जयपुर. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल (रिटायर्ड) राज्यवर्धन सिंह राठौड़ (Rajyavardhan Rathore In Lok Sabha) ने खेलों में मोदी सरकार के प्रयासों की सराहना की और गहलोत सरकार के रवैए पर सवाल उठाए. अपनी बात उन्होंने कहावत को अपने अंदाज में परोस कर शुरू की. कहा- पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे तो होगे खराब. दशकों से चली आ रही इस कहावत को प्रधानमंत्री मोदी जी ने बदला और अब कहा जाता है पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नावाब, खेलोगे कूदोगे तो होगे लाजवाब.
राठौर का दावा- खेलों में राजनीति कर रही गहलोत सरकार: अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए राठौड़ ने खेलों में राजनीति (Politics In Sports) का भी जिक्र किया. निशाने पर राजस्थान सरकार रही. आरोप लगाया कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार खेलों में राजनीति कर लाखोां युवाओं का नुकसान कर रही है. सरकार ने कोटपूतली और प्रागपुरा में 4-4 करोड़ रुपये की लागत से तैयार इंडोर स्टेडियमों पर सिर्फ इसलिए ताला लगाया हुआ है क्योंकि इनका निर्माण भाजपा सांसद ने करवाया है.
खेलो इंडिया और खेलो एप का जिक्र: केन्द्र सरकार की प्रशंसा करते हुए कर्नल राज्यवर्धन ने कहा- मोदी सरकार में माहौल बदला है. पहले स्कूल और कॉलेज स्तर पर खिलाड़ियों को उचित वातावरण नहीं मिलता था, युवाओं को अगर शुरू से ही अच्छा वातावरण मिले तो वे श्रेष्ठ खिलाड़ी बन सकते है. खेलो इंडिया के तहत प्रत्येक वर्ष एक हजार खिलाड़ी चुने जाते है, जिन्हे अगले आठ वर्षों तक प्रतिवर्ष पांच लाख रूपये की स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है जिससे वे अपनी तैयारी कर सकें. खेलो इंडिया के नाम से मंत्रालय ने खेलो ऐप प्रारम्भ किया. खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों की सुविधा के लिए देश के 13,000 स्टेडियम और खेल मैदानों को जोड़ कर उनकी लोकेशन को भी साझा किया गया. इससे आज युवाओं में खेलों के प्रति उत्साह बढ़ रहा है.
ओलंपिक टास्क फोर्स: राज्यवर्धन ने पीएम मोदी के खिलाड़ियों के साथ किए जा रहे संवाद को हौसला बढ़ाने में मददगार माना. बोले- मोदीजी ने हमेशा खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने का काम किया है. खेल प्रतियोगिताओं के पहले, उसके दौरान और खेल प्रतियोगिताओं के बाद पीएम मोदी खिलाड़ियों से संवाद करते है जिससे उनका हौसला बढ़ता है. 2014 में प्रधानमंत्री बनते ही एक ओलंपिक टास्क फोर्स बनाई जिसमें विशेषज्ञों को रखा गया. खिलाड़ियों को अन्य सुविधाओं के साथ ही सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को 50,000 रुपये प्रतिमाह और जूनियर खिलाड़ियों को भी 10,000 रूपये पॉकेट अलाउन्स देने की शुरुआत हुई.
यूपीए सरकार के समय कैप लगी हुई थी (Modi VS Congress Tenure) कि किसी भी भारतीय कोच को एक लाख रुपये से अधिक नहीं दिया जाएगा. पीएम मोदी ने उस कैप को हटाया और आज तीन लाख रुपये तक भारतीय कोच को दिया जाता है. खिलाड़ियों का खेलों में बेहतर प्रदर्शन हो इसके लिए विज्ञान को भी खेलों से जोड़ा गया. नेशनल सेन्टर ऑफ स्पोर्ट साईंस दिल्ली में तैयार हो रहा है. नेशनल स्पोर्ट यूनिवर्सिटी मणिपुर में शुरू की गई. स्पोर्ट साईंटिस्ट को टीम के साथ जोड़ा जा रहा है.