जयपुर. राज्यसभा चुनाव से पहले राजस्थान की राजनीति में विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला सामने आया था. सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी की तरफ से इस पूरे प्रकरण को लेकर SOG (Special Operation Group) मुख्यालय में एक परिवाद दिया गया था. उस परिवाद की जांच एसओजी की ओर से की जा रही है. हालांकि, उस परिवाद में ना तो किसी व्यक्ति का नाम और ना ही नंबर मेंशन किया गया था.
बता दें कि यह प्रकरण राजस्थान की राजनीति से जुड़ा हुआ था, इसे देखते हुए राजस्थान एसओजी की एक स्पेशल विंग ने इस पूरे प्रकरण की अपने स्तर पर जांच शुरू की और कांग्रेस के कुछ छोटे तो कुछ बड़े मंत्रियों व विधायकों के फोन नंबर सर्विलांस पर डाले गए.
खरीद-फरोख्त मामले में 2 नंबर आए सामने...
एसओजी व एटीएस एडीजी अशोक कुमार राठौड़ ने बताया कि विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने जो परिवाद एसओजी में दर्ज कराया था, उसकी जांच चल रही है. इसके अलावा एसओजी ने भी अपने स्तर पर इस पूरे प्रकरण की गंभीरता से जांच करते हुए कुछ मंत्रियों और विधायकों के फोन सर्विलांस पर लगाए, जिनसे यह खुलासा हुआ है कि दो ऐसे नंबर हैं जिनके ओर से पैसों के लेनदेन और पद का प्रलोभन दिया गया है.
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अशोक राठौड़ ने बताया कि फोन पर जो बात हो रही है, उसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि कुछ प्रलोभन देकर सत्ता में भागीदारी या सत्ता को बदलने की कोशिश करने की बात सामने आई है. इसे लेकर एसओजी की ओर से आईपीसी की धारा 124ए और 120बी के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई है.
मुख्यमंत्री का भी बयान लेगी SOG...
विधायकों की खरीद-फरोख्त प्रकरण की जांच एसओजी के एडिशनल एसपी हरि प्रकाश सोमानी को ही सौंपी गई है. एडीजी अशोक कुमार राठौड़ का कहना है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त के प्रकरण में आने वाले दिनों में राजस्थान के अनेक मंत्रियों और हो सके तो मुख्यमंत्री के बयान भी दर्ज किए जाएंगे.
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साथ ही इस पूरे प्रकरण में एसओजी की ओर से अब तक जो जांच की गई है और उसमें जिन मंत्रियों विधायकों के नाम सामने आए हैं यदि वह भी अपने बयान देने आते हैं तो उनके भी बयान इस प्रकरण में दर्ज किए जाएंगे. इसके साथ ही व्हाट्सएप कॉल के जरिए कॉल पर जो बात की गई है, उसकी पड़ताल नहीं की जा सकती. लेकिन जो लोग खुलेआम वर्तमान सरकार को अस्थिर करने के लिए बात कर रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.