जयपुर. अपने क्षेत्र में विकास कार्य ना होने से नाराज होकर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी ने सोमवार को विधानसभा की राजकीय उपक्रम समिति की बैठक में शामिल होकर सबको चौंका दिया. चौधरी के इस्तीफे को लेकर अब तक विधानसभा अध्यक्ष की ओर से कोई निर्णय नहीं लिया गया है. ऐसे में चौधरी के बैठक में शामिल होने पर प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने सवाल उठाए हैं.
हेमाराम चौधरी उपक्रम समिति के सभापति है और राठौड़ समिति में सदस्य हैं. राजेंद्र राठौड़ ने कहा है कि 8 महीने पहले जब हेमाराम चौधरी ने विधानसभा के नियम और प्रक्रियाओं के तहत विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपा था तो उसके बाद चौधरी कभी विधानसभा आए नहीं. विधानसभा का पूरा बजट सत्र भी निकल गया, उसमें भी शामिल नहीं हुए लेकिन एकाएक राजकीय उपक्रम समिति में अवतरित हुए, जो अपने आप में कई सवाल खड़ा करता है.
राठौड़ ने कहा कि मैं हेमाराम चौधरी जी से पूछना चाहता हूं कि चौधरी जी के इस्तीफा देने के फैसले का अब क्या हुआ. राठौड़ ने कहा आज भी हेमाराम चौधरी के इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष के पास गया हुआ है, जिस पर कोई निर्णय नहीं हुआ लेकिन ऐसा क्या हुआ और ऐसा कौन सा प्रलोभन दिया गया, जिसके कारण उनकी भीष्म प्रतिज्ञा टूट गई और वह इस बैठक में शामिल हो गए.
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राठौड़ ने भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि यही एक यक्ष प्रश्न है, जिसका चौधरी को जनता के सामने आकर जवाब देना चाहिए. चौधरी ने अपना इस्तीफा एक प्रेस कांफ्रेंस करके दिया था. ऐसे में अब मैं उनसे पूछता हूं कि ऐसी कौन सी ताकत थी, जिससे विचलित होकर वह अपनी भीष्म प्रतिज्ञा से पीछे हट गए. गौरतलब है कि हेमाराम चौधरी ने करीब 6 महीने पहले ईमेल के जरिए विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी को अपना इस्तीफा भेजा था. हेमाराम चौधरी पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट (Sachin Pilot) खेमे से आते हैं.