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जयपुर सीट: मेयर हार गए....MLA हार गए....8 में से 5 सीटें हार गए....फिर भी बोहरा जिंदाबाद - Ramacharan Bohra

लोकसभा चुनाव के मैदान में चढ़ रहे सियासी पारे के बीच भाजपा ने 25 में से 16 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. इनमें सबसे खास नाम रामचरण बोहरा का है. बोहरा विरोधियों की लंबी फौज  को पीछे छोड़ते हुए टिकट लेने में कामयाब रहे हैं....

सांसद रामचरण बोहरा।
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Published : Mar 22, 2019, 1:37 PM IST

जयपुर . लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरते हुए भाजपा ने राजस्थान की 16 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा करते हुए पहली सूची जारी कर दी है. भाजपा ने पहली सूची में अपने 14 मौजूदा सांसदों पर फिर से भरोसा जताया है. जारी सूची में शामिल जयपुर शहर लोकसभा सीट पर किए निर्णय को लेकर जहां सियासतदार हैरान हैं. वहीं, पार्टी के भीतर भी सियासी पारा चढ़ गया है. ये पारा इसलिए भी चढ़ा हुआ है क्योंकि, भाजपा के गढ़ जयपुर में हर कदम पर पार्टी को हाल के चुनावों में मात मिली है. इसके बाद भी 'बोहरा जिंदाबाद' रहना सभी को हैरान कर रहा है.

दरअसल, भाजपा के मजबूत गढ़ों में जयपुर शहर का नाम शामिल रहा है. यहां पार्टी की मजबूती हर बार कांग्रेस के लिए सिरदर्द बनी रही है. लेकिन, हाल में हुए विधानसभा चुनाव और उसके बाद मेयर उपचुनाव में भाजपा के गढ़ में सेंध लगने के बाद पार्टी को बड़ा झटका लगा है. विधानसभा चुनाव के दौरान जयपुर शहर की 8 में से 5 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. वहीं, मेयर उपचुनाव के दौरान भाजपा की तमाम रणनीति के बाद भी पार्टी को मात खानी पड़ी थी. एक के बाद एक मिले सियासी झटके के बीच सांसद रामचरण बोहरा का भी जबरदस्त विरोध बना हुआ था. जयपुर सीट को लेकर हुई रायशुमारी के दौरान पार्टी के कुछ मौजूदा विधायकों के साथ ही कई बड़े नेताओं ने बोहरा की दावेदारी का विरोध करते हुए चेहरा बदलने का सुझाव दिया था.

जयपुर शहर लोकसभा सीट।

इस रायशुमारी के दौरान जयपुर शहर लोकसभा सीट से दीया कुमारी, सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी, सुमन शर्मा, सुरेंद्र पारिक, अरुण चतुर्वेदी समेत कई बड़े नेताओं की दावेदारी बनी हुई थी. जयपुर गढ़ में लगे लगातार झटकों और बोहरा के विरोध के बाद माना जा रहा था कि इस बार पार्टी इस सीट पर चेहरे में बदलाव करेगी. लेकिन, पार्टी स्तर पर लगाए जा रहे सारे कयास और विरोध को आलाकमान ने नकार दिया. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने एक बार फिर राचरण बोहरा को टिकट देकर सभी को हैरान कर दिया है. सूत्रों की मानें तो बोहरा को टिकट मिलने के बाद पार्टी के भीतर सियासी पारा चढ़ गया है. इस सीट से दावेदारी जता रहे एक दर्जन से अधिक नेताओं को दरकिनार करते हुए पार्टी की तरफ से उठाए गए इस कदम के बाद अंदरखाने नाराजगी की स्थिति भी बन गई है.
इन दावेदारों को पार्टी आलाकमान ने नाकारा
जयपुर शहर लोकसभा सीट पर दावेदारों की लंबी फेहरिस्त ने मौजूदा सांसद रामचरण बोहरा की परेशानी बढ़ा रखी थी. इस फेहरिस्त में पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील कोठारी, प्रदेश मंत्रीदीया कुमारी, राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा,मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी, पूर्व विधायक अरुण चतुर्वेदी, सुरेंद्र पारीक, पूर्व जिला अध्यक्ष संजय जैन शैलेंद्र भार्गव, राघव शर्मा, भाजपा सत्कार प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक अजय धांधिया, वरिष्ठ नेता अखिल शुक्ला, पूर्व महापौर शील धाभाई ब्राह्मण नेता अंबिका प्रसाद पाठक, गोपाल शर्मा सहित कई दावेदार थे. लेकिन, इन नेताओं की दावेदारी को पार्टी आलाकमान ने नाकार दिया.

जयपुर . लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरते हुए भाजपा ने राजस्थान की 16 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा करते हुए पहली सूची जारी कर दी है. भाजपा ने पहली सूची में अपने 14 मौजूदा सांसदों पर फिर से भरोसा जताया है. जारी सूची में शामिल जयपुर शहर लोकसभा सीट पर किए निर्णय को लेकर जहां सियासतदार हैरान हैं. वहीं, पार्टी के भीतर भी सियासी पारा चढ़ गया है. ये पारा इसलिए भी चढ़ा हुआ है क्योंकि, भाजपा के गढ़ जयपुर में हर कदम पर पार्टी को हाल के चुनावों में मात मिली है. इसके बाद भी 'बोहरा जिंदाबाद' रहना सभी को हैरान कर रहा है.

दरअसल, भाजपा के मजबूत गढ़ों में जयपुर शहर का नाम शामिल रहा है. यहां पार्टी की मजबूती हर बार कांग्रेस के लिए सिरदर्द बनी रही है. लेकिन, हाल में हुए विधानसभा चुनाव और उसके बाद मेयर उपचुनाव में भाजपा के गढ़ में सेंध लगने के बाद पार्टी को बड़ा झटका लगा है. विधानसभा चुनाव के दौरान जयपुर शहर की 8 में से 5 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. वहीं, मेयर उपचुनाव के दौरान भाजपा की तमाम रणनीति के बाद भी पार्टी को मात खानी पड़ी थी. एक के बाद एक मिले सियासी झटके के बीच सांसद रामचरण बोहरा का भी जबरदस्त विरोध बना हुआ था. जयपुर सीट को लेकर हुई रायशुमारी के दौरान पार्टी के कुछ मौजूदा विधायकों के साथ ही कई बड़े नेताओं ने बोहरा की दावेदारी का विरोध करते हुए चेहरा बदलने का सुझाव दिया था.

जयपुर शहर लोकसभा सीट।

इस रायशुमारी के दौरान जयपुर शहर लोकसभा सीट से दीया कुमारी, सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी, सुमन शर्मा, सुरेंद्र पारिक, अरुण चतुर्वेदी समेत कई बड़े नेताओं की दावेदारी बनी हुई थी. जयपुर गढ़ में लगे लगातार झटकों और बोहरा के विरोध के बाद माना जा रहा था कि इस बार पार्टी इस सीट पर चेहरे में बदलाव करेगी. लेकिन, पार्टी स्तर पर लगाए जा रहे सारे कयास और विरोध को आलाकमान ने नकार दिया. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने एक बार फिर राचरण बोहरा को टिकट देकर सभी को हैरान कर दिया है. सूत्रों की मानें तो बोहरा को टिकट मिलने के बाद पार्टी के भीतर सियासी पारा चढ़ गया है. इस सीट से दावेदारी जता रहे एक दर्जन से अधिक नेताओं को दरकिनार करते हुए पार्टी की तरफ से उठाए गए इस कदम के बाद अंदरखाने नाराजगी की स्थिति भी बन गई है.
इन दावेदारों को पार्टी आलाकमान ने नाकारा
जयपुर शहर लोकसभा सीट पर दावेदारों की लंबी फेहरिस्त ने मौजूदा सांसद रामचरण बोहरा की परेशानी बढ़ा रखी थी. इस फेहरिस्त में पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील कोठारी, प्रदेश मंत्रीदीया कुमारी, राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा,मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी, पूर्व विधायक अरुण चतुर्वेदी, सुरेंद्र पारीक, पूर्व जिला अध्यक्ष संजय जैन शैलेंद्र भार्गव, राघव शर्मा, भाजपा सत्कार प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक अजय धांधिया, वरिष्ठ नेता अखिल शुक्ला, पूर्व महापौर शील धाभाई ब्राह्मण नेता अंबिका प्रसाद पाठक, गोपाल शर्मा सहित कई दावेदार थे. लेकिन, इन नेताओं की दावेदारी को पार्टी आलाकमान ने नाकार दिया.

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जयपुर सीट: मेयर हार गए....MLA हार गए....8 में से 5 सीटें हार गए....फिर भी बोहरा जिंदाबाद

Ramcharan Bohra becomes BJP candidate from Jaipur City Lok Sabha seat

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जयपुर । लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरते हुए भाजपा ने राजस्थान की 16 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा करते हुए पहली सूची जारी कर दी है। भाजपा ने पहली सूची में अपने 14 मौजूदा सांसदों पर फिर से भरोसा जताया है। जारी सूची में शामिल जयपुर शहर लोकसभा सीट पर किए निर्णय को लेकर जहां सियासतदार हैरान हैं। वहीं, पार्टी के भीतर भी सियासी पारा चढ़ गया है। ये पारा इसलिए भी चढ़ा हुआ है क्योंकि, भाजपा के गढ़ जयपुर में हर कदम पर पार्टी को हाल के चुनावों में मात मिली है। इसके बाद भी 'बोहरा जिंदाबाद' रहना सभी को हैरान कर रहा है।

दरअसल, भाजपा के मजबूत गढ़ों में जयपुर शहर का नाम शामिल रहा है। यहां पार्टी की मजबूती हर बार कांग्रेस के लिए सिरदर्द बनी रही है। लेकिन, हाल में हुए विधानसभा चुनाव और उसके बाद मेयर उपचुनाव में भाजपा के गढ़ में सेंध लगने के बाद पार्टी को बड़ा झटका लगा है। विधानसभा चुनाव के दौरान जयपुर शहर की 8 में से 5 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। वहीं, मेयर उपचुनाव के दौरान भाजपा की तमाम रणनीति के बाद भी पार्टी को मात खानी पड़ी थी। एक के बाद एक मिले सियासी झटके के बीच सांसद रामचरण बोहरा का भी जबरदस्त विरोध बना हुआ था। जयपुर सीट को लेकर हुई रायशुमारी के दौरान पार्टी के कुछ मौजूदा विधायकों के साथ ही कई बड़े नेताओं ने बोहरा की दावेदारी का विरोध करते हुए चेहरा बदलने का सुझाव दिया था। इस रायशुमारी के दौरान जयपुर शहर  लोकसभा सीट से दीया कुमारी, सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी, सुमन शर्मा, सुरेंद्र पारिक, अरुण चतुर्वेदी समेत कई बड़े नेताओं की दावेदारी बनी हुई थी। जयपुर गढ़ में लगे लगातार झटकों और बोहरा के विरोध के बाद माना जा रहा था कि इस बार पार्टी  इस सीट पर चेहरे में बदलाव करेगी।  लेकिन, पार्टी स्तर पर लगाए जा रहे सारे कयास और विरोध को आलाकमान ने नकार दिया। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने एक बार फिर राचरण बोहरा को टिकट देकर सभी को हैरान कर दिया है। सूत्रों की मानें तो बोहरा को टिकट मिलने के बाद पार्टी के भीतर सियासी पारा चढ़ गया है। इस सीट से दावेदारी जता रहे एक दर्जन से अधिक नेताओं को दरकिनार करते हुए पार्टी की तरफ से उठाए गए इस कदम के बाद अंदरखाने नाराजगी की स्थिति भी बन गई है।

इन दावेदारों को पार्टी आलाकमान ने नाकारा

जयपुर शहर लोकसभा सीट पर दावेदारों की लंबी फेहरिस्त ने मौजूदा सांसद रामचरण बोहरा की परेशानी बढ़ा रखी थी. इस फेहरिस्त में पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील कोठारी, प्रदेश मंत्री  दीया कुमारी, राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा,मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी, पूर्व विधायक अरुण चतुर्वेदी, सुरेंद्र पारीक, पूर्व जिला अध्यक्ष संजय जैन शैलेंद्र भार्गव, राघव शर्मा, भाजपा सत्कार प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक अजय धांधिया, वरिष्ठ नेता अखिल शुक्ला, पूर्व महापौर शील धाभाई ब्राह्मण नेता अंबिका प्रसाद पाठक, गोपाल शर्मा सहित कई दावेदार थे. लेकिन, इन नेताओं की दावेदारी को पार्टी आलाकमान ने नाकार दिया।


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