जयपुर. वाहन चलाते समय पर फोन पर बात करने से हर साल सैंकड़ो लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं. ऐसे में अब आरटीओ ने अदालत की फटकार के बाद वाहन चालकों के लिए जो गाइडलाइन जारी की है, उसको अभी के समय में लागू करना काफी मुश्किल लग रहा है. आरटीओ की ओर से जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार बात करना तो दूर गाड़ी में मोबाइल रखना भी मुश्किल हो जाएगा.
इस गाइडलाइन के अनुसार वाहन चालक ना तो मोबाइल को देख सकता है और ना ही मोबाइल का किसी भी तरीके से उपयोग कर सकता है. यहां तक कि वाहन चालक को ब्लूटूथ का उपयोग करने की भी मनाही रहेगी. दोपहिया और तिपहिया वाहन चालक ड्राइविंग करते समय ब्लूटूथ का भी उपयोग नहीं कर सकते. गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई भी हो सकती है. मोबाइल को देखना, मैसेज करना और फोन का उपयोग करना भी गाइडलाइन का उल्लंघन है.
आरटीओ ने हाई कोर्ट के निर्देश पर नई गाइडलाइन तैयार की है. यही नहीं जीपीएस का इस्तेमाल भी 80 फीसदी वाहन चालक अब नहीं कर पाएंगे.गाइडलाइन के अनुसार चालक मोबाइल पर फोटो वीडियो ना तो देख सकता है, नहीं बना सकता है. अगर कोई प्रशिक्षक पर्यवेक्षक वाहन चलाना सिखा रहा है तो मोबाइल और अन्य संचार उपकरणों का इस्तेमाल नहीं कर सकता.
वहीं वाहन चालक मोबाइल को उचित स्थान पर लगाकर जीपीएस नेविगेशन का उपयोग गंतव्य स्थान पर पहुंचने के लिए कर सकता है, लेकिन जीपीएस को गाड़ी शुरू करने से पहले ही चालू किया जाएगा. वहीं वाहन चलाते समय अगर विशेष परिस्थितियों में मोबाइल पर बात करनी है, तो वाहन को किसी स्थान पर रोका जाए, फिर बात की जाए. यदि ऐसा नहीं किया जाएगा तो उस पर नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई भी की जाएगी.