जयपुर. प्रदेश में चल रहे सियासी संग्राम के बीच एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात कर सियासी चर्चाओं को हवा दी है. मौजूदा सियासी घटनाक्रम के बीच बीते एक सप्ताह में राज्यपाल से गहलोत की दूसरी मुलाकात है. कहने को इसे शिष्टाचार भेंट बताया जा रहा है, लेकिन गुरुवार को जिस तरह गोविंद डोटासरा, अशोक गहलोत और अजय माकन के बयान आए. उसके बाद इस मुलाकात को प्रस्तावित विधानसभा सत्र से जोड़कर देखा जा रहा है.
कहने को तो इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया जा रहा है, लेकिन अटकलें इस बात की भी हैं कि मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश के मौजूदा सियासी हालातों पर राज्यपाल से भी चर्चा की और आगामी दिनों में विधानसभा सत्र आहुत करने को लेकर भी इस दौरान चर्चा होना बताया जा रहा है. वहीं प्रदेश सरकार को कई राजनीतिक नियुक्तियां भी करनी हैं. इनमें से कुछ नियुक्तियां ऐसी हैं, जिनके आदेश राज्यपाल के माध्यम से निकलने हैं.
वहीं पिछले दिनों चर्चा इस बात की भी थी कि मंत्रिमंडल का विस्तार भी किया जा सकता है, लेकिन इन सब के बीच यह भी अब साफ हो चुका है कि प्रदेश और कांग्रेस में चल रहे सियासी घमासान की लड़ाई कोर्ट तक पहुंच चुकी है. साथ ही स्पीकर की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी पर सोमवार को सुनवाई होनी है. लिहाजा उसके पहले संभवत विधानसभा सत्र को लेकर शायद ही कोई कवायद हो.
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गुरुवार सुबह प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा ने भी जल्द ही विधानसभा सत्र आहूत करने को लेकर संकेत दिए थे. वहीं गुरुवार शाम को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान भी जल्द विधानसभा सत्र होने की बात कही थी. गुरुवार को ही वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अजय माकन ने भी जल्दी फ्लोर टेस्ट होने के संकेत दिए थे. यही कारण है मुख्यमंत्री से राज्यपाल की हुई इस मुलाकात के बाद विधानसभा सत्र जल्द ही बुलाए जाने को लेकर भी चर्चाएं आम हैं.