जयपुर. प्रदेश में बिजली के संकट पर सियासत गरमा गई है. अब प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश सरकार पर जानबूझकर अपने थर्मल पावर इकाइयों को तकनीकी कारणों से बंद कर महंगी बिजली खरीदकर चांदी कूटने का आरोप (Rajendra Rathore targets gehlot Government) लगाया है. साथ ही संघ के खिलाफ बयान देने पर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और कांग्रेस जिलाध्यक्ष का फोन नहीं उठाने पर अधिकारियों को चार्जशीट देने के मंत्री सुभाष गर्ग के बयान पर पलटवार किया है.
शुक्रवार को भाजपा मुख्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि विधानसभा और राज्यपाल के अभिभाषण में प्रदेश को विद्युत मामले में सरप्लस बताने वाली गहलोत सरकार की अब कलाई खुल चुकी है. सरकार राजस्थान में उपलब्ध सोलर और विंड एनर्जी को लेकर ऐसी नीतियां बना रही है जिसके चलते यहां बनने वाली विंड की सस्ती बिजली राजस्थान से बाहर जा रही है और हम टुकुर-टुकुर देखने को मजबूर हैं. राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री बिजली संकट पर भी हमें दोषारोपण करते हैं और कहते हैं कि राजस्थान भाजपा का नेतृत्व दिशाहीन है, लेकिन मुख्यमंत्री जी भाजपा का नेतृत्व दिशाहीन है या नहीं है पर आप की दिशा से राजस्थान की जो दशा बनाई गई है उसमें प्रदेश का आवाम गर्मियों में करवट बदल-बदल कर जी रहा है. यही आवाम आपकी ऐसी करवट बदलेगा कि आप की सरकार नेस्तनाबूद हो जाएगी.
राठौड़ ने इस दौरान साल 2022-23 में राज्यपाल के चौथे अभिभाषण के पैरा 160 जिसमें राजस्थान को विद्युत उपलब्धता की दृष्टि से सर प्लस स्टेट घोषित किए जाने की बात लिखी थी उसका भी उल्लेख किया. साथ ही पिछले कुछ वर्षों में राजस्थान में महंगी दरों पर खरीदी गई बिजली की भी जानकारी दी.
आरएसएस के मामले में डोटासरा में अभी पहली कक्षा जितना ज्ञान है: वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर आए पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के बयान पर भी राजेंद्र राठौड़ ने कटाक्ष किया है. राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि गोविंद सिंह डोटासरा को संघ के बारे में अभी उतना ही ज्ञान है जितना पहली कक्षा के बच्चे को अंग्रेजी के एक उपन्यास के बारे में जानकारी होती है. डोटासरा अपनी पोटली में कांग्रेस को लेकर चलते हैं, पहले वो अपनी पार्टी को संभाले. राठौड़ ने कहा कि राष्ट्रवाद और जन सेवा का कार्य करता है, जिससे डोटासरा खौफजदा है.
सुभाष गर्ग का बयान दुर्भाग्यपूर्ण: जोधपुर में जन सुनवाई के दौरान तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग के कांग्रेस जिला अध्यक्ष के फोन न उठाने पर अधिकारियों को चार्जशीट देने संबंधी बयान की भी राठौड़ ने निंदा की. राजेंद्र राठौड़ ने मंत्री के इस बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि सरकार राजस्थान की है कांग्रेस पार्टी की नहीं. इसमें मंत्री और मुख्यमंत्री भले ही कांग्रेस विचारधारा के हो सकते हैं, लेकिन पार्टी के जिला अध्यक्षों के फोन अधिकारी उठाएं यह जरूरी हो. इस प्रकार का कृत्य दुर्भाग्यपूर्ण है. राठौड़ ने कहा कि जब से यह सरकार आई है हमारे साहित्य पुस्तकों में कांग्रेस के महिमामंडन से जुड़े प्रश्न पूछे जा रहे हैं, लेकिन यह ज्यादा दिन नहीं चलने वाला और जनता ही इन्हें सबक सिखाएगी.
लाउडस्पीकर पर दी नसीहत: वहीं, यूपी की तर्ज पर राजस्थान में भी धार्मिक आयोजनों में लाउडस्पीकर (Rajendra Rathore on Loudspeaker) के संबंध में प्रदेश सरकार नीतिगत निर्णय ले. यह कहना है प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ का. धार्मिक आचरण करना है तो अपने घर पर करें दूसरे के अमन पर खलल डाल कर नहीं. राठौड़ ने रमजान के अंतिम जुम्मे के दौरान जोहरी बाजार, बड़ी चौपड़, रामगंज बाजार और त्रिपोलिया बाजार में लगाए गए लाउडस्पीकर को लेकर किए गए एक सवाल के जवाब में कहा कि हमारे संविधान में स्वतंत्रता पूर्वक धार्मिक आचरण करने की इजाजत मिली है जो हमारा मौलिक अधिकार है. लेकिन सरकार को एक नजर से सबको देखना चाहिए.
राठौड़ ने कहा कि जहां एक ओर डीजे हमारी संस्कृति का अंग बन चुका है उसे बंद करने का काम किया जा रहा है. दूसरी ओर 10-10 लाउडस्पीकर लगाकर वॉइस प्रदूषण बढ़ाया जा रहा है. इस पर भी सरकार को संज्ञान लेना चाहिए. प्रदेश सरकार संज्ञान लेगी नहीं उनके अनुसार करौली की घटना में खुद पुलिस ने माना कि शांतिपूर्ण जुलूस पर हमला हुआ. लेकिन फिर भी जुलूस का हिस्सा बने हमारे नेताओं की संपत्ति कुर्क करने का काम यह सरकार कर रही है. पुलिस अधिकारियों से पूछने पर वे कहते हैं कि हम बैलेंसिंग कर रहे हैं, इससे बड़ा दुर्भाग्य कुछ हो नहीं सकता.