जयपुर. राजस्थान में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच किए जा रहे 18 से 44 वर्ष के लोगों के वैक्सीनेशन में अपनी मदद के लिए राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, सदस्य और कर्मचारी भी आगे आए हैं. आयोग अध्यक्ष जस्टिस जीके व्यास और आयोग के सदस्यों ने अपने 3-3 दिन का वेतन, जबकि आयोग के कर्मचारी अपने 1 दिन का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष में देंगे.
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आयोग के रजिस्ट्रार ने आयोग की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए जाने वाली यह सहयोग राशि कर्मचारियों के मई माह के वेतन से दी जाएगी. आयोग अध्यक्ष जस्टिस जीके व्यास ने इस संबंध में अपील की थी. जिसके बाद आयोग सदस्यों को कर्मचारियों ने इस काम में आगे बढ़कर अपना सहयोग दिया है.
वहीं बीकानेर के सादुल कॉलोनी के निवासियों ने भी आयोग में शिकायत दी गई थी कि एक निजी अस्पताल जैव चिकित्सा अपशिष्ट के लिए कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहा. अस्पताल में इस्तेमाल किया हुआ पीपीई किट, दस्ताने, मास्क आदि अपशिष्ट को कट्टों में खुला छोड़ दिया जा रहा है. जो संक्रमण का स्त्रोत हो सकते हैं. शिकायत पर आयोग अध्यक्ष जीके व्यास ने संज्ञान लेकर जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक बीकानेर को नोटिस जारी कर मामले में त्वरित कार्रवाई करने और 15 मई तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है.