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प्रदेश में अन्य सेवाओं से IAS में प्रमोशन का विवाद बढ़ा, RAS एसोसिएशन ने केंद्र को लिखा खुला पत्र - केंद्र को खुला पत्र

अन्य सेवा से आईएएस में प्रमोशन को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. राज्य सरकार की ओर से अन्य सेवा से आईएएस प्रमोशन के खिलाफ राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अफसरों ने अब सीधा मोर्चा खोल दिया है.

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Published : Nov 21, 2019, 12:57 PM IST

जयपुर. राजस्थान प्रशासनिक सेवा के एसोसिएशन ने प्रमोशन के लिए आवेदन करने वाले अफसरों के खिलाफ केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय, संघ लोक सेवा आयोग, मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव कार्मिक से शिकायत की है. इसमें इन अफसरों की कार्यशैली अनियमितताओं आदि को लेकर आरोप लगाया गया है और इन अफसरों का आईएएस में सिलेक्शन नहीं करने की मांग की है.

RAS एसोसिएशन ने केंद्र को लिखा खुला पत्र

एसोसिएशन ने यह स्पष्ट किया कि अगर ऐसे अफसरों को प्रमोट किया जाता है तो आरएएस अफसरों का मनोबल टूटेगा. R.A.S. एसोसिएशन की तरफ से लिखे गए पत्र में तर्क है कि राजस्थान में ऐसी कोई विशेष परिस्थिति पैदा नहीं हुई है, जिसके तहत राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अफसरों को छोड़कर अन्य सेवा के अफसरों को आईएएस में प्रमोशन किया जाए.

यह भी पढ़ें- अध्यक्ष पद के लिए कोटा के सांगोद में आज होगा नामांकन, इन लोगों ने ठोकी ताल

राजस्थान कार्मिक विभाग की ओर से गलत तथ्यों के साथ अन्य सेवा के अफसरों को आईएस प्रमोट करा दिया जाता है, जिससे केंद्र की ओर से सत्यापन किया जाना चाहिए. राज्य सरकार की ओर से नियम विरुद्ध प्रक्रिया प्रारंभ की गई है, जिसमें चहेते अफसरों का चयन कराने के लिए गंभीर अनियमितताएं बरती जा रही है.

आईएएस प्रमोशन के लिए जो नाम भेजे गए हैं, उनके बारे में उल्लेख करते हुए मांग की गई है कि इन प्रक्रियाओं को तुरंत रोका जाए. ऐसा नहीं करने पर अगर नियमों को ताक में रखकर चाहे तो आईएस बनाया जाता है, तो गलत है. इससे आरएएस अफसरों का मनोबल भी टूटेगा और कम अंक लाने वालों को उनके ऊपर सरकार बैठना सरकार की गलत नीति है.

इन अफसरों पर ये है आरोप...

  • डॉ. घनश्याम बैरवा- चिकित्सा विभाग में तैनात हैं, एक मंत्री के पति हैं. ऐसे में संभावना है कि अपनी पत्नी के मंत्री होने का लाभ उठाकर उन्हें आईएएस बनाया जा सकता है
  • डॉ. आर एस राणावत- चिकित्सा विभाग में सेवाएं दे रहे हैं. S.M.S. में आगजनी और गंभीर अनियमितताओं के आरोप हैं. जांच कमेटी की 3 जांचों में दोषी हैं
  • गोविंद पारीक- डीपीआर में हैं, सीएम नि:शुल्क जांच योजना में विज्ञापन देने के लिए अनियमित भुगतान किया, इस तथ्य को छुपाकर प्रमोशन के लिए नाम भेजा
  • सुरेंद्र सिंह राठौड़- ग्रामीण विकास विभाग में तैनात हैं, राठौड़ की राज्य सेवा में नियुक्ति की है. वैधता का परीक्षण मुख्यमंत्री के निर्देशों पर आदेशानुसार विभाग करवा रहा है
  • संजय पांडे- पर्यटन विभाग में कर्मचारियों से दुर्व्यवहार को लेकर पिछले साल तत्कालीन विशिष्ट सचिव निदेशक पर्यटन विभाग द्वारा नोटिस दिया गया है

यह भी पढ़ें- फिरोज के स्कूल पहुंचा ईटीवी भारत, दर्द में शामिल बगरू

एसोसिएशन की तरफ से लिखे गए पत्र में स्वास्थ्य विभाग में तैनात डॉ. घनश्याम बैरवा को लेकर कहा गया है कि वे मंत्री के पति हैं. इसलिए सरकार उन्हें आईएएस बनना चाहती है. ऐसे ही आरोप एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर आर.एस राणावत, डीपीआर के गोविंद पारीक, ग्रामीण विकास के सुरेंद्र सिंह राठौड़, पर्यटन विभाग के संजय पांडे के खिलाफ लगाए हैं. एसोसिएशन ने इस मामले में केंद्र से दखल देने और पूरे सच को जानने के बाद ही किसी अफसर को प्रमोट करने की मांग की है.

जयपुर. राजस्थान प्रशासनिक सेवा के एसोसिएशन ने प्रमोशन के लिए आवेदन करने वाले अफसरों के खिलाफ केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय, संघ लोक सेवा आयोग, मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव कार्मिक से शिकायत की है. इसमें इन अफसरों की कार्यशैली अनियमितताओं आदि को लेकर आरोप लगाया गया है और इन अफसरों का आईएएस में सिलेक्शन नहीं करने की मांग की है.

RAS एसोसिएशन ने केंद्र को लिखा खुला पत्र

एसोसिएशन ने यह स्पष्ट किया कि अगर ऐसे अफसरों को प्रमोट किया जाता है तो आरएएस अफसरों का मनोबल टूटेगा. R.A.S. एसोसिएशन की तरफ से लिखे गए पत्र में तर्क है कि राजस्थान में ऐसी कोई विशेष परिस्थिति पैदा नहीं हुई है, जिसके तहत राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अफसरों को छोड़कर अन्य सेवा के अफसरों को आईएएस में प्रमोशन किया जाए.

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राजस्थान कार्मिक विभाग की ओर से गलत तथ्यों के साथ अन्य सेवा के अफसरों को आईएस प्रमोट करा दिया जाता है, जिससे केंद्र की ओर से सत्यापन किया जाना चाहिए. राज्य सरकार की ओर से नियम विरुद्ध प्रक्रिया प्रारंभ की गई है, जिसमें चहेते अफसरों का चयन कराने के लिए गंभीर अनियमितताएं बरती जा रही है.

आईएएस प्रमोशन के लिए जो नाम भेजे गए हैं, उनके बारे में उल्लेख करते हुए मांग की गई है कि इन प्रक्रियाओं को तुरंत रोका जाए. ऐसा नहीं करने पर अगर नियमों को ताक में रखकर चाहे तो आईएस बनाया जाता है, तो गलत है. इससे आरएएस अफसरों का मनोबल भी टूटेगा और कम अंक लाने वालों को उनके ऊपर सरकार बैठना सरकार की गलत नीति है.

इन अफसरों पर ये है आरोप...

  • डॉ. घनश्याम बैरवा- चिकित्सा विभाग में तैनात हैं, एक मंत्री के पति हैं. ऐसे में संभावना है कि अपनी पत्नी के मंत्री होने का लाभ उठाकर उन्हें आईएएस बनाया जा सकता है
  • डॉ. आर एस राणावत- चिकित्सा विभाग में सेवाएं दे रहे हैं. S.M.S. में आगजनी और गंभीर अनियमितताओं के आरोप हैं. जांच कमेटी की 3 जांचों में दोषी हैं
  • गोविंद पारीक- डीपीआर में हैं, सीएम नि:शुल्क जांच योजना में विज्ञापन देने के लिए अनियमित भुगतान किया, इस तथ्य को छुपाकर प्रमोशन के लिए नाम भेजा
  • सुरेंद्र सिंह राठौड़- ग्रामीण विकास विभाग में तैनात हैं, राठौड़ की राज्य सेवा में नियुक्ति की है. वैधता का परीक्षण मुख्यमंत्री के निर्देशों पर आदेशानुसार विभाग करवा रहा है
  • संजय पांडे- पर्यटन विभाग में कर्मचारियों से दुर्व्यवहार को लेकर पिछले साल तत्कालीन विशिष्ट सचिव निदेशक पर्यटन विभाग द्वारा नोटिस दिया गया है

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एसोसिएशन की तरफ से लिखे गए पत्र में स्वास्थ्य विभाग में तैनात डॉ. घनश्याम बैरवा को लेकर कहा गया है कि वे मंत्री के पति हैं. इसलिए सरकार उन्हें आईएएस बनना चाहती है. ऐसे ही आरोप एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर आर.एस राणावत, डीपीआर के गोविंद पारीक, ग्रामीण विकास के सुरेंद्र सिंह राठौड़, पर्यटन विभाग के संजय पांडे के खिलाफ लगाए हैं. एसोसिएशन ने इस मामले में केंद्र से दखल देने और पूरे सच को जानने के बाद ही किसी अफसर को प्रमोट करने की मांग की है.

Intro:
जयपुर

नही थम रहा अन्य सेवा से आईएएस प्रमोशन का विवाद , आरएएस एसोसिएशन ने लिखा केंद्र को खुला पत्र

एंकर:- अन्य सेवा से आईएएस में प्रमोशन को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है , राज्य सरकार की ओर से अन्य सेवा से आईएएस प्रमोशन खिलाफ राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अफसरों ने अब सीधा मोर्चा खोल दिया है , एसोसिएशन ने प्रमोशन के लिए आवेदन करने वाले अफसरों के खिलाफ केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय , संघ लोक सेवा आयोग , मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव कार्मिक से शिकायत की है , इसमें इन अफसरों की कार्यशैली अनियमितताओं आदि को लेकर आरोप लगाया गया है और इन अफसरों का आईएएस में सिलेक्शन नहीं करने की मांग की है , एसोसिएशन ने यह स्पष्ट किया कि अगर ऐसे अफसरों को प्रमोट किया जाता है तो आरएएस अफसरों का मनोबल टूटेगा ।


Body:VO:- r.a.s. एसोसिएशन की तरफ से लिखे गए पत्र में तर्क है कि राजस्थान में ऐसी कोई विशेष परिस्थिति पैदा नहीं हुई है , जिसके तहत राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अफसरों को छोड़कर अन्य सेवा के अफसरों को आईएएस में प्रमोशन किया जाए , राजस्थान कार्मिक विभाग की ओर से गलत तथ्यों के साथ अन्य सेवा के अफसरों को आईएस प्रमोट करा दिया जाता है , जिससे केंद्र की ओर से सत्यापन किया जाना चाहिए , राज्य सरकार की ओर से नियम विरुद्ध प्रक्रिया प्रारंभ की गई है , जिसमें चहेते अफसरों का चयन कराने के लिए गंभीर अनियमितताएं बरती जा रही है , आईएएस प्रमोशन के लिए जो नाम भेजे गए हैं उनके बारे में उल्लेख करते हुए मांग की गई है कि इन प्रक्रियाओं को तुरंत रोका जाए ऐसा नहीं करने पर अगर नियमों को ताक में रखकर चाहे तो आईएस बनाया जाता है, तो गलत है , इससे आरएएस अफसरों का मनोबल भी टूटेगा और कम अंक लाने वालों को उनके ऊपर सरकार बैठना सरकार की गलत नीति है , एसोसिएशन की तरफ से लिखे गए पत्र में स्वास्थ्य विभाग में तैनात डॉ घनश्याम बैरवा को लेकर कहा गया है कि वे मंत्री के पति हैं , इसलिए सरकार उन्हें आईएएस बनना चाहती है , ऐसे ही आरोप एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर आर एस राणावत , डीपीआर के गोविंद पारीक , ग्रामीण विकास के सुरेंद्र सिंह राठौड़ , पर्यटन विभाग के संजय पांडे के खिलाफ लगाए हैं , एसोसिएशन ने इस मामले में केंद्र से दखल देने और पूरे सच को जानने के बाद ही किसी अफसर को प्रमोट करने की मांग की है ।

इन अफसरों पर ये है आरोप -
डॉ घनश्याम बैरवा - चिकित्सा विभाग में तैनात हैं एक मंत्री के पति हैं ऐसे में संभावना है कि अपनी पत्नी के मंत्री होने का लाभ उठाकर उन्हें आईएएस बनाया जा सकता है
डॉ आर एस राणावत - चिकित्सा विभाग में सेवाएं दे रहे हैं s.m.s. में आगजनी व गंभीर अनियमितताओं के आरोप हैं जांच कमेटी ने 3 जांचों में दोषी है
गोविंद पारीक - डीपीआर में हैं सीएम निशुल्क जांच योजना में विज्ञापन देने के लिए अनियमित भुगतान किया इस तथ्य को छुपाकर प्रमोशन के लिए नाम भेजा
सुरेंद्र सिंह राठौड़ - ग्रामीण विकास विभाग में तैनात हैं राठौर की राज्य सेवा में नियुक्ति की है वैधता का परीक्षण मुख्यमंत्री के निर्देशों पर आदेशानुसार विभाग करवा रहा है
संजय पांडे - पर्यटन विभाग में कर्मचारियों से दुर्व्यवहार को लेकर पिछले साल तत्कालीन विशिष्ट सचिव निदेशक पर्यटन विभाग द्वारा नोटिस दिया गया है

पीटीसी - जसवंत सिंह






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