जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मंगलवार को गुर्जर सहित पांच जातियों को एमबीसी वर्ग में अलग से पांच फीसदी आरक्षण देने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई टल गई है. अदालत ने रजनीश गुर्जर के मामले में पक्षकार बनने के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए प्रकरण की सुनवाई 22 अप्रैल तक टाल दी है.
न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायधीश गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने यह आदेश अरविंद शर्मा व अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में राजस्थान पिछड़ा वर्ग संशोधन अधिनियम-2019 के प्रावधानों को चुनौती दी गई है.
याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने आपात स्थितियों का हवाला देते हुए इन जातियों को शैक्षणिक संस्थानों व सरकारी सेवाओं में पांच फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया है. सरकार ने यह आरक्षण इन की जनसंख्या के अनुपात को देखते हुए दिया है, जबकि संविधान के तहत जनसंख्या के आधार पर आरक्षण नहीं किया जा सकता. यह सिर्फ शैक्षणिक और सामाजिक पिछड़ेपन के आधार पर ही दिया जा सकता है. इसके अलावा राज्य सरकार ने गुर्जरों के उग्र आंदोलन को रोकने के लिए मजबूरी में अधिनियम पारित किया है.