जयपुर. राजस्थान में यूथ कांग्रेस के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल हो चुके हैं. इसके लिए मतदाताओं को रिझाने का काम शुरू हो गया है. राजस्थान में यूथ कांग्रेस में साढ़े चार लाख सक्रिय मतदाता है. ऐसे में चुनाव में कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा और जिसकी मेंबरशिप ज्यादा होगी, उसे निश्चित तौर पर फायदा मिलेगा.
चुनाव में कौन बाजी मारेगा, यह तो 23 तारीख को आने वाले नतीजों में सामने आएगा, लेकिन उससे पहले यूथ कांग्रेस आलाकमान के सामने चुनौती ये है, कि चुनाव में मतदान कैसे करवाया जाए.
पहले यह तय किया गया था, कि पंजाब में हुए यूथ कांग्रेस के चुनाव की तरह ही टैब के माध्यम से करवाया जाए, जिसके तहत 18 से 21 फरवरी तक हर दिन 50 विधानसभाओं में यह चुनाव करवाया जाता, लेकिन अब यह संभव नहीं है, क्योंकि पंजाब यूथ कांग्रेस के चुनाव में आई फर्जी मतदान शिकायतों के कारण पंजाब में दोबारा मतदान हुआ था.
इसके बाद पंजाब यूथ कांग्रेस ने एक एप के माध्यम से मतदान करवाया और पंजाब में जो एप इस्तेमाल लिया गया था, उसमें मतदाता को वही नंबर इस्तेमाल करना था, जो उसने मेंबरशिप के दौरान रजिस्टर्ड करवाया था. उसी नंबर पर मतदाता के पास ओटीपी पहुंचेगा, जिसे आने के बाद ही एप के जरिए मतदान किया जा सकेगा.
मतदान उसी मतदाता ने किया है, जो मेंबर है, इसकी दूसरे स्तर पर भी चेकिंग होगी और जो भी मतदाता एप के जरिए मतदान करेगा, उसे मतदान करने के बाद अपनी सेल्फी भी डालनी होगी, तभी उसका वोट वैध माना जाएगा.
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हकीकत यह है, कि यूथ कांग्रेस की मेंबरशिप करवाते समय कुछ बड़े नेताओं ने मेंबरशिप तो करवाई, लेकिन जो नंबर उसमें डाले वह या तो उसी समय सिम खरीद कर नए नंबर डाले या फिर किसी ऐसे व्यक्ति के नंबर डाले, जिसे यूथ कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं था. ऐसे में अगर एप के जरिए मतदान होगा तो ओटीपी उसी नंबर पर जाएगा, जो मेंबरशिप के समय डाला गया था. ऐसे में मतदाता बिना ओटीपी के अपना वोट नहीं दे पाएगा.