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देश में राशन वितरण में पहले पायदान पर राजस्थान, गेहूं वितरण की स्थिति दूसरे राज्यों से कई बेहतर - आत्मनिर्भर भारत योजना

कोरोना काल के दौरान आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत प्रवासियों को राशन वितरण करने में राजस्थान पूरे देश में पहले नंबर पर रहा है. प्रदेश में राशन वितरण करने की व्यवस्था अन्य राज्यों से बेहतर रही है. आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत प्रदेश में अब तक लगभग 95.24 प्रतिशत गेहूं का वितरण किया जा चुका हैं.

ration distribution in Rajasthan, Self-reliant India scheme
आत्मनिर्भर भारत योजना के राशन वितरण में राजस्थान पहले स्थान पर
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Published : Jun 23, 2020, 8:54 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ध्येय वाक्य 'कोई व्यक्ति भूखा नहीं सोये' को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में राशन वितरण करने की व्यवस्था अन्य राज्यों से बेहतर रही है. प्रदेश में राशन वितरण करने की व्यवस्था उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली से बेहतर रही है. कोरोना काल में आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत प्रवासियों को वितरण किए गए राशन में राजस्थान का पूरे देश में पहले नंबर पर स्थान रहा है.

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत 44600 मीट्रिक टन गेहूं और 2236 मीट्रिक टन चने का आवंटन किया गया. इसमें अभी तक 42478 मीट्रिक टन गेहूं और 1911 मीट्रिक टन चने का वितरण किया जा चुका हैं.

आत्मनिर्भर भारत योजना के राशन वितरण में राजस्थान पहले स्थान पर

आत्मनिर्भर भारत योजना में 95 फीसदी गेहूं का वितरण

खाद्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत अभी तक लगभग 95.24 प्रतिशत गेहूं का वितरण किया जा चुका है. देश के अन्य राज्यों की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश में 3.1 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 0.04 प्रतिशत, गुजरात में 0.01 प्रतिशत, हरियाणा में 35.07 प्रतिशत, हिमाचल में 46.09 प्रतिशत, दिल्ली में 15.07 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल में 6.06 प्रतिशत खाद्यान्न सामग्री का ही वितरण किया गया हैं.

पढ़ें- रसोई योजना पर प्रदेश में सियासत, देवनानी बोले- मां अन्नपूर्णा योजना का नाम इंदिरा पर करना निंदनीय

अन्य राज्यों से प्रदेश का प्रतिशत है बेहतर

खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को अप्रैल-मई और जून माह में गेहूं का अतिरिक्त वितरण किया गया. प्रदेश की अन्य राज्यों से तुलना की जाए तो उत्तर प्रदेश में अप्रैल माह में 97, मई माह में 98 और जून माह में 21 प्रतिशत तथा मध्य प्रदेश में अप्रैल माह में 73, मई में 71 और जून माह में 25 प्रतिशत राशन का वितरण रहा है. इस तरह से राशन वितरण करने में प्रदेश का अन्य राज्यों से प्रतिशत अच्छा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में अप्रैल और मई माह में 98 प्रतिशत तथा जून माह में अभी तक 93 प्रतिशत राशन का वितरण कर दिया गया है.

लॉकडाउन में पेट की आग बुझाने में रहा अव्वल

खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने बताया कि प्रदेश में लॉकडाउन अवधि के दौरान राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को अप्रैल-मई माह में राशन सामग्री का शत-प्रतिशत वितरण कर राहत पहुंचाई है. उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों की अपेक्षा राजस्थान की स्थिति राशन वितरण में अव्वल रही है. प्रदेश में जून माह में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को अभी तक 98 प्रतिशत गेहूं का वितरण कर दिया गया है.

पढ़ें- राजनीतिक चश्मे से कल्याणकारी योजना को देखने से मुख्यमंत्री को बाज आना चाहिए: राजेंद्र राठौड़

भारतीय खाद्य निगम का मिला भरपूर सहयोग

रमेश मीणा ने बताया कि कोरोना काल में विभाग की ओर से समुचित रणनीति तैयार कर अप्रैल-मई में भारतीय खाद्य निगम से 3 गुना गेहूं का उठाव कर सीधा राशन डीलरों तक पहुंचाया गया. जिससे लाभार्थियों को समय पर खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध हो सकी. उन्होंने बताया कि भारतीय खाद्य निगम की ओर से अतिरिक्त रेलवे की रैक उपलब्ध करवाई गई और रात-दिन श्रमिकों की व्यवस्था कर खाद्यान्न सामग्री की नियमित आपूर्ति बनाए रखने के लिए पूरा सहयोग दिया गया.

उन्होंने कहा कि इसके लिए भारतीय खाद्य निगम धन्यवाद का पात्र है. साथ ही कहा कि वर्ष 2019-20 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 14 लाख 11 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई. इसकी तुलना में अभी तक 20 लाख 73 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ध्येय वाक्य 'कोई व्यक्ति भूखा नहीं सोये' को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में राशन वितरण करने की व्यवस्था अन्य राज्यों से बेहतर रही है. प्रदेश में राशन वितरण करने की व्यवस्था उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली से बेहतर रही है. कोरोना काल में आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत प्रवासियों को वितरण किए गए राशन में राजस्थान का पूरे देश में पहले नंबर पर स्थान रहा है.

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत 44600 मीट्रिक टन गेहूं और 2236 मीट्रिक टन चने का आवंटन किया गया. इसमें अभी तक 42478 मीट्रिक टन गेहूं और 1911 मीट्रिक टन चने का वितरण किया जा चुका हैं.

आत्मनिर्भर भारत योजना के राशन वितरण में राजस्थान पहले स्थान पर

आत्मनिर्भर भारत योजना में 95 फीसदी गेहूं का वितरण

खाद्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत अभी तक लगभग 95.24 प्रतिशत गेहूं का वितरण किया जा चुका है. देश के अन्य राज्यों की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश में 3.1 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 0.04 प्रतिशत, गुजरात में 0.01 प्रतिशत, हरियाणा में 35.07 प्रतिशत, हिमाचल में 46.09 प्रतिशत, दिल्ली में 15.07 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल में 6.06 प्रतिशत खाद्यान्न सामग्री का ही वितरण किया गया हैं.

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अन्य राज्यों से प्रदेश का प्रतिशत है बेहतर

खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को अप्रैल-मई और जून माह में गेहूं का अतिरिक्त वितरण किया गया. प्रदेश की अन्य राज्यों से तुलना की जाए तो उत्तर प्रदेश में अप्रैल माह में 97, मई माह में 98 और जून माह में 21 प्रतिशत तथा मध्य प्रदेश में अप्रैल माह में 73, मई में 71 और जून माह में 25 प्रतिशत राशन का वितरण रहा है. इस तरह से राशन वितरण करने में प्रदेश का अन्य राज्यों से प्रतिशत अच्छा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में अप्रैल और मई माह में 98 प्रतिशत तथा जून माह में अभी तक 93 प्रतिशत राशन का वितरण कर दिया गया है.

लॉकडाउन में पेट की आग बुझाने में रहा अव्वल

खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने बताया कि प्रदेश में लॉकडाउन अवधि के दौरान राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को अप्रैल-मई माह में राशन सामग्री का शत-प्रतिशत वितरण कर राहत पहुंचाई है. उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों की अपेक्षा राजस्थान की स्थिति राशन वितरण में अव्वल रही है. प्रदेश में जून माह में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को अभी तक 98 प्रतिशत गेहूं का वितरण कर दिया गया है.

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भारतीय खाद्य निगम का मिला भरपूर सहयोग

रमेश मीणा ने बताया कि कोरोना काल में विभाग की ओर से समुचित रणनीति तैयार कर अप्रैल-मई में भारतीय खाद्य निगम से 3 गुना गेहूं का उठाव कर सीधा राशन डीलरों तक पहुंचाया गया. जिससे लाभार्थियों को समय पर खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध हो सकी. उन्होंने बताया कि भारतीय खाद्य निगम की ओर से अतिरिक्त रेलवे की रैक उपलब्ध करवाई गई और रात-दिन श्रमिकों की व्यवस्था कर खाद्यान्न सामग्री की नियमित आपूर्ति बनाए रखने के लिए पूरा सहयोग दिया गया.

उन्होंने कहा कि इसके लिए भारतीय खाद्य निगम धन्यवाद का पात्र है. साथ ही कहा कि वर्ष 2019-20 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 14 लाख 11 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई. इसकी तुलना में अभी तक 20 लाख 73 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है.

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