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Weather Update : राजस्थान में आज 10 जिलों में लू चलेगी, जानिए क्यों नहीं हो रही बारिश

राजस्थान में मानसून (Monsoon In Rajasthan) की बेरुखी ने किसानों को निराश कर दिया है. गर्मी के बढ़ते असर के चलते आम आदमी भी पस्त होता दिख रहा है. बारिश (Rain) नहीं होने से मानसून ब्रेक (Monsoon Break) हो गया है. आइए आपको बताते हैं कि मानसून की बेरुखी के कारण क्या हैं और आगामी दिनों मौसम (Weather Forecast) कैसा रहेगा.

Rajasthan Weather forecast
Rajasthan Weather forecast
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Published : Jul 1, 2021, 10:41 AM IST

जयपुर. राजस्थान के कुछ हिस्सों को छोड़कर मानसून पूरे देश में छा चुका है. शुरूआती दौर की बारिस के बाद गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया है. मौसम विभाग की मानें तो फिलहाल लोगों को राहत मिलने वाली नहीं है. बारिश के लिए आगामी 7 जुलाई तक इंतजार करना होगा. इसके बाद ही मॉनसून सक्रिय होने की संभावना है.

जानें क्या है असली वजय

जयपुर स्थित मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार जुलाई माह के पहले सप्ताह में मौसम शुष्क रहेगा. इसके पीछे असली वजह है कमजोर पूर्वी हवाएं और तेज पश्चिमी हवाएं. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार पश्चिम से पूर्व की ओर आने वाली हवाएं गर्म होती हैं जिससे मौसम शुष्क होता है. जबकि पूर्व की हवाएं मानसून को सक्रिय करती हैं और बारिश होती है. यही वजह है कि करीब 10 पहले पहुंचने के बावजूद अभी तक मानसूनी बारिश से राजस्थान के अधिकांश जिले अछूते हैं.

इसे कहते हैं मानसून ब्रेक की स्थिति

स्काईमेट वेदर रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल पूरे उत्तर भारत में ब्रेक मानसून की स्थिति चल रही है. राजस्थान की अगर बात करें तो कम से कम अगले एक सप्ताह तक यही स्थिती रहने वाली है. उम्मीद जताई जा रही है कि 6 या 7 जुलाई के बाद मानसून फिर सक्रिय हो सकता है. जुलाई के पहले सप्ताह तक देश के प्रदेश में मानसून की कमजोर स्थिति जारी रहने की उम्मीद है.

मानसून का पहले आना भी एक वजह

मौसम विशेषज्ञों का मानें तो राजस्थान में अक्सर मानसून की एंट्री जून के आखिरी या जुलाई के पहले सप्ताह में होती है. लेकिन इस बार मानसून करीब 10 दिन पूर्व ही 18 जून को राजस्थान पहुंच गया. हालांकि 19, 20 और 21 जून को प्री-मानसून सक्रिय होने की वजह से कुछ इलाकों में बारिश हुई लेकिन पश्चिमी हवाओं के प्रभाव से मानसून सुस्त पड़ता गया. पूर्वी हवाएं अगर समय पर असर दिखाती तो शायद अब तक अच्छी बारिश दर्ज हो चुकी होती.

आईए आपको बताते हैं राजस्थान में कब-कब पहुंचा मानसून-

  • 2016 - 22 जून
  • 2017 - 27 जून
  • 2018 - 26 जून
  • 2019 - 2 जुलाई
  • 2020 - 24 जून
  • 2021- 18 जून

किसानों की बढ़ी चिंता

मानसून प्रवेश की शुरूआत से पश्चिमी राजस्थान में बारिश के बावजूद अब ब्रेक मानसून स्थिति से कृषि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. खरीफ फसल की बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है. फसलों को सिंचाई के लिए बारिश की दरकार है. प्रदेश के जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, जालोर, पाली, राजसमंद, सिरोही और नागौर में किसान ज्यादा चिंतित हैं. खेतों में खड़ी फसलें बारिश की बाट जोह रही हैं लेकिन अभी तक पर्याप्त वर्षा नहीं हुई है. मेवाड़ और वागड़ में भी कमोबेश यही स्थिति है.

गर्मी दिखा रही तेवर, 10 जिलों में लू अलर्ट

मौसम विभाग ने गुरुवार से पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान के 10 जिलों में लू चलने को लेकर अलर्ज जारी किया है. इनमें कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, सीकर, झुंझुनूं, अलवर, चूरू, बीकानेर, गंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों में लू चलने की संभावना है.

अधिकांश जिलों में तापमान 40 डिग्री के पार

राजस्थान में मानसून के उलट सूर्य के तेवर तेज होते जा रहे हैं. बीते दिन प्रदेश के अधिकांश जिलों में तापमान 40 डिग्री के पार दर्ज किया गया. श्रीगंगानगर और चूरू सबसे ज्यादा गर्म रहे. बुधवार को श्रीगंगानगर में अधिकतम 45.8 डिग्री जबकि चूरू में 45.4 डिग्री तक तापमान दर्ज किया गया.

जयपुर. राजस्थान के कुछ हिस्सों को छोड़कर मानसून पूरे देश में छा चुका है. शुरूआती दौर की बारिस के बाद गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया है. मौसम विभाग की मानें तो फिलहाल लोगों को राहत मिलने वाली नहीं है. बारिश के लिए आगामी 7 जुलाई तक इंतजार करना होगा. इसके बाद ही मॉनसून सक्रिय होने की संभावना है.

जानें क्या है असली वजय

जयपुर स्थित मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार जुलाई माह के पहले सप्ताह में मौसम शुष्क रहेगा. इसके पीछे असली वजह है कमजोर पूर्वी हवाएं और तेज पश्चिमी हवाएं. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार पश्चिम से पूर्व की ओर आने वाली हवाएं गर्म होती हैं जिससे मौसम शुष्क होता है. जबकि पूर्व की हवाएं मानसून को सक्रिय करती हैं और बारिश होती है. यही वजह है कि करीब 10 पहले पहुंचने के बावजूद अभी तक मानसूनी बारिश से राजस्थान के अधिकांश जिले अछूते हैं.

इसे कहते हैं मानसून ब्रेक की स्थिति

स्काईमेट वेदर रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल पूरे उत्तर भारत में ब्रेक मानसून की स्थिति चल रही है. राजस्थान की अगर बात करें तो कम से कम अगले एक सप्ताह तक यही स्थिती रहने वाली है. उम्मीद जताई जा रही है कि 6 या 7 जुलाई के बाद मानसून फिर सक्रिय हो सकता है. जुलाई के पहले सप्ताह तक देश के प्रदेश में मानसून की कमजोर स्थिति जारी रहने की उम्मीद है.

मानसून का पहले आना भी एक वजह

मौसम विशेषज्ञों का मानें तो राजस्थान में अक्सर मानसून की एंट्री जून के आखिरी या जुलाई के पहले सप्ताह में होती है. लेकिन इस बार मानसून करीब 10 दिन पूर्व ही 18 जून को राजस्थान पहुंच गया. हालांकि 19, 20 और 21 जून को प्री-मानसून सक्रिय होने की वजह से कुछ इलाकों में बारिश हुई लेकिन पश्चिमी हवाओं के प्रभाव से मानसून सुस्त पड़ता गया. पूर्वी हवाएं अगर समय पर असर दिखाती तो शायद अब तक अच्छी बारिश दर्ज हो चुकी होती.

आईए आपको बताते हैं राजस्थान में कब-कब पहुंचा मानसून-

  • 2016 - 22 जून
  • 2017 - 27 जून
  • 2018 - 26 जून
  • 2019 - 2 जुलाई
  • 2020 - 24 जून
  • 2021- 18 जून

किसानों की बढ़ी चिंता

मानसून प्रवेश की शुरूआत से पश्चिमी राजस्थान में बारिश के बावजूद अब ब्रेक मानसून स्थिति से कृषि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. खरीफ फसल की बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है. फसलों को सिंचाई के लिए बारिश की दरकार है. प्रदेश के जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, जालोर, पाली, राजसमंद, सिरोही और नागौर में किसान ज्यादा चिंतित हैं. खेतों में खड़ी फसलें बारिश की बाट जोह रही हैं लेकिन अभी तक पर्याप्त वर्षा नहीं हुई है. मेवाड़ और वागड़ में भी कमोबेश यही स्थिति है.

गर्मी दिखा रही तेवर, 10 जिलों में लू अलर्ट

मौसम विभाग ने गुरुवार से पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान के 10 जिलों में लू चलने को लेकर अलर्ज जारी किया है. इनमें कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, सीकर, झुंझुनूं, अलवर, चूरू, बीकानेर, गंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों में लू चलने की संभावना है.

अधिकांश जिलों में तापमान 40 डिग्री के पार

राजस्थान में मानसून के उलट सूर्य के तेवर तेज होते जा रहे हैं. बीते दिन प्रदेश के अधिकांश जिलों में तापमान 40 डिग्री के पार दर्ज किया गया. श्रीगंगानगर और चूरू सबसे ज्यादा गर्म रहे. बुधवार को श्रीगंगानगर में अधिकतम 45.8 डिग्री जबकि चूरू में 45.4 डिग्री तक तापमान दर्ज किया गया.

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