जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt) ने अदालती आदेशों के बावजूद प्री-प्राइमरी कक्षाओं में आरटीई के तहत प्रवेश नहीं देने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने शिक्षा सचिव को 20 अक्टूबर को तलब करते हुए उन्हें अवमानना के नोटिस जारी किए हैं. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस वीके भारवानी की खंडपीठ ने आदेश अभ्युथानम सोसायटी व अन्य की जनहित याचिका पर दिए.
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से रिकॉल प्रार्थना पत्र पेश कर कहा गया कि प्री-प्राइमरी (Case of not giving admission under RTE) कक्षाओं को राज्य सरकार की ओर से मान्यता नहीं दी गई है. वहीं खंडपीठ ने अंतरिम रूप से प्री-प्राइमरी कक्षाओं में आरटीई के तहत प्रवेश के आदेश दिए हैं. यह आदेश फाइनल आदेश की प्रकृति का है. ऐसे में इस आदेश को वापस लिया जाए.
इस पर अदालत ने प्रार्थना पत्र खारिज करते हुए कहा कि कोर्ट ने दो बार अंतरिम आदेश देते हुए प्री-प्राइमरी कक्षाओं में आरटीई के तहत प्रवेश देने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट भी उनकी याचिका खारिज कर चुका है. ऐसे में पालना की बजाए राज्य सरकार रिकॉल प्रार्थना पत्र पेश कर रही है. यह अवमानना का मामला है, इसलिए शिक्षा सचिव मामले में स्पष्टीकरण दें. बता दें, हाईकोर्ट ने 23 अक्टूबर 2021 और 23 मई 2022 को अंतरिम आदेश देते हुए राज्य सरकार को प्री-प्राइमरी कक्षाओं में आरटीई के तहत प्रवेश देने को कहा था. इसके बावजूद आदेशों की पालना नहीं की गई.