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घर की बगावत पर सरकार समर्थक विधायकों का दावा, बागियों से पहले हमारी वफ़ा का मिले इनाम

प्रदेश में एक बार फिर राजनीतिक उठापटक तेज हो गई है. मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों की मांग जो पकड़ने लगी है. ऐसे में हर दिन विधायकों की बयानबाजी एक नए मुद्दे को जन्म दे रही है. बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए राजेन्द्र गुढ़ा (Rajendra Gudha) ने सीधे कांग्रेस आलाकमान को निशाने पर लिया और शायराना अंदाज में तंज कसते हुए कहा कि गैरों पे करम अपनों पे सितम ऐ जान-ए-वफा ये जुल्म ना कर.

Rajasthan political Crisis, राजस्थान में राजनीतिक हलचल
गहलोत खेमे में बगावत तेज!
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Published : Jun 14, 2021, 5:47 PM IST

Updated : Jun 14, 2021, 7:08 PM IST

जयपुर. राजस्थान में एक बार फिर से सियासी संकट उठ खड़ा हुआ है. दिल्ली में सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बुलावे के बाद से कायास लगाए जा रहे हैं कि राजस्थान कांग्रेस में सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है. इस बीच BSP से कांग्रेस में शामिल हुए राजेंद्र गुढ़ा ने भी शिर्ष नेतृत्व पर सवाल उठाया है.

गुढ़ा ने कांग्रेस आलाकमान पर साधा निशाना

राजेंद्र गुढ़ा ने शायराना अंदाज में कहा कि गैरों पे करम अपनों पे सितम ऐ जान-ए-वफा ये जुल्म ना कर. वहीं, कांग्रेस में शामिल होते समय किए गए वादों को पुरा ना करने के सवाल पर गुढ़ा ने कहा कि ये वादों की बात नहीं है हमारे और सीएम साहब के बीच में, हम तो पिछली सरकार में भी गहलोत साहब के साथ में मंत्री थे, आज भी गहलोत (Ashok Gehlot) साहब के ही साथ हूं और आगे भी गहलोत साहब के साथ ही रहूंगा. इसके साथ ही गुढ़ा ने कहा कि किसके साथ रहना है और किसके साथ नहीं रहना है ये बात नहीं है, बात ये है कि अपने और गैरों के बीच की.

यह भी पढ़ेंः 'BSP और निर्दलीय विधायक समर्थन न देते तो आज कांग्रेस की 'पुण्यतिथि' मन रही होती'

राजेन्द्र गुढ़ा ने कहा कि अगर बसपा से कांग्रेस (Congress) में शामिल होकर हम 6 विधायक और 10 निर्दलीय विधायक कांग्रेस को समर्थन नहीं देते तो अभी कांग्रेस सरकार की पहली पुण्यतिथि मन रही होती और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस्तीफा देना ही पड़ता.

राजेंद्र गुढ़ा ने कांग्रेस आलाकमान पर साधा निशाना

गुढ़ा ने कहा कि अगर आज जैसी स्थिति जो बन रही है, अगर वो हकीकत है तो फिर कांग्रेस आलाकमान (Congress high command) बताये की क्या यही वफादारी का इनाम होता है. राजेन्द्र ने सीधे तौर पर कांग्रेस आलाकमान पर सवाल उठा दिया और ये भी बता दिया कि जो 19 विधायक पार्टी को तोड़ने में लगे थे उनकी जगह जो कांग्रेस के समर्थन में विधायक थे उन्ही को पहले तरजीह दी जाए.

जयपुर. राजस्थान में एक बार फिर से सियासी संकट उठ खड़ा हुआ है. दिल्ली में सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बुलावे के बाद से कायास लगाए जा रहे हैं कि राजस्थान कांग्रेस में सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है. इस बीच BSP से कांग्रेस में शामिल हुए राजेंद्र गुढ़ा ने भी शिर्ष नेतृत्व पर सवाल उठाया है.

गुढ़ा ने कांग्रेस आलाकमान पर साधा निशाना

राजेंद्र गुढ़ा ने शायराना अंदाज में कहा कि गैरों पे करम अपनों पे सितम ऐ जान-ए-वफा ये जुल्म ना कर. वहीं, कांग्रेस में शामिल होते समय किए गए वादों को पुरा ना करने के सवाल पर गुढ़ा ने कहा कि ये वादों की बात नहीं है हमारे और सीएम साहब के बीच में, हम तो पिछली सरकार में भी गहलोत साहब के साथ में मंत्री थे, आज भी गहलोत (Ashok Gehlot) साहब के ही साथ हूं और आगे भी गहलोत साहब के साथ ही रहूंगा. इसके साथ ही गुढ़ा ने कहा कि किसके साथ रहना है और किसके साथ नहीं रहना है ये बात नहीं है, बात ये है कि अपने और गैरों के बीच की.

यह भी पढ़ेंः 'BSP और निर्दलीय विधायक समर्थन न देते तो आज कांग्रेस की 'पुण्यतिथि' मन रही होती'

राजेन्द्र गुढ़ा ने कहा कि अगर बसपा से कांग्रेस (Congress) में शामिल होकर हम 6 विधायक और 10 निर्दलीय विधायक कांग्रेस को समर्थन नहीं देते तो अभी कांग्रेस सरकार की पहली पुण्यतिथि मन रही होती और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस्तीफा देना ही पड़ता.

राजेंद्र गुढ़ा ने कांग्रेस आलाकमान पर साधा निशाना

गुढ़ा ने कहा कि अगर आज जैसी स्थिति जो बन रही है, अगर वो हकीकत है तो फिर कांग्रेस आलाकमान (Congress high command) बताये की क्या यही वफादारी का इनाम होता है. राजेन्द्र ने सीधे तौर पर कांग्रेस आलाकमान पर सवाल उठा दिया और ये भी बता दिया कि जो 19 विधायक पार्टी को तोड़ने में लगे थे उनकी जगह जो कांग्रेस के समर्थन में विधायक थे उन्ही को पहले तरजीह दी जाए.

Last Updated : Jun 14, 2021, 7:08 PM IST
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