ETV Bharat / city

SPECIAL : जेल विभाग की 'डबल पॉलिसी' : हार्डकोर बंदियों का नेटवर्क करेंगे खत्म, मेहनतकश बंदियों को मिलेगा रोजगार

राजस्थान की विभिन्न सेंट्रल जेल और जिला जेल में बंद हार्डकोर बंदियों पर नकेल कसने के लिए राजस्थान जेल विभाग ऑपरेशन फ्लश आउट चला रहा है. इसके अनेक सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं. पहले हार्डकोर क्रिमिनल जेल के अंदर मोबाइल का इस्तेमाल कर अपनी पूरी गैंग को ऑपरेट किया करते थे. लोगों से रंगदारी तक मांगा करते थे. ऐसी गतिविधियों पर अब काफी हद तक लगाम लग चुकी है.

Jail Department various campaigns
जेल विभाग की डबल पॉलिसी
author img

By

Published : Apr 20, 2021, 8:54 PM IST

जयपुर. जेल प्रशासन ने ऑपरेशन फ्लश ऑउट के दौरान प्रदेश के विभिन्न जेलों से 150 मोबाइल फोन बरामद किए हैं. इसके साथ ही हार्डकोर कैदियों को भी लंबे समय तक एक ही जिले की जेल में नहीं रखा जा रहा है. बार-बार उनको दूसरे जिलों की जेलों में ट्रांसफर किया जा रहा है.

हार्डकोर कैदियों पर शिकंजा, अच्छे व्यवहार वालों को रोजगार

डीजी जेल राजीव दासोत ने बताया कि हार्डकोर बंदियों को कंफर्ट जोन से बाहर निकाल कर दूसरे जिलों की जेल में ट्रांसफर किया जा रहा है. साथ ही जेल विभाग की सख्ती के चलते जेल में मोबाइल का इस्तेमाल रुक गया है. ऐसे में हार्डकोर बंदियों में काफी बौखलाहट है. जेल विभाग ने ऑपरेशन फ्लश ऑउट चलाकर प्रतिबंधित वस्तुएं बरामद की हैं. साथ ही जेल तक ऐसी वस्तुएं पहुंचाने वाले जेल कर्मचारियों और अधिकारियों पर भी एक्शन लिया गया है.

Jail Department various campaigns
कैदियों को जेल के पेट्रोल पंप पर मिली नौकरी

डीजी जेल राजीव दासोत ने बताया कि ऐसे हार्डकोर क्रिमिनल जो जेलों के अंदर लीडर बन कर बैठे हुए थे और मोबाइल का इस्तेमाल कर अपने नेटवर्क का संचालन कर रहे थे उन्हें जेल विभाग शिफ्ट कर रहा है. लगभग 70 हार्डकोर क्रिमिनल जिनमें लॉरेंस बिश्नोई, राजू ठेठ और आनंदपाल गैंग से जुड़े हुए हार्डकोर क्रिमिनल को दूसरी जेलों में शिफ्ट किया गया है.

पढ़ें- सीकर: जेल में मोबाइल का प्रयोग करने वाले दो अपराधी गिरफ्तार

हार्डकोर बंदियों से मोबाइल फोन बरामद करने के बाद अब जेल से संचालित होने वाली अपराधिक गतिविधियों की सूचनाएं भी लगभग नगण्य हो गई हैं. जिसके चलते पुलिस ने भी राहत की सांस ली है. उन्होंने कहा कि जेल विभाग की सख्ती के चलते बौखलाए कैदी जेल से भागने की साजिश भी रच रहे हैं. फलौदी की घटना इसका उदाहरण है.

Jail Department various campaigns
जेलों में चलाया ऑपरेशन फ्लश आउट अभियान

डीजी जेल राजीव दासोत ने बताया कि अच्छा व्यवहार करने वाले और मेहनतकश बंदियों के उत्थान के लिए जेल विभाग लगातार प्रयासरत है. हाल ही में अच्छा आचरण करने वाले वे कैदी जिनकी साढे 16 साल की जेल पूरी हो गई है, ऐसे 1349 बंदियों को रिहा कर दिया गया है.

पढ़ें- फलौदी जेल ब्रेक कांड : फरार 16 कैदियों में से मुख्य आरोपी जैसलमेर से गिरफ्तार, पाकिस्तान भागने की फिराक में था!

कैदियों के लिए जेल प्रशासन की ओर से पेट्रोल पंप का भी संचालन भी किया जा रहा है. जहां कैदी ही पेट्रोल पंप का संचालन कर रहे हैं. कैदी वाहनों में पेट्रोल भर रहे हैं. पेट्रोल पंप से होने वाला प्रॉफिट भी बंदियों के कल्याण में ही उपयोग में लिया जा रहा है. इसके साथ ही बंदियों को ज्यादा से ज्यादा उद्योग धंधों के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं. जो कैदी जिस कार्य में कुशल है उसके आधार पर ही उसे कार्य दिलाया जा रहा है. इसके साथ ही कैदियों की बंदी मजदूरी दर में भी 20% की वृद्धि करवाई गई है.

Jail Department various campaigns
जिन कैदियों का अच्छा व्यवहार, उन्हें प्रतिफल

इसके साथ ही ओपन जेल में एक फार्मास्यूटिकल कंपनी के सहयोग से कैदियों की ओर से सैनिटाइजर का निर्माण किया जा रहा है. उसका प्रॉफिट भी कैदियों के कल्याण में उपयोग में लिया जा रहा है. जिसके चलते न केवल कैदियों को रोजगार मिल रहा है बल्कि वह आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी पहल कर रहे हैं.

जयपुर. जेल प्रशासन ने ऑपरेशन फ्लश ऑउट के दौरान प्रदेश के विभिन्न जेलों से 150 मोबाइल फोन बरामद किए हैं. इसके साथ ही हार्डकोर कैदियों को भी लंबे समय तक एक ही जिले की जेल में नहीं रखा जा रहा है. बार-बार उनको दूसरे जिलों की जेलों में ट्रांसफर किया जा रहा है.

हार्डकोर कैदियों पर शिकंजा, अच्छे व्यवहार वालों को रोजगार

डीजी जेल राजीव दासोत ने बताया कि हार्डकोर बंदियों को कंफर्ट जोन से बाहर निकाल कर दूसरे जिलों की जेल में ट्रांसफर किया जा रहा है. साथ ही जेल विभाग की सख्ती के चलते जेल में मोबाइल का इस्तेमाल रुक गया है. ऐसे में हार्डकोर बंदियों में काफी बौखलाहट है. जेल विभाग ने ऑपरेशन फ्लश ऑउट चलाकर प्रतिबंधित वस्तुएं बरामद की हैं. साथ ही जेल तक ऐसी वस्तुएं पहुंचाने वाले जेल कर्मचारियों और अधिकारियों पर भी एक्शन लिया गया है.

Jail Department various campaigns
कैदियों को जेल के पेट्रोल पंप पर मिली नौकरी

डीजी जेल राजीव दासोत ने बताया कि ऐसे हार्डकोर क्रिमिनल जो जेलों के अंदर लीडर बन कर बैठे हुए थे और मोबाइल का इस्तेमाल कर अपने नेटवर्क का संचालन कर रहे थे उन्हें जेल विभाग शिफ्ट कर रहा है. लगभग 70 हार्डकोर क्रिमिनल जिनमें लॉरेंस बिश्नोई, राजू ठेठ और आनंदपाल गैंग से जुड़े हुए हार्डकोर क्रिमिनल को दूसरी जेलों में शिफ्ट किया गया है.

पढ़ें- सीकर: जेल में मोबाइल का प्रयोग करने वाले दो अपराधी गिरफ्तार

हार्डकोर बंदियों से मोबाइल फोन बरामद करने के बाद अब जेल से संचालित होने वाली अपराधिक गतिविधियों की सूचनाएं भी लगभग नगण्य हो गई हैं. जिसके चलते पुलिस ने भी राहत की सांस ली है. उन्होंने कहा कि जेल विभाग की सख्ती के चलते बौखलाए कैदी जेल से भागने की साजिश भी रच रहे हैं. फलौदी की घटना इसका उदाहरण है.

Jail Department various campaigns
जेलों में चलाया ऑपरेशन फ्लश आउट अभियान

डीजी जेल राजीव दासोत ने बताया कि अच्छा व्यवहार करने वाले और मेहनतकश बंदियों के उत्थान के लिए जेल विभाग लगातार प्रयासरत है. हाल ही में अच्छा आचरण करने वाले वे कैदी जिनकी साढे 16 साल की जेल पूरी हो गई है, ऐसे 1349 बंदियों को रिहा कर दिया गया है.

पढ़ें- फलौदी जेल ब्रेक कांड : फरार 16 कैदियों में से मुख्य आरोपी जैसलमेर से गिरफ्तार, पाकिस्तान भागने की फिराक में था!

कैदियों के लिए जेल प्रशासन की ओर से पेट्रोल पंप का भी संचालन भी किया जा रहा है. जहां कैदी ही पेट्रोल पंप का संचालन कर रहे हैं. कैदी वाहनों में पेट्रोल भर रहे हैं. पेट्रोल पंप से होने वाला प्रॉफिट भी बंदियों के कल्याण में ही उपयोग में लिया जा रहा है. इसके साथ ही बंदियों को ज्यादा से ज्यादा उद्योग धंधों के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं. जो कैदी जिस कार्य में कुशल है उसके आधार पर ही उसे कार्य दिलाया जा रहा है. इसके साथ ही कैदियों की बंदी मजदूरी दर में भी 20% की वृद्धि करवाई गई है.

Jail Department various campaigns
जिन कैदियों का अच्छा व्यवहार, उन्हें प्रतिफल

इसके साथ ही ओपन जेल में एक फार्मास्यूटिकल कंपनी के सहयोग से कैदियों की ओर से सैनिटाइजर का निर्माण किया जा रहा है. उसका प्रॉफिट भी कैदियों के कल्याण में उपयोग में लिया जा रहा है. जिसके चलते न केवल कैदियों को रोजगार मिल रहा है बल्कि वह आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी पहल कर रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.