जमशेदपुर/जयपुर. कुछ कर गुजरने की दृढ इच्छा जब इंसान में हो तो कोई मंजिल दूर नहीं. राजस्थान के झुंझनु जिले के रहने वाले 50 वर्षीय अजय जाट की जिंदगी में कई चुनौतियां आई, लेकिन उन्हें कभी हरा नहीं पाई. वर्ष 2007 में हुए सड़क हादसे में अजय ने अपने पिता और पत्नी को खो दिया और वह खुद पैरालिसिस का शिकार हो गया.
तकरीबन 6 महीने बेड पर गुजारने के बाद अजय ने तय किया कि वे अपनी बीमारी से लड़ेंगे. अजय ने तय किया कि वे पचास हजार किलोमीटर साइकिल यात्रा के जरिए भारत के विभिन्न राज्यों का भ्रमण करेंगे, ऐसे लोगों से मिलेंगे जो जिंदगी से निराश हो चुके हैं. उन्हें सकारात्मक जीवन जीने के लिए प्रेरित करेंगे.
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फिजियोथेरेपी सेंटर खोलना है लक्ष्य
अजय बताते हैं, कि यात्रा के दौरान वह हर उस व्यक्ति से मिलने की कोशिश करेंगे जो फिजियोथेरेपी से संबंधित बीमारी से जूझ रहे हैं. उन्हें खुद की कहानी बता कर मोटिवेट करने का प्रयास करेंगे. उनका लक्ष्य है चंदा जुटाकर फिजियोथैरेपी सेंटर खोलना ताकि जरूरतमंद लोगों को निशुल्क इलाज मिल सके.
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लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने ईमेल भेजा
अजय इससे पहले सीकर से मुंबई तक साइकिल पर यात्रा कर चुके हैं. वे अपने साथ दो लीटर की बोतल और ग्लूकोज जरूर रखते हैं. साइकिल यात्रा शुरू करने के लिए अजय ने लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपने दस्तावेज लगाए तो लिम्का ने उनकी तरफ से भी दस्तावेज मिलने और यात्रा शुरू करने का जवाब मिल चुका है.