जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस भर्ती-2018 की मुख्य परीक्षा में मंत्रालयिक कर्मचारी और भूतपूर्व सैनिक कोटे में अपात्र अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण करने पर 7 दिसंबर से होने वाले इंटरव्यू पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई 10 दिसंबर को रखी है.
न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश अमित शर्मा और प्रेमसिंह राठौड़ सहित अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिकाओं में कहा गया कि आरपीएससी की ओर से आरएएस भर्ती की मुख्य परीक्षा का परिणाम गत 7 जुलाई को जारी किया गया. जिसमें भूतपूर्व सैनिक कोटे और मंत्रालयिक कर्मचारियों के कोटे में अपात्र अभ्यर्थियों का चयन कर लिया. जिसके चलते दूसरे पात्र अभ्यर्थियों का इंटरव्यू के लिए चयन नहीं हो सका. आरपीएससी को लिखित परीक्षा का परिणाम जारी करने से पहले अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन करने चाहिए थे.
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सुनवाई के दौरान आरपीएससी की ओर से कहा गया कि भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. उनकी ओर से अपात्रों को बाहर कर दिया जाएगा. इस पर अदालत ने कहा कि अपात्रों को बाहर करने के बाद भी आयोग पुन: परिणाम जारी नहीं करेगा. ऐसे में इंटरव्यू से वंचित पात्र अभ्यर्थियों को राहत नहीं मिलेगी. इसके साथ ही अदालत ने इंटरव्यू लेने पर रोक लगाते हुए प्रकरण की सुनवाई 10 दिसंबर को तय की है.
अतिक्रमण को लेकर हाईकोर्ट सख्त...
राजस्थान हाईकोर्ट ने दिल्ली बाईपास स्थित नागतलाई नाले और उससे जुड़ी सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण और अतिक्रमण के मामले में जिला कलेक्टर को जरूरी कानूनी कार्रवाई करने को कहा है. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता इस संबंध में कलेक्टर को चार सप्ताह में अपना अभ्यावेदन पेश करे. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सीके सोनगरा की खंडपीठ ने यह आदेश अजीत पहाडिया की जनहित याचिका पर दिए.
याचिका में कहा गया कि भूमाफियाओं ने दिल्ली बाईपास पर नागतलाई नाले और उससे पास स्थित सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर लिया है. अतिक्रमी सरकारी जमीन पर कॉलोनी बसाना चाहते हैं. इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारियों को जानकरी दी गई, लेकिन विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में नाले और सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए जाएं.