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नई भर्ती का विरोध कर रहे होमगार्ड जवान, कहा-साल में महज 4 महीने ही रोजगार, स्टे के बावजूद हो रही है भर्ती

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Published : Oct 25, 2021, 3:05 PM IST

Updated : Oct 25, 2021, 4:32 PM IST

राजस्थान होमगार्ड कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष झलकन सिंह राठौड़ ने 2500 पदों पर नई भर्ती का विरोध किया है. सोमवार से आंदोलन पर उतरे संगठन की मांग है कि पहले होमगार्ड जवानों को नियमित रोजगार दिया जाए और पूर्व में डिस्चार्ज जवानों को बहाल किया जाए.

नई भर्ती का विरोध
नई भर्ती का विरोध

जयपुर. जहां एक और बेरोजगार युवा भर्ती प्रक्रिया का इंतजार करते हैं, वहीं एक ऐसा वर्ग भी है जो नई भर्ती का विरोध कर रहा है. सरकार की ओर से होमगार्ड की नई भर्ती की घोषणा की गई है और इसका पुराने होमगार्ड जवान विरोध कर रहे हैं. राजस्थान होमगार्ड कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष झलकन सिंह राठौड़ के नेतृत्व में शहीद स्मारक पर सोमवार से इस भर्ती का विरोध करने के लिए आंदोलन शुरू किया गया है. उन्होंने मांग की है कि पहले होमगार्ड जवानों को नियमित रोजगार दिया जाए और पूर्व में डिस्चार्ज जवानों को बहाल किया जाए.

राठौड़ ने कहा कि राजस्थान होमगार्ड में स्वीकृत नफरी 285050 है और इसमें से मौजूदा नफरी 25550 है. वर्तमान में राजस्थान के होमगार्ड जवानों पर रोजगार का भारी संकट है. मौजूदा होमगार्ड में से लगभग 38 फीसदी को ही रोटेशन के आधार पर साल में 4 माह का रोजगार मिल पाता है. जबकि 62 फीसदी जवान बेरोजगार ही रहते हैं. ऐसे में विभाग ने 2500 पदों पर नई भर्ती निकाली है जिससे बेरोजगारी का संकट बढ़ जाएगा.

नई भर्ती का विरोध कर रहे होमगार्ड जवान

राठौड़ ने कहा कि नई भर्ती में रिक्त पद भरे जाने पर पूर्व में बिना विभागीय प्रक्रिया पूरी किए और बिना नोटिस हटाए गए निर्दोष जवानों को फिर से बहाली की लंबे समय से मांग कर रहे हैं. इसका मामला कोर्ट में है. उनका भविष्य अंधकारमय हो जाएगा.

पढ़ें: उपेन यादव की सरकार को चेतावनी, मांगें नहीं मानी तो शहीद स्मारक पर भूखे रहकर मनाएंगे दीवाली

उन्होंने बताया कि 2017 में राज्य सरकार के गृह विभाग गृह ग्रुप सात में स्पष्ट निर्देश जारी कर कहा था कि जब तक 70 प्रतिशत को रोजगार उपलब्ध नहीं करा दिया जाए, तब तक नई भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की जाए. नई भर्ती प्रक्रिया पर उच्च न्यायालय ने 2020 में स्टेट नोटिस भी जारी कर रखा है. पूर्व में डिस्चार्ज जवानों की भी अक्टूबर 2019 में राज्य सरकार और जून 2020 में हाई कोर्ट से आदेश जारी किए जा चुके हैं और कुछ का मामला अभी भी कोर्ट में चल रहा है. राजस्थान होमगार्ड कर्मचारी संगठन ने होमगार्ड की मांगों को पूरा होने तक नई भर्ती पर रोक लगाने की बात कही है.

राठौड़ ने कहा कि सरकार बने हुए 3 वर्ष पूरे होने वाले हैं लेकिन होमगार्ड के पक्ष में अभी तक कोई विशेष निर्णय नहीं किया गया है. सरकार बेरोजगारों को और बेरोजगार बनाने पर तुली है. विभाग ने सरकार को गलत रिपोर्ट पेश की है जिसके चलते यह भर्ती निकाली गई है. यदि सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है, तो प्रदेशभर में अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा. राठौड़ ने यह भी कहा कि इस नई भर्ती पर कोर्ट का स्टे है, इसके बावजूद भर्ती प्रक्रिया की जा रही है.

पढ़ें: कोरोना वायरस के नए वैरिएंट पर CM गहलोत ने जताई चिंता..कहा- केंद्र सरकार नई SOP जारी करे

राठौड़ ने बताया कि वर्तमान में जो होमगार्ड कर्मचारी हितों के मूलभूत परिलाभों से वंचित हैं, उनके (ईएसआई, ईपीएफ) आदि अन्य राज्यों की भांति राजस्थान में भी लागू करने के बाद नई भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए. प्रदेश के युवाओं को भर्ती करने से पूर्व स्पष्ट किया जाए कि होमगार्ड विभाग में रोजगार की व्यवस्था नहीं है. उसके बाद ही उन्हें भर्ती के लिए आमंत्रित किया जाए ताकि उनके भविष्य से खिलवाड़ नहीं हो सके.

जयपुर. जहां एक और बेरोजगार युवा भर्ती प्रक्रिया का इंतजार करते हैं, वहीं एक ऐसा वर्ग भी है जो नई भर्ती का विरोध कर रहा है. सरकार की ओर से होमगार्ड की नई भर्ती की घोषणा की गई है और इसका पुराने होमगार्ड जवान विरोध कर रहे हैं. राजस्थान होमगार्ड कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष झलकन सिंह राठौड़ के नेतृत्व में शहीद स्मारक पर सोमवार से इस भर्ती का विरोध करने के लिए आंदोलन शुरू किया गया है. उन्होंने मांग की है कि पहले होमगार्ड जवानों को नियमित रोजगार दिया जाए और पूर्व में डिस्चार्ज जवानों को बहाल किया जाए.

राठौड़ ने कहा कि राजस्थान होमगार्ड में स्वीकृत नफरी 285050 है और इसमें से मौजूदा नफरी 25550 है. वर्तमान में राजस्थान के होमगार्ड जवानों पर रोजगार का भारी संकट है. मौजूदा होमगार्ड में से लगभग 38 फीसदी को ही रोटेशन के आधार पर साल में 4 माह का रोजगार मिल पाता है. जबकि 62 फीसदी जवान बेरोजगार ही रहते हैं. ऐसे में विभाग ने 2500 पदों पर नई भर्ती निकाली है जिससे बेरोजगारी का संकट बढ़ जाएगा.

नई भर्ती का विरोध कर रहे होमगार्ड जवान

राठौड़ ने कहा कि नई भर्ती में रिक्त पद भरे जाने पर पूर्व में बिना विभागीय प्रक्रिया पूरी किए और बिना नोटिस हटाए गए निर्दोष जवानों को फिर से बहाली की लंबे समय से मांग कर रहे हैं. इसका मामला कोर्ट में है. उनका भविष्य अंधकारमय हो जाएगा.

पढ़ें: उपेन यादव की सरकार को चेतावनी, मांगें नहीं मानी तो शहीद स्मारक पर भूखे रहकर मनाएंगे दीवाली

उन्होंने बताया कि 2017 में राज्य सरकार के गृह विभाग गृह ग्रुप सात में स्पष्ट निर्देश जारी कर कहा था कि जब तक 70 प्रतिशत को रोजगार उपलब्ध नहीं करा दिया जाए, तब तक नई भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की जाए. नई भर्ती प्रक्रिया पर उच्च न्यायालय ने 2020 में स्टेट नोटिस भी जारी कर रखा है. पूर्व में डिस्चार्ज जवानों की भी अक्टूबर 2019 में राज्य सरकार और जून 2020 में हाई कोर्ट से आदेश जारी किए जा चुके हैं और कुछ का मामला अभी भी कोर्ट में चल रहा है. राजस्थान होमगार्ड कर्मचारी संगठन ने होमगार्ड की मांगों को पूरा होने तक नई भर्ती पर रोक लगाने की बात कही है.

राठौड़ ने कहा कि सरकार बने हुए 3 वर्ष पूरे होने वाले हैं लेकिन होमगार्ड के पक्ष में अभी तक कोई विशेष निर्णय नहीं किया गया है. सरकार बेरोजगारों को और बेरोजगार बनाने पर तुली है. विभाग ने सरकार को गलत रिपोर्ट पेश की है जिसके चलते यह भर्ती निकाली गई है. यदि सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है, तो प्रदेशभर में अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा. राठौड़ ने यह भी कहा कि इस नई भर्ती पर कोर्ट का स्टे है, इसके बावजूद भर्ती प्रक्रिया की जा रही है.

पढ़ें: कोरोना वायरस के नए वैरिएंट पर CM गहलोत ने जताई चिंता..कहा- केंद्र सरकार नई SOP जारी करे

राठौड़ ने बताया कि वर्तमान में जो होमगार्ड कर्मचारी हितों के मूलभूत परिलाभों से वंचित हैं, उनके (ईएसआई, ईपीएफ) आदि अन्य राज्यों की भांति राजस्थान में भी लागू करने के बाद नई भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए. प्रदेश के युवाओं को भर्ती करने से पूर्व स्पष्ट किया जाए कि होमगार्ड विभाग में रोजगार की व्यवस्था नहीं है. उसके बाद ही उन्हें भर्ती के लिए आमंत्रित किया जाए ताकि उनके भविष्य से खिलवाड़ नहीं हो सके.

Last Updated : Oct 25, 2021, 4:32 PM IST
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