जयपुर. राज्य मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को सिलिकोसिस पीड़ित मजदूर और उनके परिवारों को राहत देने के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं. साथ ही कहा है कि किसी इलाके में सिलिकोसिस बीमारी है या नहीं लेकिन वहां पर शिविर जरूर लगाए जाएं. वहीं इसके लिए जागरुकता अभियान चलाने और सुरक्षा उपकरण वितरित करने की जिम्मेदारी मिनरल फाउंडेशन की है.
Rajasthan State Human Rights Commission के चेयरमैन जस्टिस जीके व्यास ने यह निर्देश वैभव भंडारी के परिवाद पर दिया. इसमें कहा कि पाली में सिलिकोसिस के 298 मरीज सामने आ चुके हैं. इनकी संख्या भी लगातार बढ़ रही है लेकिन खनन क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के उत्थान के लिए बनी जिला मिनरल फाउंडेशन कोई कदम नहीं उठा रही है. जबकि इनके पास करोड़ों रुपए का बजट है. जिस पर आयोग ने मार्च 2018 में खनिज अभियंता पाली से रिपोर्ट मांगी थी.
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रिपोर्ट में कहा कि पाली जिले में इनकी संख्या नगण्य है लेकिन सिरोही में मूर्ति निर्माण करने वाले श्रमिकों में यह बीमारी है. आयोग ने माना कि केवल पाली ही नहीं बल्कि अन्य जिलों में भी खनन क्षेत्रों में सिलिकोसिस रोग (Silicosis) होने की पूरी संभावना है. इसलिए सभी जगह पर शिविर लगाए जाएं.
ये दिए निर्देश
- प्रत्येक जिले में गठित/स्थापित मिनरल फाउंडेशन प्रत्येक माह में एक निश्चित स्थान पर शिविर का आयोजन करेगा.
- यह निर्देश दिया गया कि मिनरल फाउंडेशन नियमित रूप से जागरूकता अभियान चलाएगा और मजदूरों की सुरक्षा हेतु उपकरण वितरण करेगा
- मिनरल फाउंडेशन नियमों के तहत सिलिकोसिस रोग से पीड़ित मजदूरों को यथासंभव उनके इलाज में होने वाला व्यय उपलब्ध कराएगा
- मिनरल फाउंडेशन को बजट में आवंटित राशि को खनन कार्य करने के दौरान श्रमिकों के उपकरणों पर खर्च किया जाए
- यथा संभव प्रत्येक जिले में पुर्नवास केन्द्रों की स्थापना की जाए, जिससे सिलिकोसिस पीड़ित श्रमिकों और उनके परिवारों की देखभाल आर्थिक सहायता देकर की जा सके
- यह भी निर्देश दिया जाता है कि कि सिलिकोसिस पीड़ित श्रमिकों को और उसके परिवारजन को क्षतिपूर्ति राशि तुरंत प्रभाव से मुहैया कराई जाए
- आयोग की ओर से पारित उपरोक्त निर्देशों की पालनार्थ यह आदेश प्रमुख शासन सचिव, खान एवं भूविज्ञान विभाग, राजस्थान जयपुर तथा प्रत्येक जिले के जिला कलेक्टर को प्रेषित किया जाए