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5 साल से राज्य स्तर पर ओबीसी आयोग का गठन नहीं हुआ...कैसे पिछड़ा वर्ग के हितों की रक्षा होगी : राष्ट्रीय ओबीसी आयोग

राष्ट्रीय ओबीसी आयोग (National OBC Commission) ने राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन 5 साल से नहीं होने को लेकर चिंता जताई. आयोग ने निर्देश दिए कि प्रदेश सरकार राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग जल्द गठन करे. इसके साथ ही ओबीसी के आय प्रमाण पत्र में सकल पारिवारिक आय को शामिल करके प्रमाण पत्र बनाए जाने पर एतराज किया.

Rajasthan OBC Delegation, Jaipur news
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन से राजस्थान प्रदेश कांग्रेस ओबीसी प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात
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Published : Sep 29, 2021, 8:17 PM IST

Updated : Sep 29, 2021, 10:07 PM IST

जयपुर. सचिवालय में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (National Commission for Backward Classes) के चेयरमैन भगवान लाल साहनी ने सीएस और अन्य अधिकारियों के साथ ओबीसी वर्ग (OBC category) से जुड़े मुद्दों को लेकर बैठक की. साहनी पहले तो बैठक में इस बात को लेकर आश्चर्य व्यक्त किया कि राजस्थान में 5 साल से राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि आयोग का गठन नहीं होने से पिछड़ा वर्ग के हितों की रक्षा नहीं हो पा रही है. आयोग होता है तो पिछड़ा वर्ग के अधिकारों का संरक्षण होता है.

बैठक के दौरान अध्यक्ष साहनी ने मुख्य सचिव निरंजन आर्य को ओबीसी के आय प्रमाण पत्र (OBC income certificate) में भ्रांतियों को दूर करते हुए अलग से सर्कुलर जारी करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही आयोग ने उदयपुर संभाग के ट्राइबल एरिया में 23 तहसीलों में ओबीसी आरक्षण (OBC reservation) की पालना नहीं करने को लेकर नाराजगी जताते हुए इसे ठीक करने के निर्देश दिए हैं.

राष्ट्रीय ओबीसी आयोग ने जताई चिंता

उन्होंने कहा कि उदयपुर संभाग के ट्राइबल एरिया में जहां कि ओबीसी का आरक्षण का प्रतिशत शून्य है, वहां एससी और एसटी आरक्षण (SC and ST reservation) के बाद बचा हुआ 50% ओबीसी वर्ग को देने के निर्देश दिए हैं. जिससे इस वर्ग को हक मिल सके.

पढ़ें. उच्च शिक्षा विभाग के तबादलों में लेन-देन का ऑडियो वायरल, मंत्री भंवर सिंह भाटी ने दी यह सफाई

उन्होंने कहा कि रजिस्टर में ओबीसी के रोस्टर को तय करने और विसंगति दूर करने के भी निर्देश दिए हैं. साहनी ने एससी और एसटी जैसे ओबीसी वर्ग की छात्रवृत्ति में केंद्र से पैसा नहीं आने को लेकर अधिकारियों को भारत सरकार से बातचीत करने के लिए कहा है.

साहनी ने मीडिया से बातचीत में जाटों को ओबीसी में शामिल करने का विषय राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार का विषय बताया. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनकी बैठकों के दौरान राजस्थान में जातियों को ओबीसी में शामिल करने के बारे में कोई प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हुई.

पढ़ें. जयपुर : टाउनशिप पॉलिसी 2010 में बदलाव..आमजन को मिली राहत

वहीं दूसरी ओर खासाकोठी होटल में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन भगवान लाल साहनी से राजस्थान प्रदेश कांग्रेस ओबीसी विभाग के प्रदेश संयोजक राजेंद्र सैन ने मुलाकात की है. सैन ने मांग की कि अन्य पिछड़ा वर्ग को दिए जाने वाले आरक्षण को एससी-एसटी की तर्ज पर संवैधानिक दायरे में लाया जाए और आरक्षण सौ फीसदी दिया जाए.

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन से राजस्थान प्रदेश कांग्रेस ओबीसी प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात

राजेंद्र सैन ने साहनी को बताया कि ओबीसी कैंडिडेट की मेरिट जनरल कैटेगिरी के बराबर आती है, तो ओबीसी कैंडिडेट को जनरल केटेगिरी में काउंट किया जाना चाहिए, तब ही व्यवहारिक रूप से आरक्षण मिल पाएगा. राजेंद्र सैन ने मांग की कि अन्य पिछड़ा वर्ग की जातिगत जनगणना की जाए या जातिगत जनगणना के आंकड़ों को जारी किया जाए. जिससे विधानसभा और लोकसभा में अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को जातिगत आधार पर लोकसभा और विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिल सके. इससे ओबीसी की सभी जातियों को जनसंख्या के आधर पर राजनीतिक लाभ मिल सकेगा.

साहनी से मुलाकात के दौरान सैन ने कहा एससी-एसटी की भांति अन्य पिछड़ा वर्ग की विधानसभा और लोकसभा में भी 27 फीसदी सीटें आरक्षित की जाए. जिससे ओबीसी को सही मायने में आरक्षण मिल सके. ओबीसी प्रतिनिधिमंडल में राजेंद्र सैन के अलावा वीरेन्द्र सिंह रावणा, प्रदेश महामंत्री ओबोसी महापंचायत, आर सी कुमावत अध्यक्ष, ज्योतिबा फूले जागृति मंच की कंचन टांक, जिला अध्यक्ष ओबीसी महापंचायत की जिला अध्यक्ष शिल्पी सैनी आदि मौजूद रहे.

जयपुर. सचिवालय में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (National Commission for Backward Classes) के चेयरमैन भगवान लाल साहनी ने सीएस और अन्य अधिकारियों के साथ ओबीसी वर्ग (OBC category) से जुड़े मुद्दों को लेकर बैठक की. साहनी पहले तो बैठक में इस बात को लेकर आश्चर्य व्यक्त किया कि राजस्थान में 5 साल से राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि आयोग का गठन नहीं होने से पिछड़ा वर्ग के हितों की रक्षा नहीं हो पा रही है. आयोग होता है तो पिछड़ा वर्ग के अधिकारों का संरक्षण होता है.

बैठक के दौरान अध्यक्ष साहनी ने मुख्य सचिव निरंजन आर्य को ओबीसी के आय प्रमाण पत्र (OBC income certificate) में भ्रांतियों को दूर करते हुए अलग से सर्कुलर जारी करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही आयोग ने उदयपुर संभाग के ट्राइबल एरिया में 23 तहसीलों में ओबीसी आरक्षण (OBC reservation) की पालना नहीं करने को लेकर नाराजगी जताते हुए इसे ठीक करने के निर्देश दिए हैं.

राष्ट्रीय ओबीसी आयोग ने जताई चिंता

उन्होंने कहा कि उदयपुर संभाग के ट्राइबल एरिया में जहां कि ओबीसी का आरक्षण का प्रतिशत शून्य है, वहां एससी और एसटी आरक्षण (SC and ST reservation) के बाद बचा हुआ 50% ओबीसी वर्ग को देने के निर्देश दिए हैं. जिससे इस वर्ग को हक मिल सके.

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उन्होंने कहा कि रजिस्टर में ओबीसी के रोस्टर को तय करने और विसंगति दूर करने के भी निर्देश दिए हैं. साहनी ने एससी और एसटी जैसे ओबीसी वर्ग की छात्रवृत्ति में केंद्र से पैसा नहीं आने को लेकर अधिकारियों को भारत सरकार से बातचीत करने के लिए कहा है.

साहनी ने मीडिया से बातचीत में जाटों को ओबीसी में शामिल करने का विषय राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार का विषय बताया. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनकी बैठकों के दौरान राजस्थान में जातियों को ओबीसी में शामिल करने के बारे में कोई प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हुई.

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वहीं दूसरी ओर खासाकोठी होटल में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन भगवान लाल साहनी से राजस्थान प्रदेश कांग्रेस ओबीसी विभाग के प्रदेश संयोजक राजेंद्र सैन ने मुलाकात की है. सैन ने मांग की कि अन्य पिछड़ा वर्ग को दिए जाने वाले आरक्षण को एससी-एसटी की तर्ज पर संवैधानिक दायरे में लाया जाए और आरक्षण सौ फीसदी दिया जाए.

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन से राजस्थान प्रदेश कांग्रेस ओबीसी प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात

राजेंद्र सैन ने साहनी को बताया कि ओबीसी कैंडिडेट की मेरिट जनरल कैटेगिरी के बराबर आती है, तो ओबीसी कैंडिडेट को जनरल केटेगिरी में काउंट किया जाना चाहिए, तब ही व्यवहारिक रूप से आरक्षण मिल पाएगा. राजेंद्र सैन ने मांग की कि अन्य पिछड़ा वर्ग की जातिगत जनगणना की जाए या जातिगत जनगणना के आंकड़ों को जारी किया जाए. जिससे विधानसभा और लोकसभा में अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को जातिगत आधार पर लोकसभा और विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिल सके. इससे ओबीसी की सभी जातियों को जनसंख्या के आधर पर राजनीतिक लाभ मिल सकेगा.

साहनी से मुलाकात के दौरान सैन ने कहा एससी-एसटी की भांति अन्य पिछड़ा वर्ग की विधानसभा और लोकसभा में भी 27 फीसदी सीटें आरक्षित की जाए. जिससे ओबीसी को सही मायने में आरक्षण मिल सके. ओबीसी प्रतिनिधिमंडल में राजेंद्र सैन के अलावा वीरेन्द्र सिंह रावणा, प्रदेश महामंत्री ओबोसी महापंचायत, आर सी कुमावत अध्यक्ष, ज्योतिबा फूले जागृति मंच की कंचन टांक, जिला अध्यक्ष ओबीसी महापंचायत की जिला अध्यक्ष शिल्पी सैनी आदि मौजूद रहे.

Last Updated : Sep 29, 2021, 10:07 PM IST
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