जयपुर. राजस्थान विधानसभा में सोमवार के दिन जमकर हंगामा बरपा और उसके केंद्र बिंदु में रहे प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़. क्योंकि सोमवार सदन की कार्रवाई से राजेंद्र राठौड़ को बाहर करने के लिए स्पीकर डॉ. सीपी जोशी के आदेश पर संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल प्रस्ताव लेकर आए. इसे पारित भी किया गया. हालांकि बाद में धारीवाल ने अपने द्वारा लाए गए प्रस्ताव को वापस ले लिया.
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राजेंद्र राठौड़ ने स्पीकर डॉ. सीपी जोशी की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार और स्पीकर चाहते थे कि एक ही दिन में 13 बिल पास कर दिया जाए और उस पर विपक्ष चर्चा भी ना करें. राठौड़ के अनुसार यदि एक साथ इतने बिल पास करने थे तो विपक्ष के विधायकों को कुछ समय भी देना चाहिए था ताकि उसपर चर्चा कर सकें.
राजेंद्र राठौड़ के अनुसार विधानसभा की कार्य सलाहकार समिति की बैठक में भी यही तय किया गया था कि जो अतिरिक्त बिल सदन में लाए जा रहे हैं. उन पर विपक्ष के साथियों को बोलने का पूरा मौका मिले. लेकिन स्पीकर ने ऐसा नहीं होने दिया और विरोध करने पर सख्त कार्रवाई भी की.
राठौड़ के अनुसार जब विधेयक पर चर्चा होगी ही नहीं तो उसे पारित करने का क्या मतलब. क्योंकि सुझाव चर्चा के दौरान ही निकल कर सामने आते हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत में राजेंद्र राठौड़ ने यह भी कहा कि हम सदन में बिजली पानी से जुड़े मुद्दों को उठाना चाहते थे. किसानों की परेशानियों को सदन में रखना चाहते थे. लेकिन सरकार सदन से भागती रही.