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POCSO Court Decision : दुष्कर्म पीड़िता हुई पक्षद्रोही, कोर्ट ने DNA जांच के आधार पर सुनाई सजा - POCSO court decision in rape case

नाबालिग का अपहरण कर उससे रेप करने वाले अभियुक्त को जयपुर की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने 20 साल की सजा सुनाई (Rape convict sent to 20 years of Jail) है और 1 लाख 90 हजार का जुर्माना लगाया है. पीड़िता के रेप के आरोपों से मुकरने पर भी कोर्ट ने डीएनए और एफएसएल में रेप साबित होने को आधार माना है.

Rape convict sent to 20 years of Jail by Jaipur POCSO court
दुष्कर्म पीड़िता हुई पक्षद्रोही, कोर्ट ने DNA जांच के आधार पर सुनाई सजा
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Published : Jun 28, 2022, 11:37 PM IST

जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त रतिराम गुर्जर को 20 साल की सजा सुनाई (Rape convict sent to 20 years of Jail) है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर एक लाख 90 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. वहीं, अदालत ने मामले में एक अन्य आरोपी को दोषमुक्त कर दिया है. अदालत ने कहा कि भले ही नाबालिग ने अपने बयानों में दुष्कर्म की घटना से इनकार किया है, लेकिन डीएनए जांच और एफएसएल में पीड़िता के साथ दुष्कर्म साबित (Rape confirmed in DNA test and FSL) है. इसके अलावा नाबालिग की सहमति भी कानून की नजर में कोई महत्व नहीं रखती है.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि 23 दिसंबर, 2019 को नाबालिग पीड़िता खेत में जा रही थी. रास्ते में अभियुक्त अपने एक साथ पूर्व परिचित पीड़िता से मिला और उसे घुमाने के बहाने जयपुर ले आया. यहां अभियुक्त ने पीड़िता को गेस्ट हाउस में रखा. बाद में अन्य जगह घूमते हुए 28 दिसंबर को दोनों वापस गांव चले गए. इसी बीच पीड़िता के पिता ने 24 दिसंबर को प्रागपुरा थाने में अभियुक्त सहित अन्य के खिलाफ पीड़िता को बहला-फुसलाकर ले जाने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया. अभियोजन पक्ष की ओर से कहा गया कि घर से जाने के बाद से लेकर वापस आने के बीच अभियुक्त ने कई बार पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया.

जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त रतिराम गुर्जर को 20 साल की सजा सुनाई (Rape convict sent to 20 years of Jail) है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर एक लाख 90 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. वहीं, अदालत ने मामले में एक अन्य आरोपी को दोषमुक्त कर दिया है. अदालत ने कहा कि भले ही नाबालिग ने अपने बयानों में दुष्कर्म की घटना से इनकार किया है, लेकिन डीएनए जांच और एफएसएल में पीड़िता के साथ दुष्कर्म साबित (Rape confirmed in DNA test and FSL) है. इसके अलावा नाबालिग की सहमति भी कानून की नजर में कोई महत्व नहीं रखती है.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि 23 दिसंबर, 2019 को नाबालिग पीड़िता खेत में जा रही थी. रास्ते में अभियुक्त अपने एक साथ पूर्व परिचित पीड़िता से मिला और उसे घुमाने के बहाने जयपुर ले आया. यहां अभियुक्त ने पीड़िता को गेस्ट हाउस में रखा. बाद में अन्य जगह घूमते हुए 28 दिसंबर को दोनों वापस गांव चले गए. इसी बीच पीड़िता के पिता ने 24 दिसंबर को प्रागपुरा थाने में अभियुक्त सहित अन्य के खिलाफ पीड़िता को बहला-फुसलाकर ले जाने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया. अभियोजन पक्ष की ओर से कहा गया कि घर से जाने के बाद से लेकर वापस आने के बीच अभियुक्त ने कई बार पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया.

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