जयपुर. ईटीवी भारत से बातचीत में कटारिया ने कहा कि हम लगातार इस मामले को उठाते आए हैं, लेकिन अब ताजा रिपोर्ट ने साबित कर दिया है कि राजस्थान में कानून व्यवस्था का हाल बेहाल है. कटारिया ने कहा कि केवल यूपी (Uttar Pradesh) से अपराध के आंकड़ों की तुलना करना सही नहीं होगा, क्योंकि आबादी के लिहाज से यूपी की आबादी राजस्थान से 3 गुना ज्यादा है.
राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि जो रिपोर्ट आई है वो आंकड़ों पर आधारित है. प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री कटारिया ने ये भी कहा कि किसी अन्य राज्य में अपराध की क्या स्थिति है ये तुलना करने के बजाए हमें अपने यहां अपराध कैसे कम हो, उस पर ध्यान देना चाहिए.
हमारी 'केस ऑफिसर स्कीम' को ठंडे बस्ते में डाला : कटारिया ने कहा कि पिछली बीजेपी सरकार के समय हमने 'केस ऑफिसर स्कीम' चलाई थी, ताकि बड़े व संगीन मामलों में तुरंत जांच हो और अपराधियों को जल्द सजा मिल सके. क्योंकि अपराधियों को जल्दी सजा मिलेगी तो अन्य अपराधियों में भी खौफ आएगा. लेकिन मौजूदा सरकार ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया. कटारिया ने कहा कि जब तक प्रदेश सरकार राजस्थान की महिलाओं की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझ कर अनुभव करेगी, तब ही निश्चित रूप से इस भयानक स्थिति से उबरा जा सकता है.
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कोरोना का सहारा लेकर मंत्रिमंडल विस्तार को टाला जा रहा : ईटीवी से बातचीत के दौरान कटारिया ने कहा कि कोरोना का सहारा लेकर मंत्रिमंडल विस्तार टाला जा रहा है. पता नहीं मुख्यमंत्री विस्तार से क्यों बच रहे हैं. कटारिया ने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अपने पास एक सहयोगी राज्यमंत्री रखकर गृह विभाग की प्रतिदिन समीक्षा करें, जिससे सुधार हो सके.