जयपुर. पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) के हाल ही में आए एक बयान से राजस्थान की सियासत (Rajasthan Politics) एक बार फिर उफान पर है. हालांकि, पायलट के दर्द को ट्विटर (Twitter) पर कटाक्ष के जरिए बयां करने पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) को पायलट ने भाजपा में फूट की बात कहकर करारा जवाब दिया.
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लेकिन, राठौड़ कहते हैं कि पायलट (Pilot) ऊपरी मन से यह बात कहते हैं. ईटीवी भारत (ETV BHARAT) से खास बातचीत में राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि भाजपा में मुख्यमंत्री (Chief Minister) कौन बनेगा, ये तो जब समय आएगा तब पार्टी आलाकमान ही तय करेगी. अभी तो गहलोत सरकार (Gehlot Government) से जनता को मुक्ति दिलाने और संघर्ष का समय है.
आलाकमान तय करेगा कि कौन बनेगा CM...
भाजपा (BJP) नेता राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) में फूट का आरोप लगाते हैं, लेकिन सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने राजेंद्र राठौड़ के ट्वीट (Rajendra Rathore Tweet) पर पलटवार किया और साफ तौर पर कहा कि पहले वे भाजपा में पड़ी फूट को संभाले. वहीं, समय-समय पर कांग्रेस के नेता (Rajasthan Congress) राजस्थान भाजपा (Rajasthan BJP) में ही पांच से सात मुख्यमंत्री के दावेदार होने और फूट होने के बयान देते आए हैं.
गहलोत सरकार से जनता त्रस्त है
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इन तमाम आरोपों को कपोल कल्पित करार दिया. साथ में यह भी कहा कि जब कभी भाजपा का मुख्यमंत्री बनाए जाने का मौका आएगा, तब पार्टी आलाकमान तय करेगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा. उन्होंने कहा कि अभी तो हमारा मकसद प्रदेश की मौजूदा कांग्रेस सरकार (Congress Government) जिससे जनता त्रस्त है, उसे उखाड़ फेंकना है और जनता को मुक्ति दिलाना है. उन्होंने कहा कि यह समय संघर्ष का है न कि मुख्यमंत्री के पद को पाने का.
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पायलट (Pilot) के संघर्ष से ही कांग्रेस सत्ता में आई
राजेंद्र राठौड़ ने एक बार फिर दोहराया कि राजस्थान में कांग्रेस सत्ता में सचिन पायलट (Sachin Pilot) के संघर्ष के कारण ही आई और यह बात सबने महसूस की है. उन्होंने कहा कि जब राजस्थान में कांग्रेस की सत्ता का प्रादुर्भाव हुआ तब सचिन पायलट के साथ अपमान की राजनीति शुरू हो गई. इसके बाद सोनिया गांधी की मौजूदगी में सुलहनामा भी हुआ, लेकिन 10 महीने का समय निकल जाने के बाद भी इस पर कुछ नहीं हुआ.
हमने पायलट के दर्द का समर्थन किया था
राठौड़ ने कहा कि इतना वक्त बीत जाने के बाद सचिन पायलट का दर्द और उनके समर्थकों का दर्द जुबां पर आना और झलकना लाजमी है. राठौड़ ने कहा कि मैंने तो केवल उनके इसी दर्द का समर्थन किया था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तरफ उंगली उठाने से पहले सचिन पायलट (Sachin Pilot) और अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को यह देख लेना चाहिए कि संगीनों के पहरे में अपने विधायकों के साथ पांच सितारा होटल में वे रूके थे, हम नहीं.
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जो आग लगी है वो धुंआ तो निकलेगा ही
हेमाराम चौधरी इस्तीफा प्रकरण (Hemaram Choudhary Resignation) को लेकर राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने कहा कि अब लॉकडाउन (Lockdown in Rajasthan) हटने के बाद हेमाराम चौधरी को विधानसभा अध्यक्ष के सामने उपस्थित होना है. लेकिन यदि वो लिखित में देंगे तभी उनका इस्तीफा वापस होगा अन्यथा स्पीकर को इस्तीफा मंजूर करना ही होगा.
कांग्रेस के मंत्री मंत्रिमंडल में ही दंगल करने लगे हैं
राठौड़ ने कहा कि हेमाराम चौधरी (Hemaram Choudhary) इस्तीफा लेंगे या नहीं यह अलग बात है, लेकिन आज कांग्रेस (Rajasthan Congress) के भीतर निर्वाचित जनप्रतिनिधि ही खुद को हाशिए पर होना महसूस कर रहे हैं क्योंकि सत्ता का केंद्रीकरण किसी से छुपा हुआ नहीं है. राठौड़ के अनुसार खंड-खंड में बैठी कांग्रेस के मंत्री मंत्रिमंडल में ही दंगल करने लगे हैं, इससे बड़ा दुर्भाग्य हो नहीं सकता.
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गहलोत सरकार अपने घर से ही टूटेगी
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान प्रतिपक्ष के उपनेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र राठौड़ (Former Cabinet Minister Rajendra Rathore) ने कहा कि मौजूदा राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) चल नहीं रही है बल्कि सरक रही है. राठौड़ के अनुसार न केवल सचिन पायलट (Sachin Pilot) और वेद प्रकाश सोलंकी (Ved prakash Solanki) या हेमाराम बल्कि कई जनप्रतिनिधि हैं जिनके सब्र का बांध धीरे-धीरे झलकने लगा है. उन्होंने कहा कि यह सरकार अपने घर से ही टूटेगी, लेकिन यदि संभालने की जरूरत आई तो जागरूक लोग ही संभालेंगे. उन्होंने कहा कि राजस्थान में भाजपा ही जागरूक है.