जयपुर. प्रदेश में गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली का संकट भी लगातार विकराल रूप लेता जा रहा है. पिछले साल की तुलना में बिजली की डिमांड में 34 फीसदी का इजाफा हो गया, लेकिन कोयले की कमी के चलते उत्पादन उस अनुरूप नहीं बढ़ पाया. इस बीच ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी मैराथन बैठकें कर समाधान के प्रयासों में जुट गए हैं. भाटी कहते हैं कि महंगी दरों पर भी आवश्यकता अनुरूप बिजली नहीं मिल पा रही. इसलिए संकट की इस घड़ी में आम उपभोक्ता को भी बिजली की बचत कर विभाग का साथ देना होगा.
ज्यादा दाम के बावजूद बिजली नहीं मिल पा रही : विद्युत भवन में ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बुधवार सुबह से ही विभाग के आला अधिकारियों की बैठक लेना शुरू कर दी. बैठकों का यह दौर लगातार दो दिन यानी गुरुवार तक चलेगा. इस दौरान जयपुर, अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम के साथ ही विद्युत उत्पादन और प्रसारण निगम से जुड़े अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. पहले दिन विभाग के अब तक के प्रयासों की समीक्षा (Rajasthan Power Crisis) की गई और मौजूदा परिस्थितियों में पावर मैनेजमेंट के तहत बिजली सप्लाई के निर्देश दिए गए.
ऊर्जा मंत्री इस बात को स्वीकार करते हैं कि वर्तमान में कोयले का संकट केवल राजस्थान में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में है. जिस प्रकार बिजली की कमी उत्पन्न हुई है, उससे देश के कई राज्य जूझ रहे हैं. मंत्री की मानें तो संकट केवल यही नहीं, बल्कि महंगे दामों पर बिजली खरीदने के प्रयासों के बावजूद एक्सचेंज से बिजली नहीं मिल पा रही. उन्होंने कहा कि वर्तमान में डिस्कॉम को जितनी आवश्यकता है उसकी तुलना में 15 से 20 फीसदी बिजली की खरीद ही हो पा रही है, क्योंकि बाजार में ज्यादा दाम देने के बावजूद भी बिजली नहीं मिल पा रही.
पावर कट का दायरा बढ़ सकता है : वर्तमान में बिजली संकट के चलते ग्रामीण और कई शहरी इलाकों में घोषित कटौती चल रही है, लेकिन संभाग व जिला मुख्यालय इससे अछूते हैं. माना जा रहा है कि यदि संकट का यह दौर अगले 2 से 4 दिन तक जारी रहा तो फिर जिला मुख्यालय में भी पावर कट लेना पड़ सकता है. हालांकि, जिला मुख्यालय में पावर कट से पहले जनप्रतिनिधियों से भी सुझाव लिए जाएंगे.
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विधायक बलजीत यादव ने भी दिए बैठक में सुझाव : ऊर्जा मंत्री की अध्यक्षता में विद्युत भवन में हुई इस बैठक में बहरोड़ से निर्दलीय विधायक बलजीत यादव भी कुछ देर के लिए शामिल हुए. इस दौरान यादव ने अपने क्षेत्र की बिजली से जुड़ी समस्या रखी. वहीं, पावर कट को लेकर कुछ सुझाव भी दिए. यादव ने देर शाम के समय बिजली कटौती नहीं करने की मांग की. यादव ने कहा कि आगामी दिनों में प्रतियोगिता परीक्षाओं को देखते हुए पावर कट का निर्णय लिया जाए, ताकि परीक्षा की तैयारी कर रहे बच्चे कम से कम प्रभावित हों. यादव ने यह भी कहा कि शाम के समय जब सर्वाधिक बिजली का लोड रहता है तब औद्योगिक इकाइयों में बिजली की सप्लाई सीमित की जाए, ताकि आम उपभोक्ताओं को समय बिजली मिल सके.