जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान विश्वविद्यालय के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के आदेश को रद्द करते हुए याचिकाकर्ता छात्र को छात्र संघ चुनाव में शामिल होने की छूट दी है. न्यायाधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश अशोक फागना की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता को छात्र संघ चुनाव संविधान के नियम 20 C के तहत उसे यह कहते हुए अपात्र घषित कर दिया कि वो आखिरी सेमेस्टर के एक पेपर में फेल है. जिसके चलते वो राजस्थान विवि छात्रसंघ चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने समाजशास्त्र में क्रेडिट स्कोर सिस्टम से एम.ए किया था.
उसके आखिरी सेमेस्टर में उसका स्कोर 132 था, जबकि चुनाव लडने के लिए सिर्फ 120 का स्कोर ही चाहिए था. विवि उसे एमए की अंक तालिका जारी कर चुका है. ऐसे में उसे अपात्र घोषित नहीं किया जा सकता. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को अपात्र घोषित करने के आदेश को रद्द कर दिया है.