जयपुर. जब ईटीवी भारत ने बच्चों से बात की तो उन्होंने कहा कि लंबे समय बाद स्कूल खुलने से वे काफी खुश हैं और स्कूल पहुंचने पर टीचरों ने भी अच्छे से पढ़ाई कराई. राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय राम मंदिर में उम्मीद से ज्यादा बच्चे स्कूल पहुंचे.
एसओपी के अनुसार एक से पांच तक के 40 फीसदी बच्चों को ही बुलाने का प्रावधान है. बच्चों को स्कूल में प्रवेश देने से पहले बच्चों का तापमान चेक किया गया और हाथ भी सैनिटाइज कराए गए. स्कूल की छुट्टी के बाद बच्चों ने पहले दिन की पढ़ाई के अनुभव साझा किए.
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय राम मंदिर में कक्षा पांच की छात्रा अनन्या ने बताया कि बड़े दिनों बाद स्कूल आकर उसे बहुत अच्छा लगा. उसने कक्षा में गणित, हिंदी और इंग्लिश की पढ़ाई की और स्कूल में प्रवेश देने से पहले थर्मल स्कैनर से तापमान जांच कर हाथ को सैनिटाइज भी कराया गया.
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इसी तरह से कक्षा 5 में पढ़ने वाली खुशबू ने कहा कि उसे इंग्लिश पढ़कर अच्छा लगा और स्कूल में कोविड गाइडलाइन की पूरी पालना की गई. बच्चों ने कहा कि लंबे समय बाद दोस्तों से भी मुलाकात हुई. राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय बस्ती शामियान के विद्यार्थियों ने कहा कि लंबे समय बाद कक्षा 1 से 5 तक की कक्षा खुली है और लंबे समय बाद स्कूल आने पर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है. पुराने दोस्तों से भी मुलाकात हुई.
कक्षा पांच की मानसी ने कहा कि स्कूल में उसे अच्छा लग रहा है और अब तक उसने गणित की पढ़ाई की है और गिनती सीखी है. कक्षा 4 की एक और छात्रा ने भी कहा कि उसे पढ़ाई कर बहुत अच्छा लगा और उसने हिंदी और गणित की पढ़ाई की है. बच्चों ने भी कहा कि स्कूल में कोविड गाइडलाइन की पूरी तरह से पालना की गई. राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय बस्ती शामियान की प्रिंसिपल रीता सैनी ने कहा कि लंबे समय बाद बच्चों की स्कूल खुली है. बच्चे भी काफी खुश नजर आ रहे हैं. सभी बच्चे स्कूल आने के लिए भी आतुर हैं.
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पहले दिन एसओपी के अनुसार एक से पांच तक के बच्चों को 40 फीसदी ही बुलाना था, लेकिन बच्चे काफी संख्या में स्कूल पहुंचे, जिन्हें समझा कर अभिभावकों के साथ वापस भेजा गया. सैनी ने कहा कि यदि सभी बच्चों को स्कूल बुला लिया जाता तो एसओपी की पालना नहीं हो पाती. बच्चों का स्कूल में स्वागत किया गया और उन्हें एक-एक पेंसिल भी दी गई. अभिभावकों की परमिशन के बाद ही बच्चों को स्कूल में बैठाया गया है. उन्होंने कहा कि जो बच्चे मास्क पहनकर नहीं आए थे उन्हें स्कूल प्रबंधन की ओर से मास्क दिया गया.