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राजस्थान हाईकोर्ट: रिश्वत मांगने के मामले में मिली पटवारी को जमानत

राजस्थान हाईकोर्ट ने चौमू के नांगल भरडा के पटवारी को एसीबी की ओर से ट्रैप करने के मामले में जमानत पर रिहा कर दिया है. न्यायाधीश सीके सोनगरा ने यह आदेश राजेन्द्र कुमार मीना की जमानत याचिका पर दिए.

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Published : Jan 25, 2021, 7:58 PM IST

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राजस्थान हाईकोर्ट

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने चौमू के नांगल भरडा के पटवारी को एसीबी की ओर से ट्रैप करने के मामले में जमानत पर रिहा कर दिया है. न्यायाधीश सीके सोनगरा ने यह आदेश राजेन्द्र कुमार मीना की जमानत याचिका पर दिए.

पढ़ें: स्कूल व्याख्याता भर्ती-2018 फिर विवादों में, विवादित प्रश्नों को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

याचिका में अधिवक्ता धर्मवीर ठोलिया और अधिवक्ता हिमांशु ठोलिया ने बताया कि मामले में परिवादी ने जमीन का नामान्तरण खोलने और सीमांकन करने की एवज में याचिकाकर्ता की ओर से रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए गत 9 नवंबर को एसीबी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जबकि याचिकाकर्ता ने 3 नवंबर को ही नामान्तरण खोल दिया.

वहीं रिपोर्ट में बताई गई 11 हजार रुपए की राशि ईडीएम प्राईवेट मशीन से जमीन नापने के लिए दिए गए थे. इसके अलावा उसके पास कोई काम लंबित भी नहीं था. याचिका में कहा गया कि प्रकरण में अनुसंधान भी पूरा हो चुका है. इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए. जिसे स्वीकार करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा कर दिया.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने चौमू के नांगल भरडा के पटवारी को एसीबी की ओर से ट्रैप करने के मामले में जमानत पर रिहा कर दिया है. न्यायाधीश सीके सोनगरा ने यह आदेश राजेन्द्र कुमार मीना की जमानत याचिका पर दिए.

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याचिका में अधिवक्ता धर्मवीर ठोलिया और अधिवक्ता हिमांशु ठोलिया ने बताया कि मामले में परिवादी ने जमीन का नामान्तरण खोलने और सीमांकन करने की एवज में याचिकाकर्ता की ओर से रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए गत 9 नवंबर को एसीबी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जबकि याचिकाकर्ता ने 3 नवंबर को ही नामान्तरण खोल दिया.

वहीं रिपोर्ट में बताई गई 11 हजार रुपए की राशि ईडीएम प्राईवेट मशीन से जमीन नापने के लिए दिए गए थे. इसके अलावा उसके पास कोई काम लंबित भी नहीं था. याचिका में कहा गया कि प्रकरण में अनुसंधान भी पूरा हो चुका है. इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए. जिसे स्वीकार करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा कर दिया.

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