जयपुर. राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण (Rajasthan Non-Government Educational Institutions Tribunal) ने गैर अनुदानित शिक्षण संस्था के कर्मचारियों को भी ग्रेच्युटी पाने का हकदार माना है. इसके साथ ही अधिकरण ने शाह गोवर्धन लाल काबरा पब्लिक स्कूल जोधपुर की प्रबंध समिति को निर्देश दिए हैं कि वह स्कूल से प्रधानाध्यापक पद से रिटायर्ड हुए प्रेम सुख गौड़ के उत्तराधिकारियों को ग्रेच्युटी राशि का भुगतान (Gratuity for non aided employees) करे.
अधिकरण ने यह आदेश प्रेम सुख के उत्तराधिकारियों के दावे पर दिए. प्रार्थी पक्ष की ओर से अधिवक्ता डीपी शर्मा ने बताया कि प्रेम सुख को जुलाई 1977 में सहायक अध्यापक के तौर पर नियुक्ति मिली थी. वहीं जुलाई, 1981 में उसे पदोन्नत कर प्रधानाध्यापक बनाया गया. इसके बाद वह अगस्त, 2008 में इस पद से रिटायर्ड हो गया. इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन ने उसे ग्रेच्युटी राशि का भुगतान नहीं किया.
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अधिकरण को बताया गया कि उसने 5 साल से ज्यादा की सेवा अवधि पूरी की थी. ऐसे में उसे पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट के तहत ग्रेच्युटी पाने का अधिकार है. इसके जवाब में स्कूल प्रबंधन ने कहा कि उन्हें सरकार से कोई अनुदान राशि नहीं मिलती है. ऐसे में वह ग्रेच्युटी पाने का अधिकारी नहीं है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अधिकरण ने स्कूल प्रबंधन को ग्रेच्युटी राशि का भुगतान करने को कहा है. गौरतलब है कि दावा पेश करने के कुछ माह बाद प्रेम सुख की मौत हो गई थी. इस पर उनके आश्रितों ने दावे को जारी रखा था.