जयपुर. राज्यसभा चुनाव (Rajasthan Rajyasabha Election) के रण में सत्तारूढ़ कांग्रेस की परेशानी बढ़ सकती है. भारतीय ट्रायबल पार्टी (BTP) के प्रदेश अध्यक्ष वेलाराम घोघरा ने यह साफ कर दिया है कि बीटीपी विधायक इन चुनावों में भाजपा, कांग्रेस या किसी निर्दलीय को वोट नहीं देंगे. घोघरा ने कहा कि यदि गहलोत सरकार मतदान से पहले काकरा डूंगरी मामले (Kakra Dungri case) में युवाओं के खिलाफ दर्ज मामले वापस ले ले तो बीटीपी 9 जून को बैठक कर कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन का निर्णय ले सकती है.
दरअसल, राजस्थान में भारतीय ट्राइबल पार्टी के 2 विधायक हैं और राज्यसभा की 4 सीटों पर 10 जून को हो रहे इन चुनावों में निर्दलीय और अन्य छोटे दलों के विधायक ही चौथी सीट पर प्रत्याशी की हार और जीत तय करेंगे. यही कारण है कि अब पूर्व में गहलोत सरकार का समर्थन करने वाली भारतीय ट्राइबल पार्टी राज्यसभा चुनाव में अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर मुखर हो रही है. बीटीपी प्रदेश अध्यक्ष घोघरा के अनुसार मांग पत्र लंबे अरसे से प्रदेश की कांग्रेस सरकार के समक्ष लंबित है, लेकिन उस पर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया.
घोघरा के अनुसार काकरा डूंगरी प्रकरण (Kakra Dungri case) में भी हजारों बेरोजगार नौजवानों पर मुकदमे दर्ज किए गए और परदे के पीछे इसमें कांग्रेस और भाजपा ने इस मामले को हवा देने का काम किया. उन्होंने कहा कि बीटीपी राज्यसभा चुनाव में न तो भाजपा न कांग्रेस और न ही किसी अन्य निर्दलीय को वोट देगी. लेकिन गहलोत सरकार यदि काकरा डूंगरी प्रकरण में जिन युवाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उसे वापस लेने का लिखित में आदेश जारी कर दे तो हमारी पार्टी 9 जून को बैठक कर अपने समर्थन को लेकर विचार कर सकती है.
यह है काकरा डूंगरी प्रकरण- डूंगरपुर जिले में सितंबर 2020 में रीट भर्ती 2018 में प्रथम लेवल की सामान्य वर्ग की रिक्त 1167 पदों पर अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को नियुक्ति देने की मांग को लेकर नेशनल हाईवे जाम किया गया था. इस प्रदर्शन में हाईवे के पास काकरा डूंगरी पर हजारों अभ्यर्थियों ने एकत्रित होकर प्रदर्शन किया और इस दौरान लाठीचार्ज व अन्य सख्ती कर प्रदर्शनकारियों को हटाना पड़ा था. इस दौरान हजारों आंदोलनकारियों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था. इन्हीं मुकदमों को वापस लेने के लिए अब भारतीय ट्राइबल पार्टी प्रदेश की गहलोत सरकार पर दबाव बना रही है.