जयपुर. राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) की ओर से गुरुवार को जयपुर कलेक्ट्रेट पर पुरानी पेंशन स्कीम और सामंत कमेटी की रिपोर्ट लागू करने को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया. राजस्थान शिक्षक संघ ने कहा कि समय-समय पर शिक्षकों की समस्याओं पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई है, इसके कारण शिक्षक असंतुष्ट हैं और अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं.
धरने में शामिल शिक्षकों का कहना है कि राजस्थान में साल 2004 से पहले पदस्थापित शिक्षक और कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर पुरानी पेंशन का लाभ मिलता है, जबकि साल 2004 के बाद से नियुक्त कर्मचारियों को नई पेंशन स्कीम के अंतर्गत पेंशन देय है. नई पेंशन स्कीम किसी भी तरह से सेवानिवृत्ति के बाद शेष जीवन के लिए आर्थिक रूप से भविष्य के लिए सही नहीं है. उच्च न्यायालय ने भी नई पेंशन स्कीम को आर्थिक सुरक्षा को देखते हुए नकार दिया है, इसलिए शिक्षकों ने मांग की है कि समान कार्य समान सुविधा के सिद्धांत के आधार पर साल 2004 के बाद नियुक्त शिक्षक और कर्मचारियों के लिए भी पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए.
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वहीं, शिक्षकों का कहना है कि 6ठें और 7वें वेतनमान में केंद्र के अनुरूप वेतनमान नहीं देकर अनेक विसंगतियां रख दी गई है. संगठन के आंदोलन करने पर राज्य सरकार ने इन विसंगतियों के अध्ययन और निवारण के लिए सामंत कमेटी का गठन किया था. सामंत कमेटी ने अपना प्रतिवेदन राज्य सरकार को प्रस्तुत कर दिया है, लेकिन समिति की सिफारिश न तो सार्वजनिक की गई है और ना ही उनको लागू किया गया है.