जयपुर. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने बुधवार को मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साधा. राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी के फैसले को महत्वहीन बताते हैं, जो उनकी संकीर्ण और किसान विरोधी मानसिकता को प्रकट करता है. राठौड़ के अनुसार केंद्र सरकार ने दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ किसानों की आमदनी दोगुनी करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा किया है. सरकार ने देश के करोड़ों अन्नदाताओं के हित में कृषि मूल्य आयोग की सिफारिशों के आधार पर 14 मुख्य फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी कर एक अभूतपूर्व कदम उठाया है.
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राठौड़ ने कहा कि बीते 4 दशक से अधिक समय तक कांग्रेस ने देश और प्रदेश में शासन किया है. लेकिन अनाज की खरीद के न्यूनतम समर्थन मूल्य को कभी भी कृषि लागत आयोग की सिफारिशों के आधार पर घोषित नहीं किया. उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राजस्थान देश में सर्वाधिक बाजरा उत्पादन करने वाला राज्य है. राज्य के 24 जिले में बाजरें का उत्पादन होता है.
ऐसे में केंद्र सरकार ने यहां बाजरे की लागत 86 फीसदी मुनाफा जोड़कर 2150 प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य तय की है, जो किसानों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर मूंग, मोठ और ग्वार जैसी फसलों को राज्य सरकार अपने संसाधनों से क्रय करने की नीतिगत घोषणा करे.
गहलोत को याद दिलाया घोषणा पत्र...
राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश सरकार को याद दिलाया कि उन्होंने जन घोषणा पत्र में 30 नवंबर 2018 तक 22 लाख किसान जिन्होंने राष्ट्रीय कृत बैंक, अधिसूचित बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक से फसल ऋण के दो लाख तक ऋण माफी की घोषणा की थी, जो पूरा नहीं करके उन्होंने जनता को धोखा दिया है. राठौड़ ने कहा कि मक्का के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 53 फीसदी, उड़द में 64 फीसदी, सोयाबीन में 50 फीसदी, अरहर में 58 फीसदी, सूरजमुखी में 50 फीसदी, जौ में 50 फीसदीकी बढ़ोतरी की जाए. जिससे कोरोना संकट की परिस्थितियों में टूट चुके किसानों को आर्थिक रूप से संबल मिलेगा.
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राठौड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में खरीफ और रबी 2019 के प्रीमियम की 968 करोड़ रुपए की राशि राज्य सरकार की बकाया है. जिसे गहलोत सरकार शीघ्र जमा कराएं, ताकि फसल बीमा क्लेम के वंचित लाखों किसानों की राशि का भुगतान हो सके. राठौड़ ने कहा कि केंद्र सरकार ने कई ऐतिहासिक निर्णय लिया है. अगर मुख्यमंत्री इन निर्णयों का स्वागत करते तो वो भी उनका आभार जताते.