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राजस्थान ग्रामीण परिवार आजीविका ऋण योजना लागू, एक लाख परिवारों को मिलेगा 2 हजार करोड़ का ब्याज मुक्त ऋण - Interest free loan for rural families

प्रदेश सरकार ने राजस्थान ग्रामीण परिवार आजीविका ऋण योजना (Rajasthan rural family livelihood loan scheme) को मंजूरी दे दी है. सोमवार को सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना ने इस योजना के बारे में बताया कि इसके तहत प्रदेश के 1 लाख परिवारों को अकृषि कार्यों के लिए 2 हजार करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त ऋण मिलेगा.

Rajasthan rural family livelihood loan scheme approved, know details
राजस्थान ग्रामीण परिवार आजीविका ऋण योजना लागू, एक लाख परिवारों को मिलेगा 2 हजार करोड़ का ब्याज मुक्त ऋण
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Published : Oct 10, 2022, 7:43 PM IST

जयपुर. प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के परिवारों के लिए राजस्थान ग्रामीण परिवार आजीविका ऋण योजना लागू हो गई (Rajasthan rural family livelihood loan scheme) है. इस नई योजना में वर्ष 2022-23 में एक लाख परिवारों को अकृषि कार्यों के लिए 2 हजार करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा. राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में गत 5 वर्षों से निवास कर रहे परिवार ऋण के लिए पात्र होंगे. यह ऋण वाणिज्यिक, क्षेत्रीय ग्रामीण, सहकारी बैंकों एवं स्माल फाइनेंस बैंकों के माध्यम से मिलेगा. राज्य सरकार इस प्रकार के ऋणों के लिए 100 करोड़ रुपए का ब्याज अनुदान देगी. यह जानकारी सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना ने सोमवार को दी.

आंजना ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में कई परिवार, कृषि एवं पशुपालन के साथ-साथ अकृषि गतिविधियां जैसे हस्तशिल्प, लघु उद्योग, कताई-बुनाई, रंगाई-छपाई आदि पर भी आजीविका के लिए निर्भर हैं. इन कार्यों के लिए अकृषि क्षेत्र में एक लाख परिवारों को 2 हजार करोड़ रुपए के ब्याज मुक्त ऋण वितरित किये जाने की बजट घोषणा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की थी. मुख्यमंत्री गहलोत ने इस योजना को मंजूरी दे दी है. योजना के लागू होने से अब ग्रामीण क्षेत्र के किसान परिवारों को कृषि कार्यों के साथ-साथ अकृषि कार्यों के लिए भी ब्याज मुक्त ऋण मिल सकेगा. सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा तैयार पोर्टल पर इसके ऑनलाइन आवेदन करना होगा.

पढ़ें: Special: अन्नदाताओं की मददगार बनी 'फसली ऋण योजना', करीब 85 प्रतिशत किसानों को मिला लाभ

उन्होंने बताया कि योजना में अन्य पात्रता मापदण्डों की पूर्ति करने वाले किरायेदार, मौखिक पट्टेदार, बटाईदार आदि के रूप में काश्त कर रहे लघु एवं सीमान्त किसान तथा भूमिहीन श्रमिक के परिवार भी पात्र होंगे. इसके अतिरिक्त ग्रामीण दस्तकार तथा अकृषि कार्यों में जीवनयापन करने वाले ग्रामीण परिवार के सदस्य भी पात्र होंगे. साथ ही राजीविका के स्वयं सहायता समूहों, उत्पादक समूहों एवं व्यवसायिक समूहों के व्यक्तिगत सदस्यों को सामूहिक गतिविधियों के लिए ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा. प्रति समूह अधिकतम 10 सदस्यों को व्यक्तिगत रूप से ऋण दिया जाएगा. ऋण की न्यूनतम सीमा 25 हजार रुपए एवं अधिकतम 2 लाख रुपए होगी.

पढ़ें: किसानों को फायदा दिलाने के लिए उनके हित में सरल योजनाएं बनाएं, ताकि ग्रास रूट लेवल के किसान को भी भरपूर लाभ मिले : कुंजी लाल मीणा

सहकारिता मंत्री आंजना ने बताया कि राजीविका के इन समूहों एवं इन समूहों में से पात्र लाभार्थियों का चयन राजीविका की स्थानीय ईकाई की ओर से किया जाएगा और इसके लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी को अनुशंसा करेगी. उन्होंने बताया कि ऋण के लिए आवेदक का बैंक शाखा के कार्य क्षेत्र अथवा जिले का निवासी होना जरूरी है तथा उसका आधार एवं जनाधार बना हो. परिवार के सदस्य के पास किसी भी लाईसेंसधारी बैंक से जारी किया हुआ किसान कार्ड होना चाहिए. जिन परिवारों के पास किसान क्रेडिट कार्ड नहीं हो, उनको नये सदस्य के रूप में अकृषि कार्यों के लिए क्रेडिट कार्ड स्वीकृत करेगा. आवेदक से कोई प्रोसेसिंग फीस नहीं ली जायेगी.

पढ़ें: खुशखबरीः गहलोत सरकार ने कर्जमाफी के लिए सहकारिता विभाग को जारी किए 1150 करोड़ रुपए

आंजना ने बताया कि आवेदक को सम्पूर्ण ऋण साख सीमा के रूप में स्वीकृत किया जायेगा. साख सीमा राशि का आंकलन व्यवसाय की पूंजीगत आवश्यकताओं, कार्यशील पूंजी तथा रोजमर्रा की जरूरतों को ध्यान में रखकर की जायेगी. स्वीकृत साख सीमा का प्रतिवर्ष नवीनीकरण करवाना होगा. यानी एक वर्ष पूर्ण होने पर खाते में बकाया राशि जमा करवाकर साख सीमा को अगले वर्ष के लिए नवीनीकृत करवाना होगा. इस योजना के लिए राज्य सरकार की ओर से आगामी वर्षों में भी निरंतर ब्याज अनुदान राशि दी जायेगी.

पढ़ें: ग्रामीणो को ऋण योजनाओं की जानकारी देने के लिए लगेगा शिविर

मंत्री आंजना ने बताया कि वाणिज्यिक बैंकों द्वारा 55 हजार 158, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा 36 हजार 741, सहकारी बैंकों द्वारा 5 हजार 949 तथा स्माल फाईनेन्स बैंकों द्वारा 2 हजार 152 सहित कुल एक लाख ग्रामीण परिवारों को ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है. स्वीकृत ऋण राशि को एक वर्ष की अवधि में चुकाना होगा तथा ऋणी आगामी वर्ष के लिए साख सीमा का नवीनीकरण करवा सकेगा. पोर्टल पर प्राप्त ऑनलाइन आवेदनों का जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी पात्रता मापदण्डों का परीक्षण कर ऋण आवेदन-पत्र सम्बन्धित बैंक शाखा को भेजेगी. शाखा 15 दिन में ऋण स्वीकृति पर निर्णय लेगी.

जयपुर. प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के परिवारों के लिए राजस्थान ग्रामीण परिवार आजीविका ऋण योजना लागू हो गई (Rajasthan rural family livelihood loan scheme) है. इस नई योजना में वर्ष 2022-23 में एक लाख परिवारों को अकृषि कार्यों के लिए 2 हजार करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा. राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में गत 5 वर्षों से निवास कर रहे परिवार ऋण के लिए पात्र होंगे. यह ऋण वाणिज्यिक, क्षेत्रीय ग्रामीण, सहकारी बैंकों एवं स्माल फाइनेंस बैंकों के माध्यम से मिलेगा. राज्य सरकार इस प्रकार के ऋणों के लिए 100 करोड़ रुपए का ब्याज अनुदान देगी. यह जानकारी सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना ने सोमवार को दी.

आंजना ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में कई परिवार, कृषि एवं पशुपालन के साथ-साथ अकृषि गतिविधियां जैसे हस्तशिल्प, लघु उद्योग, कताई-बुनाई, रंगाई-छपाई आदि पर भी आजीविका के लिए निर्भर हैं. इन कार्यों के लिए अकृषि क्षेत्र में एक लाख परिवारों को 2 हजार करोड़ रुपए के ब्याज मुक्त ऋण वितरित किये जाने की बजट घोषणा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की थी. मुख्यमंत्री गहलोत ने इस योजना को मंजूरी दे दी है. योजना के लागू होने से अब ग्रामीण क्षेत्र के किसान परिवारों को कृषि कार्यों के साथ-साथ अकृषि कार्यों के लिए भी ब्याज मुक्त ऋण मिल सकेगा. सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा तैयार पोर्टल पर इसके ऑनलाइन आवेदन करना होगा.

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उन्होंने बताया कि योजना में अन्य पात्रता मापदण्डों की पूर्ति करने वाले किरायेदार, मौखिक पट्टेदार, बटाईदार आदि के रूप में काश्त कर रहे लघु एवं सीमान्त किसान तथा भूमिहीन श्रमिक के परिवार भी पात्र होंगे. इसके अतिरिक्त ग्रामीण दस्तकार तथा अकृषि कार्यों में जीवनयापन करने वाले ग्रामीण परिवार के सदस्य भी पात्र होंगे. साथ ही राजीविका के स्वयं सहायता समूहों, उत्पादक समूहों एवं व्यवसायिक समूहों के व्यक्तिगत सदस्यों को सामूहिक गतिविधियों के लिए ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा. प्रति समूह अधिकतम 10 सदस्यों को व्यक्तिगत रूप से ऋण दिया जाएगा. ऋण की न्यूनतम सीमा 25 हजार रुपए एवं अधिकतम 2 लाख रुपए होगी.

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सहकारिता मंत्री आंजना ने बताया कि राजीविका के इन समूहों एवं इन समूहों में से पात्र लाभार्थियों का चयन राजीविका की स्थानीय ईकाई की ओर से किया जाएगा और इसके लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी को अनुशंसा करेगी. उन्होंने बताया कि ऋण के लिए आवेदक का बैंक शाखा के कार्य क्षेत्र अथवा जिले का निवासी होना जरूरी है तथा उसका आधार एवं जनाधार बना हो. परिवार के सदस्य के पास किसी भी लाईसेंसधारी बैंक से जारी किया हुआ किसान कार्ड होना चाहिए. जिन परिवारों के पास किसान क्रेडिट कार्ड नहीं हो, उनको नये सदस्य के रूप में अकृषि कार्यों के लिए क्रेडिट कार्ड स्वीकृत करेगा. आवेदक से कोई प्रोसेसिंग फीस नहीं ली जायेगी.

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आंजना ने बताया कि आवेदक को सम्पूर्ण ऋण साख सीमा के रूप में स्वीकृत किया जायेगा. साख सीमा राशि का आंकलन व्यवसाय की पूंजीगत आवश्यकताओं, कार्यशील पूंजी तथा रोजमर्रा की जरूरतों को ध्यान में रखकर की जायेगी. स्वीकृत साख सीमा का प्रतिवर्ष नवीनीकरण करवाना होगा. यानी एक वर्ष पूर्ण होने पर खाते में बकाया राशि जमा करवाकर साख सीमा को अगले वर्ष के लिए नवीनीकृत करवाना होगा. इस योजना के लिए राज्य सरकार की ओर से आगामी वर्षों में भी निरंतर ब्याज अनुदान राशि दी जायेगी.

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मंत्री आंजना ने बताया कि वाणिज्यिक बैंकों द्वारा 55 हजार 158, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा 36 हजार 741, सहकारी बैंकों द्वारा 5 हजार 949 तथा स्माल फाईनेन्स बैंकों द्वारा 2 हजार 152 सहित कुल एक लाख ग्रामीण परिवारों को ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है. स्वीकृत ऋण राशि को एक वर्ष की अवधि में चुकाना होगा तथा ऋणी आगामी वर्ष के लिए साख सीमा का नवीनीकरण करवा सकेगा. पोर्टल पर प्राप्त ऑनलाइन आवेदनों का जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी पात्रता मापदण्डों का परीक्षण कर ऋण आवेदन-पत्र सम्बन्धित बैंक शाखा को भेजेगी. शाखा 15 दिन में ऋण स्वीकृति पर निर्णय लेगी.

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