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वोटर आईडी को आधार से लिंक करने के मामले में राजस्थान देश में नंबर वन

वोटर आईडी से आधार को लिंक करने के काम में पूरे देश में राजस्थान पहले नम्बर पर (Rajasthan tops in linking Aadhaar to voter card) है. प्रदेश में अब तक 55 लाख से अधिक मतदाताओं ने मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी) को आधार कार्ड से जोड़ा है. निर्वाचन विभाग ने इसके लिए प्रदेश में 'सीईओ से बीएलओ' तक विशेष अभियान चला रखा है.

Rajasthan tops in linking Aadhaar to voter card, 55 lakhs plus linked the cards
वोटर आईडी को आधार से लिंक करने के मामले में राजस्थान देश में नंबर वन
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Published : Aug 11, 2022, 8:30 AM IST

Updated : Aug 11, 2022, 2:53 PM IST

जयपुर. प्रदेश में अब तक 55 लाख से अधिक मतदाताओं ने मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी) को आधार कार्ड से जोड़ा है. मतदाता पहचान पत्र को आधार संख्या से जोड़ने के अभियान में राजस्थान पूरे देश में प्रथम स्थान पर (Rajasthan tops in linking Aadhaar to voter card) है.

10 दिन में 2 करोड़ 52 लाख को जोड़ा: मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि 1 अगस्त से प्रारंभ हुए इस अभियान में पूरे देश में अब तक 2 करोड़ 52 लाख मतदाता पहचान पत्र आधार कार्ड से लिंक किए गए. जिसमें से राज्य में 55 लाख 86 हजार 710 मतदाताओं ने अपने आधार कार्ड को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ लिया है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में इसके लिए 'सीईओ से बीएलओ' तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है. अभियान के प्रति प्रदेशवासियों में खासा उत्साह है और 9 अगस्त को एक ही दिन में 12 लाख 24 हजार 991 आवेदन प्राप्त हुए.

पढ़ें: जन आधार कार्ड को अब पहचान-पत्र दस्तावेज के रूप में मिली मान्यता

इन दस्तावेज से किया जा सकता आवेदन: प्रवीण गुप्ता ने कहा कि आवेदन ऑनलाइन वोटर हेल्पलाइन ऐप, नेशनल वोटर्स सर्विस पोर्टल के माध्यम से भी कर सकते हैं. इसके लिए एक नया फॉर्म 6 बी भरा जाएगा. उन्होंने बताया कि जो मतदाता पहली बार अपना नाम जुड़वा रहे हैं उनके पास आधार कार्ड नहीं है तो वे मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक या पोस्ट ऑफिस की पासबुक, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पेंशन दस्तावेज, श्रम मंत्रालय की ओर से जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, शासकीय या अर्ध शासकीय सार्वजनिक क्षेत्र की ओर से जारी परिचय पत्र, सांसद, विधायक या विधान परिषद सदस्य का परिचय पत्र, सामाजिक न्याय मंत्रालय की ओर से जारी परिचय पत्र भी प्रस्तुत कर सकते (Documents for adding name in Voter list) हैं. गुप्ता ने बताया कि मतदाता को मतदान के लिए भटकना ना पड़े, इसलिए उसे घर के पास के केंद्र से संबद्ध किया जाएगा. साथ ही एक परिवार के सदस्यों को एक ही मतदान केंद्र मिले, इसका पुनरीक्षण में विशेष ध्यान रखा जाएगा. मतदाता परिचय पत्र स्पीड पोस्ट से घर पहुंचाए जाएंगे.

पढ़ें: अब आधार कार्ड से जुड़ेगा वोटर कार्ड, सरकार ने चुनाव सुधार विधेयक को मंजूरी दी

मतदाता सूची का संक्षिप्त पुनरीक्षण 9 नवंबर से: मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदाता सूची का संक्षिप्त पुनरीक्षण 9 नवंबर से किया जाएगा. मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन कर नाम जोड़ने, हटाने, संशोधन करने या फिर स्थानांतरण के आवेदन लिए जाएंगे. 5 जनवरी, 2023 को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन (Revision of voter list) होगा. इससे पूर्व मुख्य निर्वाचन अधिकारी के नेतृत्व में सीईओ कार्यालय से लेकर बीएलओ तक इस अभियान की शानदार शुरुआत हुई. निर्वाचन विभाग मुख्यालय से लेकर सभी जिला निर्वाचन कार्यालयों निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी कार्यालयों, सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने-अपने मतदाता पहचान पत्र को आधार नंबर से जोड़ा है.

पढ़ें: जानिए आधार नंबर से कैसे लिंक होगा आपका वोटर आईडी कार्ड

आमजन से अपील: इस अवसर पर गुप्ता ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि राजस्थान में निर्वाचन प्रक्रिया में एक सक्षम वातावरण बनाने के लिए सभी मतदाता उत्साह पूर्वक इस अभियान में भाग लें और अधिक से अधिक संख्या में आधार नंबर मतदाता पहचान पत्र के साथ जोड़ें. उन्होंने कहा कि सभी कार्यालयों, स्कूल, कॉलेज, आंगनबाड़ी केंद्र, आशा सहयोगिनी स्वयं और अपने परिवारजनों और आमजन को इस अभियान से जोड़ने का प्रयास करें.

जयपुर. प्रदेश में अब तक 55 लाख से अधिक मतदाताओं ने मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी) को आधार कार्ड से जोड़ा है. मतदाता पहचान पत्र को आधार संख्या से जोड़ने के अभियान में राजस्थान पूरे देश में प्रथम स्थान पर (Rajasthan tops in linking Aadhaar to voter card) है.

10 दिन में 2 करोड़ 52 लाख को जोड़ा: मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि 1 अगस्त से प्रारंभ हुए इस अभियान में पूरे देश में अब तक 2 करोड़ 52 लाख मतदाता पहचान पत्र आधार कार्ड से लिंक किए गए. जिसमें से राज्य में 55 लाख 86 हजार 710 मतदाताओं ने अपने आधार कार्ड को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ लिया है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में इसके लिए 'सीईओ से बीएलओ' तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है. अभियान के प्रति प्रदेशवासियों में खासा उत्साह है और 9 अगस्त को एक ही दिन में 12 लाख 24 हजार 991 आवेदन प्राप्त हुए.

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इन दस्तावेज से किया जा सकता आवेदन: प्रवीण गुप्ता ने कहा कि आवेदन ऑनलाइन वोटर हेल्पलाइन ऐप, नेशनल वोटर्स सर्विस पोर्टल के माध्यम से भी कर सकते हैं. इसके लिए एक नया फॉर्म 6 बी भरा जाएगा. उन्होंने बताया कि जो मतदाता पहली बार अपना नाम जुड़वा रहे हैं उनके पास आधार कार्ड नहीं है तो वे मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक या पोस्ट ऑफिस की पासबुक, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पेंशन दस्तावेज, श्रम मंत्रालय की ओर से जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, शासकीय या अर्ध शासकीय सार्वजनिक क्षेत्र की ओर से जारी परिचय पत्र, सांसद, विधायक या विधान परिषद सदस्य का परिचय पत्र, सामाजिक न्याय मंत्रालय की ओर से जारी परिचय पत्र भी प्रस्तुत कर सकते (Documents for adding name in Voter list) हैं. गुप्ता ने बताया कि मतदाता को मतदान के लिए भटकना ना पड़े, इसलिए उसे घर के पास के केंद्र से संबद्ध किया जाएगा. साथ ही एक परिवार के सदस्यों को एक ही मतदान केंद्र मिले, इसका पुनरीक्षण में विशेष ध्यान रखा जाएगा. मतदाता परिचय पत्र स्पीड पोस्ट से घर पहुंचाए जाएंगे.

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मतदाता सूची का संक्षिप्त पुनरीक्षण 9 नवंबर से: मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदाता सूची का संक्षिप्त पुनरीक्षण 9 नवंबर से किया जाएगा. मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन कर नाम जोड़ने, हटाने, संशोधन करने या फिर स्थानांतरण के आवेदन लिए जाएंगे. 5 जनवरी, 2023 को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन (Revision of voter list) होगा. इससे पूर्व मुख्य निर्वाचन अधिकारी के नेतृत्व में सीईओ कार्यालय से लेकर बीएलओ तक इस अभियान की शानदार शुरुआत हुई. निर्वाचन विभाग मुख्यालय से लेकर सभी जिला निर्वाचन कार्यालयों निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी कार्यालयों, सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने-अपने मतदाता पहचान पत्र को आधार नंबर से जोड़ा है.

पढ़ें: जानिए आधार नंबर से कैसे लिंक होगा आपका वोटर आईडी कार्ड

आमजन से अपील: इस अवसर पर गुप्ता ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि राजस्थान में निर्वाचन प्रक्रिया में एक सक्षम वातावरण बनाने के लिए सभी मतदाता उत्साह पूर्वक इस अभियान में भाग लें और अधिक से अधिक संख्या में आधार नंबर मतदाता पहचान पत्र के साथ जोड़ें. उन्होंने कहा कि सभी कार्यालयों, स्कूल, कॉलेज, आंगनबाड़ी केंद्र, आशा सहयोगिनी स्वयं और अपने परिवारजनों और आमजन को इस अभियान से जोड़ने का प्रयास करें.

Last Updated : Aug 11, 2022, 2:53 PM IST
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