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कार्मिक विभाग के आदेश के विरोध में राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ, आंदोलन की दी चेतावनी - Rajasthan State Ministerial Employees Federation

राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ कार्मिक विभाग की ओर से निकाले गए एक आदेश के विरोध में उतर गया है. महासंघ ने मांगें नहीं माने जाने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है.

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आंदोलन की दी चेतावनी
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Published : Jun 26, 2021, 3:29 AM IST

जयपुर. राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ कार्मिक विभाग के 23 जून को निकाले गए आदेश के विरोध में उतर आया है. महासंघ की ओर से इस संबंध में कई उच्च अधिकारियों को ज्ञापन भी दिया जा चुका है. अब महासंघ की ओर से 28 जून को प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर और उपखंड कार्यालय पर प्रदर्शन कर कार्मिक विभाग के आदेश की होली जलाने का भी निर्णय किया गया है.

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राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ की ओर से कनिष्ठ सहायक की न्यूनतम योग्यता स्नातक किए जाने की मांग काफी वर्षों से की जा रही है. मंत्रालयिक कार्मिकों के समकक्ष संवर्ग जैसे पटवारी ग्राम सेवक आदि की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता पिछले समय में स्नातक कर दी गई है. लेकिन कनिष्ठ सहायक की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता सीनियर सेकेंडरी के आधार पर ही कार्मिक विभाग की ओर से समान पात्रता परीक्षा लागू की गई है जबकि मंत्रालय कर्मचारी इसे स्नातक स्तरीय परीक्षा में सम्मिलित करने की मांग कर रहे हैं.

आंदोलन की दी चेतावनी

राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राज सिंह चौधरी के नेतृत्व में महासंघ के पदाधिकारी मुख्य सचिव निरंजन आर्य और कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव हेमंत गेरा से भी मिलकर उन्हें इस समस्या से अवगत कराया था. ज्ञापन के जरिए सरकार को चेतावनी भी दी गई है कि यदि एक महीने में इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो महासंघ की ओर से एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा. महासंघ की ओर से 28 जून को प्रदेशभर में जिला कलेक्टर और उपखंड कार्यालय पर ज्ञापन देकर कार्मिक विभाग के समान पात्रता परीक्षा के आदेश की होली जलाने का भी निर्णय किया गया है.

पढ़ें- Rajasthan Unlock 3.0 की Guideline पर मंथन, गहलोत कैबिनेट बैठक में मिली मंजूरी...जानिए कहां सख्ती, कहां छूट

राज सिंह चौधरी ने कहा कि कार्मिक विभाग के 23 जून के आदेश से अधीनस्थ कार्यालयों एवं पंचायती राज संस्थाओं में पदस्थापित मंत्रालयिक कर्मचारियों में भारी आक्रोश है.

महासंघ इसलिए कर रहा विरोध

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राजसिंह चौधरी ने कहा कि हम पिछले कई वर्षों से मंत्रालयिक कर्मचारियों की योग्यता स्नातक कराने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. हमारी सरकार से मांग है कि हमारी योग्यता स्नातक की जाए. ज्ञापन देने के बावजूद भी सरकार हमारी सुनवाई नहीं कर रही है. मुख्यमंत्री ने बजट घोषणा पत्र में पटवारी, ग्राम सेवक और मंत्रालयिक कर्मचारियों की समान पात्रता परीक्षा कराने की घोषणा की थी.

23 जून को कार्मिक विभाग ने एक आदेश निकाला जिसमें पटवारी एवं ग्राम सेवक और मंत्रालयिक कर्मचारियों एवं जमादार पद के लिए समान परीक्षा होगी. कार्मिक विभाग ने आदेश जारी कर राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी की शैक्षणिक योग्यता स्नातक नहीं होने से उन्हें जमादार पद के समकक्ष लाकर रख दिया है. इसलिए हमारी मांग है कि हमारी योग्यता स्नातक की जाए. हमारी योग्यता स्नातक करने से सरकार पर कोई अतिरिक्त भार भी नहीं पड़ रहा. चौधरी ने कहा कि स्नातक योग्यता करने से सरकार को भी अच्छे कर्मचारी काम करने के लिए मिलेंगे सरकार को इससे फायदा होगा.

जयपुर. राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ कार्मिक विभाग के 23 जून को निकाले गए आदेश के विरोध में उतर आया है. महासंघ की ओर से इस संबंध में कई उच्च अधिकारियों को ज्ञापन भी दिया जा चुका है. अब महासंघ की ओर से 28 जून को प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर और उपखंड कार्यालय पर प्रदर्शन कर कार्मिक विभाग के आदेश की होली जलाने का भी निर्णय किया गया है.

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राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ की ओर से कनिष्ठ सहायक की न्यूनतम योग्यता स्नातक किए जाने की मांग काफी वर्षों से की जा रही है. मंत्रालयिक कार्मिकों के समकक्ष संवर्ग जैसे पटवारी ग्राम सेवक आदि की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता पिछले समय में स्नातक कर दी गई है. लेकिन कनिष्ठ सहायक की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता सीनियर सेकेंडरी के आधार पर ही कार्मिक विभाग की ओर से समान पात्रता परीक्षा लागू की गई है जबकि मंत्रालय कर्मचारी इसे स्नातक स्तरीय परीक्षा में सम्मिलित करने की मांग कर रहे हैं.

आंदोलन की दी चेतावनी

राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राज सिंह चौधरी के नेतृत्व में महासंघ के पदाधिकारी मुख्य सचिव निरंजन आर्य और कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव हेमंत गेरा से भी मिलकर उन्हें इस समस्या से अवगत कराया था. ज्ञापन के जरिए सरकार को चेतावनी भी दी गई है कि यदि एक महीने में इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो महासंघ की ओर से एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा. महासंघ की ओर से 28 जून को प्रदेशभर में जिला कलेक्टर और उपखंड कार्यालय पर ज्ञापन देकर कार्मिक विभाग के समान पात्रता परीक्षा के आदेश की होली जलाने का भी निर्णय किया गया है.

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राज सिंह चौधरी ने कहा कि कार्मिक विभाग के 23 जून के आदेश से अधीनस्थ कार्यालयों एवं पंचायती राज संस्थाओं में पदस्थापित मंत्रालयिक कर्मचारियों में भारी आक्रोश है.

महासंघ इसलिए कर रहा विरोध

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राजसिंह चौधरी ने कहा कि हम पिछले कई वर्षों से मंत्रालयिक कर्मचारियों की योग्यता स्नातक कराने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. हमारी सरकार से मांग है कि हमारी योग्यता स्नातक की जाए. ज्ञापन देने के बावजूद भी सरकार हमारी सुनवाई नहीं कर रही है. मुख्यमंत्री ने बजट घोषणा पत्र में पटवारी, ग्राम सेवक और मंत्रालयिक कर्मचारियों की समान पात्रता परीक्षा कराने की घोषणा की थी.

23 जून को कार्मिक विभाग ने एक आदेश निकाला जिसमें पटवारी एवं ग्राम सेवक और मंत्रालयिक कर्मचारियों एवं जमादार पद के लिए समान परीक्षा होगी. कार्मिक विभाग ने आदेश जारी कर राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी की शैक्षणिक योग्यता स्नातक नहीं होने से उन्हें जमादार पद के समकक्ष लाकर रख दिया है. इसलिए हमारी मांग है कि हमारी योग्यता स्नातक की जाए. हमारी योग्यता स्नातक करने से सरकार पर कोई अतिरिक्त भार भी नहीं पड़ रहा. चौधरी ने कहा कि स्नातक योग्यता करने से सरकार को भी अच्छे कर्मचारी काम करने के लिए मिलेंगे सरकार को इससे फायदा होगा.

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