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छात्र संघ चुनाव 2019: मतपेटियों में बंद वोट आज तय करेंगे किसके सिर सजेगा जीत का ताज

राजस्थान विश्वविद्यालय सहित इससे संबद्ध कॉलेजों, सरकारी कॉलेजों और संस्कृत विश्वविद्यालय में मंगलवार को छात्र संघ चुनाव के तहत मतदान हो चुका है. ऐसे में वोटर्स ने छात्र संघ पदाधिकारियों का चुनाव कर फैसला मतपेटियों में बंद कर दिया है. मतपेटियां आज यानि बुधवार को खुलेंगी और छात्र संघ का नया चेहरा सामने आएगा.

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Published : Aug 28, 2019, 9:16 AM IST

जयपुर. मतगणना बुधवार सुबह 11 बजे से शुरू होगी और शाम तक विवि का नया छात्र संघ अध्यक्ष चुन लिया जाएगा. राजस्थान विवि और चारों संघटक कॉलेजों में इस बार 50 फीसदी छात्र-छात्राएं मतदान में शामिल नहीं हुए. बात की जाए बीते पांच सालों की तो इस साल सबसे कम मतदान हुआ है. हालांकि राजस्थान कॉलेज में 65 फीसदी, कॉमर्स कॉलेज में 42.97 फीसदी, महाराजा कॉलेज में 66.28 फीसदी और महारानी कॉलेज में महज 37.9 फीसदी मतदान हुआ है.

मतदान के दिन कुछ ऐसा रहा नजारा-

आयोग ने जब भेज दी पुरानी स्याही तो मार्कर से लगा दिया निशान

मतदान के दिन चुनाव में निर्वाचन आयोग की बड़ी लापरवाही सामने आई. छात्र संघ चुनाव में उंगली पर लगाई जाने वाली अमिट स्याही पुरानी होने से लगाने के साथ ही मिट गई. राजस्थान कॉलेज में खराब स्याही होने के कारण मार्कर से ही काम चलाना पड़ा. राजस्थान विवि के कुलपति आरके कोठारी ने इस मामले को गंभीर बताया है. साथ ही कहा कि पहली बार इस तरह की शिकायत सामने आई है.

पढ़ें- मां ने पहले तो अपने तीन बच्चों को जहर दिया, फिर खुद भी झुल गई फंदे पर...चारों की मौत

जब क्यूआरटी के जवान ने छात्र को मारा थप्पड़ा

फाइव ईयर लॉ कॉलेज के बाहर घूम रहे एक छात्र को क्यूआरटी के एक जवान ने थप्पड़ मार दिया. इसके बाद पुलिस उसे जीप में बैठाकर ले गई. इस पर छात्र के साथियों ने हंगामा खड़ा कर दिया. करीब एक घंटे तक यह हंगामा चला. प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस के बीच-बचाव के बाद हंगामा शांत हुआ.

पढ़ें- निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस, पायलट ने खुद संभाली कमान

राजनीतिक पार्टियों की सक्रियता

छात्र संघ चुनाव छात्रों का चुनाव होता है. लेकिन यह चुनाव केवल छात्रों तक सीमित नहीं था. बाहरी तौर पर भले ही छात्र संगठनों और मुद्दों पर बात की गई हो. मगर अंदरुनी पक्ष देखे तो पार्षद से लेकर विधायक-मंत्रियों तक सभी आला नेताओं की दखल अंदाजी देखने को मिली. चुनाव के लिए नेताओं ने संगठनों को चंदा भी दिया. राजनैतिक पार्टियों की सक्रियता के साथ ही जातिगत समीकरण भी बहुत हावी रहा. छात्र संगठनों के टिकट बंटवारे से लेकर चुनाव में मतदाताओं के वोट तक जातिगत आधार पर पड़े. जबकि यह सब लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का खुला उल्लंघन है.

हाइट नहीं हौसला मायने रखता है

मतदान के दिन महारानी कॉलेज में ढाई फीट की सोलानी कुमावत आकर्षण का केंद्र रहीं. सोलानी प्रत्याशी थी, इनका हौसला गजब का था. अध्यापिका ने उनके लिए वोटिंग टेबल से उतारकर नीचे रखा. वहीं, विवि कैम्पस में चार फीट के महावीर ने विवि के पीजी स्कूल ऑफ कॉमर्स में वोट डाला.

जयपुर. मतगणना बुधवार सुबह 11 बजे से शुरू होगी और शाम तक विवि का नया छात्र संघ अध्यक्ष चुन लिया जाएगा. राजस्थान विवि और चारों संघटक कॉलेजों में इस बार 50 फीसदी छात्र-छात्राएं मतदान में शामिल नहीं हुए. बात की जाए बीते पांच सालों की तो इस साल सबसे कम मतदान हुआ है. हालांकि राजस्थान कॉलेज में 65 फीसदी, कॉमर्स कॉलेज में 42.97 फीसदी, महाराजा कॉलेज में 66.28 फीसदी और महारानी कॉलेज में महज 37.9 फीसदी मतदान हुआ है.

मतदान के दिन कुछ ऐसा रहा नजारा-

आयोग ने जब भेज दी पुरानी स्याही तो मार्कर से लगा दिया निशान

मतदान के दिन चुनाव में निर्वाचन आयोग की बड़ी लापरवाही सामने आई. छात्र संघ चुनाव में उंगली पर लगाई जाने वाली अमिट स्याही पुरानी होने से लगाने के साथ ही मिट गई. राजस्थान कॉलेज में खराब स्याही होने के कारण मार्कर से ही काम चलाना पड़ा. राजस्थान विवि के कुलपति आरके कोठारी ने इस मामले को गंभीर बताया है. साथ ही कहा कि पहली बार इस तरह की शिकायत सामने आई है.

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जब क्यूआरटी के जवान ने छात्र को मारा थप्पड़ा

फाइव ईयर लॉ कॉलेज के बाहर घूम रहे एक छात्र को क्यूआरटी के एक जवान ने थप्पड़ मार दिया. इसके बाद पुलिस उसे जीप में बैठाकर ले गई. इस पर छात्र के साथियों ने हंगामा खड़ा कर दिया. करीब एक घंटे तक यह हंगामा चला. प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस के बीच-बचाव के बाद हंगामा शांत हुआ.

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राजनीतिक पार्टियों की सक्रियता

छात्र संघ चुनाव छात्रों का चुनाव होता है. लेकिन यह चुनाव केवल छात्रों तक सीमित नहीं था. बाहरी तौर पर भले ही छात्र संगठनों और मुद्दों पर बात की गई हो. मगर अंदरुनी पक्ष देखे तो पार्षद से लेकर विधायक-मंत्रियों तक सभी आला नेताओं की दखल अंदाजी देखने को मिली. चुनाव के लिए नेताओं ने संगठनों को चंदा भी दिया. राजनैतिक पार्टियों की सक्रियता के साथ ही जातिगत समीकरण भी बहुत हावी रहा. छात्र संगठनों के टिकट बंटवारे से लेकर चुनाव में मतदाताओं के वोट तक जातिगत आधार पर पड़े. जबकि यह सब लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का खुला उल्लंघन है.

हाइट नहीं हौसला मायने रखता है

मतदान के दिन महारानी कॉलेज में ढाई फीट की सोलानी कुमावत आकर्षण का केंद्र रहीं. सोलानी प्रत्याशी थी, इनका हौसला गजब का था. अध्यापिका ने उनके लिए वोटिंग टेबल से उतारकर नीचे रखा. वहीं, विवि कैम्पस में चार फीट के महावीर ने विवि के पीजी स्कूल ऑफ कॉमर्स में वोट डाला.

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