स विकसित करने की प्लानिंग है.
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इस संबंध में जेडीसी रवि जैन ने बताया कि वर्तमान में वहां का उपभोग और व्यवस्थाएं संतुष्टिपूर्ण नहीं है. वहां जो व्यापारी काम कर रहे हैं, वो भी नेहरू प्लेस को खाली करने के लिए तैयार हैं. अब तक 80 प्रतिशत व्यापारियों ने रजामंदी दे दी है और संभावना यही है कि बचे हुए 20 प्रतिशत भी जल्द इस पर मंजूरी देंगे. यहां कमर्शियल कंपलेक्स विकसित होने से ना सिर्फ जयपुर विकास प्राधिकरण को आमदनी होगी, बल्कि जो व्यापारी हैं उन्हें भी बेहतर सुविधा मिल सकेगी. उन्होंने बताया कि जयपुर में नेहरू प्लेस से ये शुरुआत की गई है.
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जल्द ऐसी दूसरी प्राइम लोकेशन पर पुरानी इमारतों का चिह्नीकरण करने का कार्य किया जाएगा. ताकि वहां भी नए कमर्शियल कॉम्पलेक्स बनाए जा सके और बिल्डिंग बायलॉज का फायदा उठाते हुए लोगों को सुविधाएं दी जा सकें. हालांकि रीडेवलपमेंट प्लान में ये स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी शहर में हेरिटेज इमारतों के साथ छेड़छाड़ नहीं की जाएगी. फिलहाल जयपुर विकास प्राधिकरण ने भी नेहरू प्लेस को ही चिह्नित किया है. हालांकि जवाहर नगर स्थित गोल मार्केट और रेलवे स्टेशन के पास भी संभावनाएं तलाशी जा रही हैं.