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छह दिन से आमरण अनशन पर बैठे शमशेर भालू खान की चेतावनी, 'मांगें न मानी तो सरकारी नौकरी से दे दूंगा इस्तीफा' - जयपुर न्यूज

मदरसा पैरा टीचर्स, राजस्थान राजीव गांधी पैराटीचर्स एवं शिक्षाकर्मी संघर्ष समिति के बैनर तले शहीद स्मारक पर पिछले 12 दिन से आंदोलन किया जा रहा है. दांडी यात्रा संयोजक शमशेर भालू खान आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं और उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि मांगें नहीं मानी जाती हैं तो वह अपनी सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे देंगे.

Hunger strike
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Published : Oct 26, 2021, 2:28 PM IST

Updated : Oct 26, 2021, 3:39 PM IST

जयपुर. राजस्थान मदरसा पैरा टीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मी लंबे समय से नियमितीकरण को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. इन्हें नियमित करने को लेकर शमशेर भालू खान ने चूरू से दांडी यात्रा निकाली थी. शमशेर इस यात्रा के संयोजक हैं. इस दांडी यात्रा को सरकार से वार्ता करने के लिए दो बार स्थगित भी किया गया, दोनों ही बार इनकी सरकार से वार्ता नहीं हुई है. इसके कारण राजस्थान मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मियों में आक्रोश व्याप्त है. शमेशर ने अब मांगें नहीं मानने पर इस्तीफा देने की बात कही है.

शमशेर ने बताया कि लिखित समझौते के तहत 30 सितंबर तक इनकी नियुक्ति आदेश जारी किए जाने थे, लेकिन सरकार ने इसमें धोखेबाजी की और नियुक्ति आदेश जारी नहीं किया. इसके बाद 15 अक्टूबर से शहीद स्मारक पर आंदोलन किया जा रहा है और शमशेर छह दिन से आमरण अनशन पर बैठे हैं. इनके साथ अमान सिंह भी आमरण अनशन पर बैठे थे, जिनकी सोमवार रात तबीयत खराब हो गई और उन्हें एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. अमान सिंह अब फिर आन्दोलन में शामिल हो गए.

आमरण अनशन पर बैठे शमशेर भालू खान

पढ़ें: रेडियोग्राफर भर्ती: अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया से बाहर करने पर हाईकोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक

सरकार के खिलाफ आक्रोश जताते हुए शमशेर ने कहा कि यदि सरकार 14 नवंबर तक उनकी मांगें पूरी नहीं करती है, तो वह खुद अपनी सरकारी सेवा से इस्तीफा दे देंगे. उन्होंने कहा कि हमारी सभी स्तरों पर बातचीत चल रही है लेकिन हम केवल नियमितीकरण की ही मांग कर रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष खम्माराम चौधरी ने कहा कि अब हम केवल मुख्यमंत्री से ही बात करेंगे. किसी और से बात नहीं करनी है. हमें केवल नियमितीकरण आदेश ही चाहिए.

जयपुर. राजस्थान मदरसा पैरा टीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मी लंबे समय से नियमितीकरण को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. इन्हें नियमित करने को लेकर शमशेर भालू खान ने चूरू से दांडी यात्रा निकाली थी. शमशेर इस यात्रा के संयोजक हैं. इस दांडी यात्रा को सरकार से वार्ता करने के लिए दो बार स्थगित भी किया गया, दोनों ही बार इनकी सरकार से वार्ता नहीं हुई है. इसके कारण राजस्थान मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मियों में आक्रोश व्याप्त है. शमेशर ने अब मांगें नहीं मानने पर इस्तीफा देने की बात कही है.

शमशेर ने बताया कि लिखित समझौते के तहत 30 सितंबर तक इनकी नियुक्ति आदेश जारी किए जाने थे, लेकिन सरकार ने इसमें धोखेबाजी की और नियुक्ति आदेश जारी नहीं किया. इसके बाद 15 अक्टूबर से शहीद स्मारक पर आंदोलन किया जा रहा है और शमशेर छह दिन से आमरण अनशन पर बैठे हैं. इनके साथ अमान सिंह भी आमरण अनशन पर बैठे थे, जिनकी सोमवार रात तबीयत खराब हो गई और उन्हें एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. अमान सिंह अब फिर आन्दोलन में शामिल हो गए.

आमरण अनशन पर बैठे शमशेर भालू खान

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सरकार के खिलाफ आक्रोश जताते हुए शमशेर ने कहा कि यदि सरकार 14 नवंबर तक उनकी मांगें पूरी नहीं करती है, तो वह खुद अपनी सरकारी सेवा से इस्तीफा दे देंगे. उन्होंने कहा कि हमारी सभी स्तरों पर बातचीत चल रही है लेकिन हम केवल नियमितीकरण की ही मांग कर रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष खम्माराम चौधरी ने कहा कि अब हम केवल मुख्यमंत्री से ही बात करेंगे. किसी और से बात नहीं करनी है. हमें केवल नियमितीकरण आदेश ही चाहिए.

Last Updated : Oct 26, 2021, 3:39 PM IST
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