ETV Bharat / city

किसानों के समर्थन में उतरे RU के शिक्षक और छात्र, कृषि कानूनों के विरोध में किया प्रदर्शन

देशभर में किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. इसी कड़ी में अब किसानों के समर्थन में राजस्थान यूनिवर्सिटी के शिक्षक और छात्र भी आगे आए हैं.

farmers protest against msp, jaipur news
शिक्षकों और छात्रों ने ​कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया.
author img

By

Published : Dec 1, 2020, 7:38 PM IST

जयपुर. देशभर में किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. इसी कड़ी में अब किसानों के समर्थन में राजस्थान यूनिवर्सिटी के शिक्षक और छात्र भी आगे आए हैं. आरयू के मुख्य द्वार पर यूनिवर्सिटी के शिक्षक और छात्रों ने मंगलवार को कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया.

किसानों के समर्थन में राजस्थान यूनिवर्सिटी के शिक्षक और छात्र भी आगे आए हैं.

इस दौरान सभी शिक्षकों और छात्रों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इस प्रदर्शन के बाद एक दल भी आंदोलन में शामिल होने के लिए विश्वविद्यालय से रवाना हुआ. शिक्षकों का कहना था कि किसानों की मांगों को लेकर केंद्र सरकार का रवैया नरम होना चाहिए. एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर ओम महला ने बताया कि विश्वविद्यालय शिक्षा के केंद्र होते हैं और देश में जो भी घटित होता है उसमें उसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है.

देश भर में किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं और यह उनके हित में नहीं है और ऐसा हमें भी लगता है. इसलिए हम प्रदर्शन कर किसानों का नैतिक समर्थन कर रहे हैं. महला ने कहा कि किसानों की एक मांग है कि कोई भी व्यवसायी, संस्थान या व्यक्ति न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम पर खरीद नहीं करेगा तो किसान आंदोलन नहीं करेंगे, उनकी यह मांग सही है. केंद्र सरकार यह मानती है कि वह बिचौलिया प्रथा खत्म कर रही है और हमें लगता है कि इससे यह प्रथा बढ़ेगी. बिचौलियों का कमीशन किसान की जेब से जाएगा.

यह भी पढ़ें: खबर का असर: अस्थाई रैन बसेरे का खुला ताला, ठंड में बेघरों को मिला आशियाना

सहायक प्रोफेसर सीबी यादव ने कहा कि किसानों का आंदोलन कॉर्पोरेट की उस नीति को लेकर है, जिससे खेती खत्म करने की साजिश की जा रही है. इससे बड़ी बात है कि सरकार किसानों से संवाद नहीं कर रही. कानून लाना गलत बात नहीं, लेकिन कानून को चोर दरवाजे से कोरोना काल में लाना दुर्भाग्यपूर्ण है. राजस्थान विश्वविद्यालय का शिक्षक समूह इसकी निंदा करता है. शिक्षकों की मांग है कि केंद्र सरकार को दमन की नीति नहीं अपना कर किसानों से बात करनी चाहिए, ताकि किसानों का आंदोलन खत्म किया जा सके.

जयपुर. देशभर में किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. इसी कड़ी में अब किसानों के समर्थन में राजस्थान यूनिवर्सिटी के शिक्षक और छात्र भी आगे आए हैं. आरयू के मुख्य द्वार पर यूनिवर्सिटी के शिक्षक और छात्रों ने मंगलवार को कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया.

किसानों के समर्थन में राजस्थान यूनिवर्सिटी के शिक्षक और छात्र भी आगे आए हैं.

इस दौरान सभी शिक्षकों और छात्रों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इस प्रदर्शन के बाद एक दल भी आंदोलन में शामिल होने के लिए विश्वविद्यालय से रवाना हुआ. शिक्षकों का कहना था कि किसानों की मांगों को लेकर केंद्र सरकार का रवैया नरम होना चाहिए. एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर ओम महला ने बताया कि विश्वविद्यालय शिक्षा के केंद्र होते हैं और देश में जो भी घटित होता है उसमें उसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है.

देश भर में किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं और यह उनके हित में नहीं है और ऐसा हमें भी लगता है. इसलिए हम प्रदर्शन कर किसानों का नैतिक समर्थन कर रहे हैं. महला ने कहा कि किसानों की एक मांग है कि कोई भी व्यवसायी, संस्थान या व्यक्ति न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम पर खरीद नहीं करेगा तो किसान आंदोलन नहीं करेंगे, उनकी यह मांग सही है. केंद्र सरकार यह मानती है कि वह बिचौलिया प्रथा खत्म कर रही है और हमें लगता है कि इससे यह प्रथा बढ़ेगी. बिचौलियों का कमीशन किसान की जेब से जाएगा.

यह भी पढ़ें: खबर का असर: अस्थाई रैन बसेरे का खुला ताला, ठंड में बेघरों को मिला आशियाना

सहायक प्रोफेसर सीबी यादव ने कहा कि किसानों का आंदोलन कॉर्पोरेट की उस नीति को लेकर है, जिससे खेती खत्म करने की साजिश की जा रही है. इससे बड़ी बात है कि सरकार किसानों से संवाद नहीं कर रही. कानून लाना गलत बात नहीं, लेकिन कानून को चोर दरवाजे से कोरोना काल में लाना दुर्भाग्यपूर्ण है. राजस्थान विश्वविद्यालय का शिक्षक समूह इसकी निंदा करता है. शिक्षकों की मांग है कि केंद्र सरकार को दमन की नीति नहीं अपना कर किसानों से बात करनी चाहिए, ताकि किसानों का आंदोलन खत्म किया जा सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.