जयपुर. प्रदेश के 20 जिलों में हुए 90 निकायों के अध्यक्ष पदों पर रविवार को नतीजे जारी होंगे. इन 90 निकायों में 20 निकायों में कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनना तय है. वहीं भाजपा का 24 निकायों में अध्यक्ष बनना तय है. प्रदेश में सत्ताधारी दल कांग्रेस है तो ऐसे में कांग्रेस के मंत्रियों और विधायकों की विधानसभा में नगर पालिकाओं और नगर परिषदों में कांग्रेस का बोर्ड बनता है या नहीं इस पर हर किसी की नजर है. राजस्थान में इन निकाय चुनाव में 7 मंत्रियों और 22 विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में निकाय चुनाव थे.
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बात की जाए सात मंत्रियों की तो उनमें से दो मंत्री अशोक चांदना और रघु शर्मा अपने विधानसभा क्षेत्र में पार्टी ने निकाय चुनाव में जीत दर्ज की है. वहीं शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा समेत पांच मंत्री ऐसे हैं जहां निर्दलीय यह तय करेंगे कि किसका बोर्ड बनेगा. 22 विधायकों में 12 विधायक अपनी विधानसभा में निकाय चुनाव में पार्टी को बहुमत नहीं दिला सके. इनमें से भी 5 विधायक राकेश पारीक, गणेश घोघरा, रामनिवास गवड़िया, सुदर्शन सिंह और प्रशांत बैरवा पूरी तरीके से फेल हुए. क्योंकि इनके यहां हुए निकाय में भाजपा का बोर्ड बनेगा. इसी तरीके से 7 विधायकों के निकायों में कांग्रेस विधायकों को निर्दलीयों के सहारे रहना होगा. विधायक हरीश मीणा, हाकम अली, दीपेंद्र सिंह शेखावत, परसराम मोरदिया, मुकेश भाकर, डॉ. जितेंद्र, राजेंद्र गुढ़ा निर्दलीयों के सहारे हैं. अगर निर्दलीय कांग्रेस के साथ आए तो वहां कांग्रेस का बोर्ड बन सकता है.
यह विधायक हुए पहले ही पास
ऐसा नहीं है कि सभी कांग्रेसी विधायक फेल हुए हैं या निर्दलीयों के सहारे हैं. 6 विधायक डेगाना से विजयपाल मिर्धा, सरदारशहर से भंवर लाल शर्मा ,तारानगर से नरेंद्र बुडानिया, बेंगू से राजेंद्र बिधूड़ी, नोहर से अमित चाचान और मंडावा से रीटा चौधरी और राजकुमार शर्मा ने अपने क्षेत्र में पार्टी को बहुमत दिलाया है.
विधायक ऐसे जिनका रिजल्ट 50-50
कांग्रेस विधायक रामलाल मीणा ऐसे विधायक हैं जिनका रिजल्ट 50-50 रहा है. रामलाल मीणा ने छोटी सादड़ी नगरपालिका में कांग्रेस का बोर्ड बना दिया. लेकिन प्रतापगढ़ नगर परिषद में भाजपा का बोर्ड बनेगा.
डोटासरा समेत बाकी मंत्रियों का यह रहा नतीजा
1. गोविंद सिंह डोटासरा- निर्दलियों के सहारे
लक्ष्मणगढ़ नगरपालिका पर हर किसी की नजर थी. क्योंकि यह नगर पालिका खुद प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की विधानसभा क्षेत्र में आती है. लेकिन इस विधानसभा में बोर्ड निर्दलीयों के सहारे बनेगा. यहां कुल 40 वार्ड हैं. जिनमें से कांग्रेस और भाजपा को 14-14 वार्डों में जीत मिली है, तो वहीं 11 वार्डों में निर्दलीय और 1 वार्ड में सीपीआईएम ने जीत दर्ज की है. ऐसे में अब डोटासरा पूरी तरीके से निर्दलियों के सहारे हैं. डोटासरा की लक्ष्मणगढ़ नगर पालिका पर अध्यक्ष पद को लेकर कानूनी पेचिदगियां भी सामने आ गई हैं.
2- भंवर सिंह भाटी उच्च शिक्षा मंत्री- निर्दलीयों के सहारे
उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी की विधानसभा सीट कोलायत में आने वाली देशनोक नगर पालिका कांग्रेस निर्दलियों के सहारे हैं. यहां 25 वार्डों में से कांग्रेस ने 11 और बीजेपी ने 10 वार्ड में जीत दर्ज की है. देशनोक नगर पालिका में तीन निर्दलीय और एक प्रत्याशी एनसीपी का जीता है. ऐसे में निर्दलीय तय करेंगे कि बोर्ड किसका बनेगा.
3. सालेह मोहम्मद अल्पसंख्यक मामलात मंत्री- निर्दलीयों पर उम्मीद
मंत्री सालेह मोहम्मद पर उनकी विधानसभा पोकरण में आने वाली पोकरण नगर पालिका में चुनाव जिताने की जिम्मेदारी थी. पोकरण नगर पालिका में निर्दलीय तय करेंगे कि बोर्ड किसका होगा. यहां 25 वार्डों में से 10 पर बीजेपी, 9 पर कांग्रेस और 6 वार्डों पर निर्दलीयों ने जीत दर्ज की है.
4. सुखराम बिश्नोई वन मंत्री- निर्दलीयों के सहारे
सांचौर नगर पालिका वन मंत्री सुखराम बिश्नोई की विधानसभा में आती है. यहां कुल 35 वार्डों में से कांग्रेस और भाजपा को 16- 16 वार्डों में जीत मिली है. ऐसे में 3 वार्डों में जीते निर्दलीय यह तय करेंगे कि बोर्ड किसका बनेगा.
5. महेंद्र चौधरी उप मुख्य सचेतक- दो जगह निर्दलियों का सहारा तो नावा नगर पालिका में भाजपा का बोर्ड
नागौर नगर परिषद में कुल 60 वार्ड हैं. इनमें से सर्वाधिक 27 वार्ड में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. लेकिन वह बोर्ड बनाने के लिए निर्दलियों पर निर्भर हैं. जहां 21 निर्दलियों ने जीत दर्ज की है. नागौर नगर परिषद में भाजपा को 12 वार्डों में ही जीत से संतोष करना पड़ा है. कुचामन नगर पालिका में कुल 45 वार्ड हैं. जिनमें से कांग्रेस पार्टी ने 20 वार्डों में जीत दर्ज की है तो भाजपा ने 18 वार्ड में जीत दर्ज की है. ऐसे में कुचामन नगर पालिका से जीते 7 निर्दलीय यह तय करेंगे कि बोर्ड किसका बनेगा. नावा नगर पालिका में कुल 25 वार्ड हैं. जिनमें से 13 वार्डों में जीत दर्ज करते हुए भाजपा ने नावा नगरपालिका में अपना बोर्ड बनना सुनिश्चित कर लिया है.
मंत्री रघु शर्मा और अशोक चांदना पहले ही जिता चुके हैं अपने निकायों में कांग्रेस को
स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के विधानसभा में आने वाली केकड़ी नगर पालिका में कांग्रेस का बोर्ड बनेगा. यहां कांग्रेस को कुल 40 वार्ड में से 21 वार्ड में जीत मिली है तो भाजपा को 17 वार्डों में जीत मिली है. 2 वार्डों में निर्दलीय भी जीते हैं. ऐसे में केकड़ी नगर पालिका में कांग्रेस का बोर्ड बनेगा. सरवाड़ नगर पालिका में कुल 25 वार्ड में से कांग्रेस ने 15 वार्ड में जीत दर्ज करते हुए अपना बोर्ड बनना तय कर लिया है. यहां भाजपा को 8 और निर्दलियों को 2 वार्डों में जीत कर संतोष करना पड़ा.
अशोक चांदना खेल मंत्री- नैनवा नगर पालिका कांग्रेस का बोर्ड बूंदी नगर परिषद में निर्दलियों के सहारे
बूंदी नगर परिषद में कांग्रेस पार्टी ने 60 वार्डों में से 28 वार्डों में जीत दर्ज की है. भाजपा ने 24 वार्डों में जीत दर्ज की है तो निर्दलीयों को 8 वार्डों में जीत मिली है. ऐसे में निर्दलियों के सहारे बूंदी नगर परिषद में बोर्ड बनेगा.
नैनवा नगर पालिका में मंत्री अशोक चांदना ने कांग्रेस पार्टी को जीत दिलाई है. यहां कुल 25 वार्ड में से 15 वार्ड पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. जिससे कांग्रेस का बोर्ड बनना तय हो गया है. नैनवा में 10 वार्डों में भाजपा ने जीत दर्ज की है.
इन 5 विधायकों ने पहले ही गंवा दिए हैं अपने निकाय
1. प्रशांत बैरवा- फेल
निवाई नगरपालिका में 35 वार्डों में से कांग्रेस को 8 वार्डों में जीत मिली है. भाजपा को 9 वार्डों में जीत मिली है तो वहीं एनसीपी को 17 वार्डो में जीत मिली है तो एक वार्ड में निर्दलीय ने जीत दर्ज की है. लेकिन एनसीपी के सभी 17 विधायकों ने भाजपा को समर्थन दे दिया है. ऐसे में निवाई में भाजपा का बोर्ड बनेगा.
2. सुदर्शन सिंह रावत- फेल
देवगढ़ नगर पालिका के 25 वार्ड में से 14 वार्ड भाजपा ने जीते हैं तो कांग्रेस पार्टी को विधायक होने के बावजूद केवल 11 वार्डों से संतोष करना पड़ा है.
3. रामनिवास गावड़िया- फेल
परबतसर नगर पालिका में कांग्रेस विधायक रामनिवास गावड़िया फेल हो गए हैं. यहां 25 वार्ड में से 14 वार्डों में जीत दर्ज करते हुए भाजपा ने अपना बोर्ड बनना तय किया है. यहां कांग्रेस को 7 और निर्दलीयों को 4 वार्ड में जीत मिली है.
4. गणेश घोघरा- फेल
डूंगरपुर नगर परिषद में कुल 40 वार्ड हैं. इनमें से 27 वार्ड में जीत दर्ज करते हुए भाजपा ने पूर्ण बहुमत प्राप्त किया है. डूंगरपुर में कांग्रेस पार्टी को अच्छे और निर्दलीयों को सात जगह जीत मिली है.
5. राकेश पारीक- फेल
विजयनगर नगरपालिका में कुल 35 वार्ड हैं. इनमें से 19 वार्ड जीतते हुए भाजपा ने पूर्ण बहुमत प्राप्त किया है तो वहीं कांग्रेस पार्टी के 14 प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है और निर्दलीय दो प्रत्याशी जीते हैं.
यह विधायक हैं निर्दलियों के सहारे
1. हरीश मीणा
उनियारा नगर पालिका में विधायक फेल तो देवली नगर पालिका में निर्दलियों के सहारे हैं.
2. हाकम अली
फतेहपुर नगर पालिका में कुल 55 वार्ड हैं. इनमें से 25 वार्डों में कांग्रेस के प्रत्याशी जीते हैं तो भाजपा के प्रत्याशी 17 वार्ड में. लेकिन यहां बोर्ड किसका बनेगा यह वह तय निर्दलीय प्रत्याशी करेंगे. जिन्होंने फतेहपुर नगर पालिका में निर्दलीय चुनाव जीता है. रामगढ़ शेखावटी नगर पालिका से कुल 35 वार्डों में से बीजेपी को 13 तो कांग्रेस को 14 वार्ड में जीत मिली है. यहां बोर्ड निर्दलियों के सहारे बनेगा. जिन्होंने 8 वार्डों में जीत दर्ज की है.
3. दीपेंद्र सिंह शेखावत
श्रीमाधोपुर नगर पालिका में कुल 35 वार्ड हैं. इनमें से सर्वाधिक 13 वार्ड कांग्रेस ने जीते हैं. भाजपा के खाते में 12 वार्ड गए हैं. अब श्रीमाधोपुर नगर पालिका में किसका कब्जा होगा यह वह 10 निर्दलीय प्रत्याशी तय करेंगे. जिन्होंने इन चुनाव में जीत दर्ज की है.
4. परसराम मोरदिया
लोसल नगर पालिका में 35 वार्ड हैं. यहां सर्वाधिक 16 वार्डों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है तो दूसरे नंबर पर निर्दलीय हैं. जिन्होंने 11 वार्डों में जीत दर्ज की है. भाजपा के खाते में केवल 8 वार्ड आए हैं. ऐसे में यहां किसका बोर्ड बनेगा यह निर्दलीय पर निर्भर करेगा.
5. मुकेश भाकर
लाडनू नगर पालिका में कुल 45 वार्ड हैं. इनमें से सर्वाधिक 17 वार्ड कांग्रेस पार्टी ने जीते हैं तो भाजपा के खाते में 13 वार्ड गए हैं. लेकिन यहां बोर्ड किसका बनेगा यह 15 निर्दलीय प्रत्याशी तय करेंगे. जिन्होंने इन चुनाव में जीत दर्ज की है.
6. जेपी चंदेलिया
चिड़ावा नगर पालिका में कुल 40 वार्ड हैं. इनमें से 26 वार्ड जीतते हुए निर्दलीय ने बहुमत प्राप्त किया है. 11 वार्ड में कांग्रेस ने और भाजपा ने महज 3 वार्ड में जीत दर्ज की है. ऐसे में निर्दलीय तय करेंगे कि बोर्ड किसका बनेगा.
7. विजेंद्र ओला
बगड़ नगरपालिका में 20 वार्डों में से 11 वार्ड पर निर्दलीयों ने जीत दर्ज की है और बोर्ड निर्दलियों का बनना तय है. यहां बीजेपी को 6 और कांग्रेस को 3 वार्ड से ही संतोष करना पड़ा.
8. डॉ. जितेंद्र सिंह
खेतड़ी नगर पालिका में कुल 25 वार्ड हैं. जिनमें से सर्वाधिक 11 वार्डों में निर्दलीयों ने जीत दर्ज की है. कांग्रेस के खाते में 8 वार्ड आए हैं. वहीं बीजेपी के खाते में 6 वार्ड आए हैं. ऐसे में निर्दलीय तय करेंगे कि बोर्ड किसका बनेगा.
9. राजेंद्र गुढ़ा
उदयपुरवाटी नगर पालिका में कुल 35 वार्ड हैं. जिनमें से कांग्रेस पार्टी ने 14 वार्ड जीते हैं तो निर्दलीय भी कांग्रेस के बराबर 14 वार्ड जीतकर आए हैं. भाजपा को महज 7 वार्डों में जीत मिली है.
यह विधायक हुए पास
1. विजयपाल मिर्धा
डेगाना नगर पालिका में कुल 25 वार्ड में से कांग्रेस ने 14 वार्डों में जीत दर्ज की है. यहां कांग्रेस का बोर्ड बनना तय है. यहां भाजपा को 8 और निर्दलीय को 3 सीटों पर जीत मिली है.
2. राजकुमार शर्मा
मुकुंदगढ़ नगर पालिका में निर्दलियों को पूर्ण बहुमत मिला है. यहां 25 वार्ड में से निर्दलीयों ने 19 वार्ड में जीत दर्ज की है. कांग्रेस को चार और बीजेपी को दो वार्ड में ही जीत मिली. लेकिन यहां कांग्रेस का निर्विरोध अध्यक्ष चुना जा चुका है. नवलगढ़ नगर पालिका में 45 वार्ड में से 33 वार्डों में जीत दर्ज की है. यहां कांग्रेस का बोर्ड बनना तय है. यहां बीजेपी को 4, बीएसपी को एक और निर्दलीय को 7 वार्ड में जीत मिली है.
3. रीटा चौधरी
मंडावा नगरपालिका से विधायक रीटा चौधरी ने कांग्रेस को जीत दिलाई है. मंडावा के 25 वार्ड में से 15 वार्ड में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. निर्दलीय को 7 वार्डो में जीत मिली है तो भाजपा को महज तीन वार्ड पर ही संतोष करना पड़ा है.
4. अमित चाचान
नोहर नगरपालिका में कुल 40 वार्ड हैं. इनमें से सर्वाधिक 21 वार्ड कांग्रेस ने जीते हैं. यहां दूसरे नंबर पर निर्दलीय रहे जिन्होंने 16 वार्ड में जीत दर्ज की है. यहां महज 2 वार्डों में ही भाजपा को जीत मिली है.
भाजपा का कैसा रहा प्रदर्शन
पिछली बार इन 90 निकायों में से 60 में बीजेपी का बोर्ड था. लेकिन इस बार केवल 24 निकायों में ही भाजपा स्पष्ट रूप से बोर्ड बनाने की स्थिति में है. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि इसके अलावा 30 से ज्यादा निकायों में बीजेपी बहुमत जुटा लेगी. अब देखना होगा की 46 निकाय जहां दोनों पार्टियां निर्दलीय के सहारे हैं वहां किस पार्टी के पक्ष में निर्दलीय ज्यादा जाते हैं.