जयपुर: 10 जून 2020 को राजस्थान आवासन मंडल ने '10% दीजिए, गृह प्रवेश कीजिए' योजना को बुधवार नीलामी उत्सव से जोड़ते हुए आम जनता को किस्तों पर आवास उपलब्ध कराने की मुहिम शुरू की. जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर, अलवर सहित 40 शहरों में करीब 9000 आवासों को इस योजना के तहत शामिल किया गया. 5780 आवासों को बेचकर 1100 करोड़ से ज्यादा का राजस्व (Revenue) अर्जित किया गया. आवासन मंडल ने महज 12 दिन में 1213 आवास बेचकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन में भी अपना नाम दर्ज कराया.
आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा के मुताबिक आवासन मंडल के अधिशेष मकानों का विक्रय सितंबर 2019 से शुरू किया गया था. शुरुआत में ई-ऑक्शन (E-Auction) के माध्यम से आवासों का विक्रय किया गया. लेकिन कोरोना काल में देखने को मिला कि लोगों को एकमुश्त राशि जमा कराने में परेशानी आ रही है. इसे देखते हुए जून 2020 में 10% दीजिए, गृह प्रवेश कीजिए योजना को लागू किया गया. 90% राशि को 13 साल में 156 किस्तों के माध्यम से वसूलने की योजना बनाई गई. ब्याज दर भी महज 6% रखी गई, जो बैंकों से भी काफी कम है.
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अब इस योजना का दूसरा चरण शुरू किया गया है. जिसके तहत जयपुर और जयपुर के आसपास के क्षेत्रों के अलावा डूंगरपुर, बांसवाड़ा और भरतपुर जैसे शहरों में अधिशेष आवासों को जोड़ा गया है. जयपुर में प्रताप नगर के द्वारिकापुरी में 1111 फ्लैट, प्रताप अपार्टमेंट में 292 फ्लैट, महला योजना में 922 फ्लैट, मानसरोवर के द्वारिका अपार्टमेंट में 22 फ्लैट, इंदिरा गांधी नगर में 54 फ्लैट, नायला के वीकेंड होम योजना में 567 आवास शामिल हैं.
खास बात ये है कि निम्न आय वर्ग, एकल महिलाओं, स्टूडेंट और प्रवासी मजदूरों को ध्यान में रखते हुए 1BHK फ्लैट महज 6 लाख और 8 लाख निर्धारित किया गया है. बीते डेढ़ साल में आवासन मंडल ने करीब 8511 आवास विक्रय करते हुए 1509 करोड़ का राजस्व एकत्र किया है. इसके अलावा नियमित आने वाली किस्त, लीज मनी और प्रीमियम प्रॉपर्टीज का ऑक्शन कर 3000 करोड़ से ज्यादा का राजस्व अर्जित किया है.
ई-ऑक्शन के जरिए 1010 आवास बेचकर 162 करोड़ राजस्व अर्जित किया गया है. बुधवार नीलामी उत्सव ( मोहर बंद नीलामी) के जरिए 1724 आवास बेचे गए और 238 करोड़ राजस्व जुटाया गया. बुधवार नीलामी उत्सव (ई-बिड सबमिशन) के जरिए 4522 आवास बेचे गए और 631 करोड़ जुटाए गए. अन्य ऑनलाइन पद्धति के जरिए 821 आवास बेचकर 305 करोड़ राजस्व मिला. वहीं अन्य ऑफलाइन और खुली बिक्री योजना के जरिए 434 आवास बेचकर 173 करोड़ रुपए का राजस्व मिला.
अब तक आवासन मंडल के आवासों की किस्त नहीं चुकाने के प्रकरण भी सामने आते थे. लेकिन अब बोर्ड के 50 साल पुराने एक्ट में संशोधन हो चुका है. जिसके तहत आवासन मंडल को अपनी बकाया राशि को वसूलने का अधिकार मिल गया है. यदि कोई व्यक्ति किस्त नहीं चुकाता है या आवासन मंडल की कोई अन्य राशि बकाया है. ऐसी स्थिति में आवासन मंडल कुर्की कर या लैंड रेवेन्यू की तरह उसे रिकवर कर सकता है.