जयपुर. प्रदेश में चल रहे जल जीवन मिशन को लेकर जयपुर ग्रामीण सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने एक बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि राजस्थान को जल जीवन मिशन कार्य के लिए 10 हजार करोड़ रुपये दिए गए, इसके बावजूद भी इस योजना को लेकर राजनीति की गई. जल जीवन मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति थी, इसलिए इस नीति को रोकने का लक्ष्य प्रदेश सरकार का हो गया. राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि मोदी की खिलाफत करते करते प्रदेश सरकार राजस्थान की खिलाफत करने लगी है.
राठौड़ ने कहा कि गहलोत को मैं बहुत समझदार व्यक्ति मानता हूं, यह इनकी सोच नहीं है, लेकिन आलाकमान आलाकमान करते-करते, आलाकमान को सलाम करते करते यह लोग मोदी और उसके बाद राजस्थान की खिलाफत करने लगे हैं. इसी कारण जहां जल जीवन मिशन के तहत पानी पहुंचना चाहिए वहां नहीं पहुंच पा रहा. उद्घाटन करने के लिए राज्य सरकार के मंत्री हर जगह पहुंच रहे हैं, इन कार्यक्रमों में विपक्ष के जनप्रतिनिधियों और सांसदों को भी आमंत्रित नहीं किया जाता, क्योंकि यह उद्घाटन कर खुद वाहवाही लूटना चाहते हैं लेकिन काम नहीं करना चाहते.
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राठौड़ ने कहा कि देश में हर घर तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तय किया गया है. देशभर में केंद्र की योजना को क्रियान्वित करने का काम राज्य सरकार की ओर से किया जाता है. उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत जितना पैसा खर्च होना चाहिए था उतना अभी तक राज्य सरकार नहीं कर पाई है. प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत काम भी धीमी गति से हो रहा है. राजनीतिक कारणों से पानी पहुंचाया जा रहा है. बहुत से क्षेत्रों को छोड़ दिया गया और बहुत से क्षेत्रों में लापरवाही की गई. जनसेवा की योजना को पॉलिटिकल गेम में निशाना बना दिया. जोधपुर में मुख्यमंत्री निवास के पास स्थित घरों में भी पानी नहीं पहुंचने के सवाल पर राठौड़ ने कहा कि यह राजस्थान सरकार की विफलता है जहां पानी पहुंचना चाहिए वहां नहीं पहुंच पा रहा.
सरकार पर साधा निशाना
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि जल जीवन मिशन योजना की रिपोर्ट में राजस्थान सबसे पीछे है और इसे लेकर वे बिल्कुल भी अचंभित नहीं हैं. सरकार की COVID- 19 में भी अव्यवस्था दिखी, लेकिन इन्हें बस अपनी सरकार बचाने की चिंता है. यह राजस्थान की जनता का दुर्भाग्य है कि पहले तो यहां बिना पायलट की सरकार है और पता नहीं किस दिशा में जा रही है. दूसरा इनका एक ही मकसद है कि जैसे तैसे सत्ता में बने रहना और इसमें जनता की पूरी तरह से अनदेखी की जा रही है.