जयपुर. राजीविका में नवाचारों के जरिए प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक रूप से अक्षम अधिक से अधिक महिलाओं की आय बढ़ाकर उनके सशक्तीकरण के प्रयास किए जा रहे हैं. महिलाओं को किस तरीके से आर्थिक रूप से सशक्त किया जाए, इसको लेकर आगे भी राजीविका के माध्यम से नवाचार की जाएंगे. यह बात ग्रामीण एवं पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा ने (Minister Ramesh Meena took the meeting) कही.
उन्होंने कहा कि मार्च तक 40 लाख महिलाओं को सदस्य बनाने का लक्ष्य तय किया है . मंत्री रमेश मीणा की अध्यक्षता में बुधवार को राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) की पहली साधारण सभा की बैठक हुई. बैठक में मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि राजीविका में नवाचारों के जरिए प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक रूप से अक्षम अधिक से अधिक महिलाओं की आय बढ़ाकर उनके सशक्तीकरण के प्रयास किए जा रहे हैं.
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गरीब महिलाओं को जैविक और उन्नत कृषि से जोड़ने के प्रयास किए जाएं: उन्होंने निर्देश दिए कि जहां जमीन और पशुओं की उपलब्धता है, वहां की गरीब महिलाओं को प्राथमिकता के साथ जैविक एवं उन्नत कृषि से जोड़ने के प्रयास किए जाएं. उन्होंने साधारण सभा की बैठक हर छह माह में एवं शासी समिति की बैठक प्रतिवर्ष आयोजित करने के निर्देश दिए. उन्होंने निर्देश दिए कि जिला कलक्टर्स की बीस सूत्री कार्यक्रम जैसी बैठकों में राजीविका को भी एजेंडे में आवश्यक रूप से शामिल किया जाए. साथ ही पंचायत समिति एवं जिला परिषद की साधारण सभा में भी इसके सम्बन्ध में चर्चा हो एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों को समय-समय पर इन योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराई जाए.
लाभार्थी महिलाओं के चयन के परम्परागत तरीके में बदलाव के सुझाव: ग्रामीण विकास मंत्री ने कन्वर्जेंस की योजनाओं के लिए लाभार्थी महिलाओं के चयन के परम्परागत तरीके में बदलाव करने का सुझाव दिया. साथ ही बाजार से खरीदकर अनाज विक्रय करने के बजाय अनाज की ग्रेडिंग एवं प्रोसिंग से महिलाओं की आय बढ़ाने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि जल्द ही महिला बैंक भी स्वरूप ले लेगा. महिला कॉपरेटिव बैंक के लिए तेलंगाना के साथ एमओयू किया गया है. मीणा ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 30 लाख महिलाएं राजीविका के स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं. अगले वर्ष मार्च तक ये संख्या 40 लाख हो जाएंगी .