जयपुर. तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा और कालमेघ आयुर्वेद चिकित्सा में दिव्य औषधियों में शामिल हैं. इन औषधियों को ताजा इस्तेमाल करना गुणकारी होता है. यही वजह है कि राज्य सरकार ने घर-घर तक इन औषधीय पौधों को पहुंचाने की योजना बनाई थी, जो जिम्मेदारों की कारगुजारी के चलते सफल नहीं हो पाई है.
इस संबंध में हेरिटेज निगम के पार्षदों की ओर से करीब 15 शिकायतें भी दर्ज कराई गई, जिन पर उद्यान शाखा का काम देख रहे रविंद्र चारण से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई थी. हालांकि, अब तक कोई तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश नहीं किए जाने पर एडिशनल कमिश्नर सत्तार खान ने दो दिन का समय दिया है.
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रिपोर्ट पेश नहीं होने पर रविंद्र चारण को दोषी मानते हुए नियमानुसार कार्रवाई करने की चेतावनी दी है. यही नहीं, निगम क्षेत्र में उद्यान शाखा से संबंधित कार्य की पत्रावली को टुकड़ों में पेश किए जाने पर भी सवाल उठाते हुए अनियमितता होने की संभावना जताई.